सुप्रीम कोर्ट में फिर गूंजा आवारा कुत्तों का मुद्दा, डॉग लवर्स बोले- आदेश की लिखित कॉपी मिलने से पहले ही एक्शन शुरू

CJI की पीठ के समक्ष एक वकील ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की दो अलग-अलग पीठों के आदेश परस्पर विरोधी हैं. 2024 में जस्टिस संजय करोल और जस्टिस जेके माहेश्वरी की बेंच ने सरकार को एनिमल बर्थ कंट्रोल (ABC) नियमों को लागू करने का निर्देश दिया था, जिसमें कुत्तों को उनके मूल स्थान पर वापस छोड़ने और उनकी हत्या पर रोक लगाने के आदेश शामिल थे.

Advertisement
आवारा कुत्तों का मुद्दा सुप्रीम कोर्ट में उठाया गया (Photo: AFP) आवारा कुत्तों का मुद्दा सुप्रीम कोर्ट में उठाया गया (Photo: AFP)

अनीषा माथुर / सृष्टि ओझा

  • नई दिल्ली,
  • 13 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 7:23 PM IST

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-NCR के आवारा कुत्तों (Stray Dogs) को पकड़कर नसबंदी करने और इन्हें स्थाई तौर पर शेल्टर होम में रखने का आदेश दिया है, इसे लेकर कार्यकर्ताओं में नाराज़गी बढ़ गई है, लिहाजा वह एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटा रहे हैं.

आज शाम 4 बजे कार्यकर्ताओं ने CJI जस्टिस बीआर गवई के समक्ष यह मुद्दा उठाया. उनका कहना था कि जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस आर महादेवन की पीठ द्वारा सोमवार को पारित आदेश की लिखित प्रति अब तक उपलब्ध नहीं कराई गई है. आमतौर पर सुप्रीम कोर्ट के आदेश 24-48 घंटे में वेबसाइट पर अपलोड कर वकीलों को भेज दिए जाते हैं, लेकिन सोमवार को दिल्ली के आवारा कुत्तों पर स्वतः संज्ञान मामले में दिए गए आदेश को बुधवार शाम 4:30 बजे तक प्रकाशित नहीं किया गया.

Advertisement

सुप्रीम कोर्ट के आदेश और टिप्पणियों के बाद न केवल एनिमल राइट्स एक्टिविस्ट विरोध कर रहे हैं, बल्कि स्थानीय प्रशासन ने भी आवारा कुत्तों को पकड़ने की कार्रवाई शुरू कर दी है.

CJI की पीठ के समक्ष एक वकील ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की दो अलग-अलग पीठों के आदेश परस्पर विरोधी हैं. 2024 में जस्टिस संजय करोल और जस्टिस जेके माहेश्वरी की बेंच ने सरकार को एनिमल बर्थ कंट्रोल (ABC) नियमों को लागू करने का निर्देश दिया था, जिसमें कुत्तों को उनके मूल स्थान पर वापस छोड़ने और उनकी हत्या पर रोक लगाने के आदेश शामिल थे. उस फैसले में सभी जीवित प्राणियों के प्रति करुणा बरतने की बात भी कही गई थी.

वकील ने ये भी बताया कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा सोमवार को दिए गए आदेश की लिखित प्रति उपलब्ध न होने के बावजूद दिल्ली के कई इलाकों से कुत्तों को उठाया जा रहा है, जो ABC नियमों के खिलाफ है. इस पर CJI ने मामले को देखने का आश्वासन दिया.

Advertisement

इस बीच, राजधानी में कार्यकर्ताओं ने सुप्रीम कोर्ट के सोमवार के आदेश के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किए हैं.

आजतक की ग्राउंड रिपोर्ट में एनसीआर में पशु नियंत्रण ढांचे की खराब स्थिति उजागर हुई है. नगर निगम ने स्वीकार किया है कि दिल्ली में केवल 20 ABC केंद्र हैं, जिनमें लंबे समय तक कुत्तों को रखने की सुविधा नहीं है और वे केवल 30-40 कुत्तों को एक हफ्ते तक रख सकते हैं. रिपोर्ट में यह भी सामने आया है कि केंद्रों के कर्मचारियों को पहले से मौजूद कुत्तों को भी न छोड़ने के निर्देश दिए गए हैं, जो नियमों के खिलाफ है.

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement