सुप्रीम कोर्ट में आज एक महिला की याचिका पर सुनवाई हुई जिसे कथित तौर पर बिना सही वेरिफिकेशन के भारत से बांग्लादेश जबरन भेज दिया गया था. महिला इस वक्त प्रेग्नेंट है और बांग्लादेश में सीमा से करीब 40 किमी दूर जेल में बंद है. ये याचिका उनके पिता ने दाखिल की है.
सीनियर एडवोकेट संजय हेगड़े ने कोर्ट को बताया कि महिला का नाम सोनाली है. वो प्रेग्नेंट है. पूरा परिवार बांग्लादेश में डिटेन है. इन्हें मालदा वापस आने की इजाजत दी जाए. पिता ने कोर्ट में भावुक अपील करते हुए कहा कि मैं भारतीय नागरिक हूं, मेरी बेटी भारतीय है, लेकिन उसे जबरन बाहर कर दिया गया.
चीफ जस्टिस सूर्यकांत ने याचिका पर तत्काल दखल देते हुए कहा कि मानवीय आधार पर उसे वापस आने दिया जाए. जरूरत पड़े तो निगरानी में रखें, हॉस्पिटल में रखें, लेकिन उसे भारत लाया जाए. कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल को तलब करते हुए कहा कि जब वो आ जाएंगे, तब इस मामले को फिर से सुना जाएगा.
पश्चिम बंगाल छोड़कर भाग रहे घुसपैठिए?
दूसरी ओर कहा जा रहा है कि भारत में स्पेशल इंटेंसिव रिविजन (SIR) यानी चुनावी सूची की जांच शुरू होते ही अवैध बांग्लादेशी घुसपैठिये भारत से वापस अपने देश लौटने लगे हैं. खास तौर पर बंगाल के सीमावर्ती इलाकों में ये स्थिति बड़े आराम से देखी जा सकती है. जहां गैरकानूनी रह रहे बांग्लादेशी अब कई दिनों से लगातार भारत छोड़कर बांग्लादेश जा रहे हैं. बता दें कि बंगाल विधानसभा चुनाव 2026 से ठीक पहले वेस्ट बंगाल में मतदाता पहचान पत्र की सूची की जांच शुरू हो चुकी है. ये प्रक्रिया देश के कई राज्यों में जारी है जिसमें मतदाताओं के पहचान पत्र संबंधित सारी जानकारी जुटाई जा रही है. इस प्रक्रिया के शुरू होने के बाद से बताया जा रहा है कि जो अवैध प्रवासी हैं, उनकी मुश्किल बढ़ गई है.
अनीषा माथुर