'जय श्री राम' का नारा लगवाकर विवादों में घिरे तमिलनाडु के राज्यपाल RN रवि, विपक्ष ने बताया RSS का प्रवक्ता

इंजीनियरिंग कॉलेज के एक कार्यक्रम में राज्यपाल ने कहा, "आज के दिन हम उस महापुरुष को श्रद्धांजलि दें, जो श्रीराम के महान भक्त थे. मैं कहूंगा 'जय श्री राम', आप भी कहिए 'जय श्री राम.' छात्रों द्वारा इस नारे को दोहराते हुए वीडियो में देखा जा सकता है.

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Tamil Nadu Governor RN Ravi. Tamil Nadu Governor RN Ravi.

प्रमोद माधव

  • हैदराबाद,
  • 13 अप्रैल 2025,
  • अपडेटेड 7:50 PM IST

तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि एक बार फिर विवादों में आ गए हैं. मदुरै के एक इंजीनियरिंग कॉलेज में छात्रों को “जय श्री राम” का नारा लगवाने को लेकर सियासी घमासान छिड़ गया है. राज्यपाल के इस बयान का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है. इसमें वह छात्रों से कम्ब रामायण लिखने वाले एक प्राचीन कवि को श्रद्धांजलि देने के लिए यह नारा लगाने की अपील करते दिख रहे हैं.

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इंजीनियरिंग कॉलेज के एक कार्यक्रम में राज्यपाल ने कहा, "आज के दिन हम उस महापुरुष को श्रद्धांजलि दें, जो श्रीराम के महान भक्त थे. मैं कहूंगा 'जय श्री राम', आप भी कहिए 'जय श्री राम.' छात्रों द्वारा इस नारे को दोहराते हुए वीडियो में देखा जा सकता है.

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DMK और कांग्रेस का हमला
राज्यपाल के बयान पर सत्ताधारी DMK ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. पार्टी प्रवक्ता धरनीधरन ने कहा, "यह देश के धर्मनिरपेक्ष मूल्यों के खिलाफ है. राज्यपाल बार-बार संविधान का उल्लंघन क्यों करना चाहते हैं? उन्होंने अब तक इस्तीफा क्यों नहीं दिया? वह RSS के प्रवक्ता बन चुके हैं. सुप्रीम कोर्ट ने भी हाल ही में उन्हें उनकी 'जगह' दिखा दी है."

कांग्रेस विधायक आसन मौलाना ने भी राज्यपाल की आलोचना करते हुए कहा,"वह देश के उच्च पदों में से एक पर आसीन हैं, लेकिन ऐसे बोल रहे हैं जैसे कोई धार्मिक प्रचारक हों. भारत विविधताओं वाला देश है—धर्म, भाषा और संस्कृति में. 'जय श्री राम' के नारे लगवाकर राज्यपाल असमानता और धार्मिक विचारधारा को बढ़ावा दे रहे हैं."

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उन्होंने ANI से बात करते हुए यह भी कहा,"राज्यपाल अब RSS और BJP के प्रचारक बन चुके हैं. यह संवैधानिक पद की गरिमा के खिलाफ है."

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सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद आया बयान
गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु विधानसभा द्वारा पारित 10 विधेयकों को रोके रखने के राज्यपाल के फैसले को "अवैध" करार दिया था. अदालत ने कहा था कि राज्यपाल विधेयकों पर अनिश्चितकाल तक कार्रवाई नहीं टाल सकते. इसे DMK सरकार की बड़ी जीत माना गया.

(ANI के इनपुट के साथ)

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