हाई कोर्ट में जजों की नियुक्ति के लिए SC कॉलेजियम ने लिए 50 से ज्यादा उम्मीदवारों के इंटरव्यू

इंटरव्यू में सीजेआई भूषण रामकृष्ण गवई, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस विक्रम नाथ ने जजशिप के लिए सिफारिश किए गए नामों में वकीलों और न्यायिक अधिकारियों के साथ आमने सामने बातचीत की.

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सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने लिया जजों का इंटरव्यू सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने लिया जजों का इंटरव्यू

संजय शर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 03 जुलाई 2025,
  • अपडेटेड 10:44 AM IST

सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने इस हफ्ते सिर्फ दो दिनों में करीब 50 उम्मीदवारों का इंटरव्यू लिया, जिससे उच्च न्यायालयों में नियुक्तियों के लिए एक बार में सबसे ज्यादा तादाद में इंटरव्यू का रिकॉर्ड बना. ये नियुक्तियां मध्य प्रदेश, दिल्ली, पटना, पंजाब और हरियाणा, राजस्थान सहित जजों की गंभीर कमी से जूझ रहे न्यायालयों में होनी हैं. इसके लिए सुप्रीम कोर्ट के तीन सबसे सीनियर जज मंगलवार और बुधवार को 50 से ज्यादा उम्मीदवारों से व्यक्तिगत तौर पर सुप्रीम कोर्ट परिसर में मुलाकात और बातचीत की.

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इंटरव्यू में सीजेआई भूषण रामकृष्ण गवई, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस विक्रम नाथ ने जजशिप के लिए सिफारिश किए गए नामों में वकीलों और न्यायिक अधिकारियों के साथ आमने सामने बातचीत की. संभावित जजों की संवैधानिक, विधि शास्त्र और न्यायिक प्रक्रिया की पूरी तरह से समझ के साथ न्यायिक ज्ञान से संबंधित सोच जानने के लिए विस्तृत पूछताछ की गई.

क्या नियम तय किए गए हैं?

यह प्रक्रिया इस वर्ष अप्रैल में सुप्रीम कोर्ट से जारी अनुदेशक के मुताबिक है. इसमें हाईकोर्ट्स के लिए जजों की नियुक्ति की प्रक्रिया को ज्यादा समावेशी और पारदर्शी बनाने के लिए समुचित प्रावधान तय किए गए हैं. उस मसौदे में कहा गया था कि हाई कोर्ट कॉलेजियम की सिफारिश, राज्य सरकार, आईबी और उसी मूल उच्च न्यायालय से सुप्रीम कोर्ट में आए जजों का उस उम्मीदवार जज के प्रति परामर्श और राय जानने के बाद खुफिया रिपोर्ट के साथ सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम उम्मीदवार के साथ व्यक्तिगत तौर पर बातचीत भी करेगा.

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कॉलेजियम के इंटरव्यू के बाद क्या?

किसी वकील को भी हाई कोर्ट जज नियुक्त करने की शुरुआत भी हाई कोर्ट कॉलेजियम से ही होती है. वहां भी नाम की सिफारिश सुप्रीम कोर्ट भेजने से पहले कॉलेजियम अन्य जजों और बार से भी सलाह लेते हैं. कॉलेजियम उनसे व्यक्तिगत तौर पर भी मुलाकात करता है लेकिन जिन सुयोग्य न्यायिक अधिकारियों को हाई कोर्ट जज नियुक्त करने पर शुरुआती विचार होता है, उनके बारे में भी हाई कोर्ट जजों की एक कमेटी विस्तृत रिपोर्ट भेजती है. इसमें वो जज होते हैं, जो कॉलेजियम का हिस्सा नहीं होते.

सिफारिश किए गए नामों की लिस्ट मुख्यमंत्री कार्यालय को भी भेजी जाती है. राज्य सरकार उन उम्मीदवारों के प्रति कई पहलुओं से खुफिया एजेंसियों के जरिए जानकारी हासिल करती हैं. फिर पूरी फाइल राज्यपाल के पास भेजी जाती है, जिसे वो केंद्रीय विधि और न्याय मंत्रालय को भेज देते हैं.

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इसके बाद, ये कॉलेजियम तक पहुंचती है और सुप्रीम कोर्ट में उन जजों से सिफारिशी नामों पर सलाह ली जाती है, जो संबंधित राज्य के हाई कोर्ट में जज रह चुके हैं. इसके साथ ही उम्मीदवारों का इंटरव्यू होने के बाद सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम उनमें से बेस्ट नाम नियुक्ति के लिए केंद्र सरकार को भेजता है.

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