सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी- डिजिटल कंटेंट को कंट्रोल करने के लिए नियम बनाए सरकार

सर्वोच्च अदालत ने केंद्र सरकार से कहा है कि वो डिजिटल कंटेंट को कंट्रोल करने के लिए नियम तैयार करे. तांडव वेब सीरीज से जुड़े मसले पर सुनवाई करते हुए अदालत ने ये टिप्पणी की है.

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डिजिटल कंटेंट को लेकर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी (File) डिजिटल कंटेंट को लेकर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी (File)

संजय शर्मा / अनीषा माथुर

  • नई दिल्ली,
  • 05 मार्च 2021,
  • अपडेटेड 1:50 PM IST
  • डिजिटल कंटेंट कंट्रोल करने के लिए नियम बने: SC
  • तांडव से जुड़ी याचिका की सुनवाई में SC की टिप्पणी

वेब सीरीज़ तांडव से जुड़े मामले की सुनवाई करते हुए शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी टिप्पणी की है. सर्वोच्च अदालत ने केंद्र सरकार से कहा है कि वो डिजिटल कंटेंट को कंट्रोल करने के लिए नियम तैयार करे. अदालत ने साथ ही अमेजन प्राइम की अपर्णा पुरोहित की गिरफ्तारी पर रोक भी लगा दी है. 

अमेजन प्राइम की अपर्णा पुरोहित द्वारा दायर की गई याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में टिप्पणी की. अदालत ने कहा कि हमें सरकार की तरफ से बनाई गई गाइडलाइन्स मिली हैं, इसमें किसी तरह की सज़ा का प्रावधान ही नहीं है. ना ही कंटेंट को कंट्रोल करने के लिए कोई तरीका है.

सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल ने अदालत को बताया कि हम कंटेंट कंट्रोल करने के लिए एक ड्राफ्ट तैयार करेंगे. लेकिन इस वक्त किसी तरह की कोई सेंसरशिप या रेगुलेशन नहीं है. हम इस मामले में ड्राफ्ट तैयार कर सकते हैं. 

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अपर्णा पुरोहित को मिली राहत
अदालत में अपर्णा पुरोहित की ओर से कहा गया कि हम जांच में सहयोग कर रहे हैं, हालांकि इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने हमारी दलील नहीं सुनी है. अब इस मसले पर सुप्रीम कोर्ट ने नोटिस जारी किया है. सुप्रीम कोर्ट ने अपर्णा पुरोहित को राहत देते हुए गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है. अदालत ने नोटिस जारी किया है कि याचिकाकर्ता द्वारा जांच में सहयोग किया जाए. 

अपर्णा पुरोहित की तरफ से मुकुल रोहतगी ने अदालत में कहा कि जिन सीन पर आपत्ति थी, उन्हें हटा दिया गया है. अमेजन, नेटफ्लिक्स पर पोर्न नहीं परोसा जाता है, बल्कि बेहतरीन फिल्में दिखाई जाती हैं जो दुनियाभर में प्रचलित हैं.

आपको बता दें कि अमेजन प्राइम की वेब सीरीज तांडव काफी विवादों में रही थी, इसके प्रोड्यूसर्स और एक्टर्स पर देश के अलग-अलग हिस्सों में एफआईआर दर्ज की गई थी और धार्मिक भावनाएं भड़काने का आरोप लगाया गया था. 

बीते दिन भी इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई थी, तब सर्वोच्च अदालत ने टिप्पणी करते हुए कहा था कि डिजिटल कंटेंट को रेगुलेट करने के लिए कोई तरीका होना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि डिजिटल प्लेटफॉर्म पर कई जगह ऐसी हैं, जहां पोर्न परोसा जा रहा है जिसे कंट्रोल करना जरूरी है. 

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