'फ्री राशन और पैसा मिल रहा, इसलिए लोग काम नहीं करना चाहते', फ्रीबीज पर सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी

सुप्रीम कोर्ट ने शहरी क्षेत्रों में बेघर लोगों के आश्रय के अधिकार से जुड़ी एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि चुनाव से पहले फ्रीबीज की घोषणाओं से लोग काम करने से बचना चाहते हैं क्योंकि उन्हें मुफ्त में राशन और पैसे मिलते हैं.

Advertisement
(फोटो साभार: AI) (फोटो साभार: AI)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 12 फरवरी 2025,
  • अपडेटेड 4:20 PM IST

सुप्रीम कोर्ट ने शहरी गरीबी उन्मूलन पर बुधवार को सुनवाई करते हुए सख्त टिप्पणी की है. कोर्ट ने कहा कि फ्रीबीज की वजह से लोग काम करने से बचना चाह रहे हैं. लोगों को बिना काम किए पैसे मिल रहे हैं.

कोर्ट ने शहरी क्षेत्रों में बेघर लोगों के आश्रय के अधिकार से जुड़ी एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि चुनाव से पहले फ्रीबीज की घोषणाओं से लोग काम करने से बचना चाहते हैं क्योंकि उन्हें मुफ्त में राशन और पैसे मिलते हैं.

Advertisement

जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने कहा कि दुर्भाग्य से इन फ्रीबीज की वजह से लोग काम करने से कतराते हैं. उन्हें मुफ्त में राशन मिल रहा है. बिना काम किए पैसे मिल रहे हैं. हम लोगों को लेकर आपकी चिंताओं को समझते हैं लेकिन क्या ये बेहतर नहीं होगा कि लोगों को समाज की मुख्यधारा में लाया जाए और राष्ट्र के विकास में उन्हें योगदान करने दें.

इस दौरान अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमणी ने पीठ को बताया कि केंद्र सरकार शहरी गरीबी उन्मूलन मिशन को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया में हैं.

पीठ ने अटॉर्नी जनरल से केंद्र से यह वेरिफाई करने को कहा कि कितने समय में शहरी गरीबी उन्मूलन मिशन प्रभावी होगा. इस मामले की सुनवाई अब छह हफ्ते बाद होगी.

बता दें कि यह पहली बार नहीं है जब कोर्ट ने फ्रीबीज को लेकर सख्ती दिखाई है. पिछले साल कोर्ट ने केंद्र और चुनाव आयोग से चुनाव प्रचार के दौरान राजनीतिक दलों द्वारा मुफ्त सुविधाएं देने के चलन को चुनौती देने वाली याचिका पर जवाब देने को कहा था. 

Advertisement

दिल्ली में हाल ही में हुए विधानसभा चुनावों के दौरान आम आदमी पार्टी सहित कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी सभी दलों ने कई वर्गों को ध्यान में रखकर मुफ्त घोषणाएं की थीं.

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement