देश के सभी हाई कोर्ट 3 महीने के भीतर ऑनलाइन RTI पोर्टल स्थापित करें: सुप्रीम कोर्ट

CJI ने कहा कि आरटीआई अधिनियम के तहत नागरिकों को लिखित या इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से आवेदन करने का अधिकार है. आरटीआई आवेदक के पास इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से आवेदन भेजने का वैधानिक अधिकार है और ऑनलाइन सुविधाएं आरटीआई अधिनियम के उद्देश्यों को काफी हद तक आसान कर देंगी.

Advertisement
सुप्रीम कोर्ट ने 3 महीने के भीतर ऑनलाइन RTI पोर्टल स्थापित करने को कहा है सुप्रीम कोर्ट ने 3 महीने के भीतर ऑनलाइन RTI पोर्टल स्थापित करने को कहा है

संजय शर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 20 मार्च 2023,
  • अपडेटेड 12:00 AM IST

देश के सभी हाईकोर्ट में ऑनलाइन आरटीआई पोर्टल की मांग के मामले में सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. CJI की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा की हमारा विचार है देश के सभी हाई कॉर्ट्स 3 महीने के भीतर ऑनलाइन आरटीआई पोर्टल स्थापित करे.

मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा कि इसे हमने शुरू कर दिया है. सभी हाई कोर्ट अपने आरटीआई पोर्टल क्यों नहीं स्थापित करते?  

Advertisement

CJI ने टिप्पणी करते हुए कहा आरटीआई अधिनियम, 2005 के लागू होने के 17 साल बाद भी ऑनलाइन आरटीआई पोर्टल का नहीं होना उचित नहीं है.

उन्होंने कहा कि आरटीआई अधिनियम के तहत नागरिकों को लिखित या इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से आवेदन करने का अधिकार है. आरटीआई आवेदक के पास इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से आवेदन भेजने का वैधानिक अधिकार है और ऑनलाइन सुविधाएं आरटीआई अधिनियम के उद्देश्यों को काफी हद तक आसान कर देंगी.

आज मामले की सुनवाई के दौरान  कोर्ट ने कहा की इस मामले में 17 राज्यों ने अपना जवाब दाखिल किया है. कुछ राज्यों को बुनियादी सुविधाओं का इंतजार है वही कुछ राज्य इसकी प्रक्रिया में हैं.

कार्यवाही के माध्यम से बताया गया कि दिल्ली, उड़ीसा और मध्य प्रदेश के हईकोर्ट ने ऑनलाइन आरटीआई पोर्टल स्थापित किए हैं. हालांकि किसी भी हाईकोर्ट ने निचली न्यायपालिका के लिए ऑनलाइन पोर्टल स्थापित नहीं किए थे.

Advertisement

पीठ ने कहा कि भारत के मुख्य न्यायाधीश हाईकोर्ट सक्षम प्राधिकारी होंगे और उन्होंने याचिकाकर्ताओं की उस दलील को ध्यान में रखा जिसमें कहा गया कि हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश यह सुनिश्चित करेंगे कि पोर्टल तैयार किए जाए.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement