भारत और चीन के बीच सीमा पर तनाव खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है. लगातार दोनों देशों की सेनाओं के बीच बातचीत हो रही है, कुछ मुद्दों पर सहमति बनती है लेकिन कोई ठोस नतीजा निकलता नहीं दिख रहा है. इस बीच भारतीय जनता पार्टी के राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने इस मसले पर केंद्र सरकार से ही सवाल किया है और श्वेतपत्र लाने की बात कह दी है.
भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्वीट कर लिखा कि चीन के साथ जारी विवाद के मसले पर श्वेत पत्र लाने में क्या दिक्कत है? परेशानी है कि सीमा पर हमारी नई स्थिति एक नया यथास्थिति की ओर बढ़ रही है. अब सिर्फ लड़ाई ही इसे पहले की स्थिति में ला सकता है, क्या भारत तैयार है?
आपको बता दें कि सुब्रमण्यम स्वामी इससे पहले भी चीन के मसले पर लगातार बोलते आए हैं और सरकार को चेतावनी देते आए हैं. इससे पहले भी जब भारत और चीन के बीच पांच सूत्रीय फॉर्मूला सामने आया था, तब भी स्वामी ने उसपर सवाल उठाए थे.
तब बीजेपी नेता ने सवाल दागा था कि क्या इस संयुक्त वक्तव्य का सरल अंग्रेजी में अनुवाद कर सकते हैं ताकि मैं यह जान सकूं कि क्या चीनी सैनिक 1993 से या फिर 18 अप्रैल, 2020 से लद्दाख में LAC के कब्जे वाले इलाकों से हटने को तैयार हो गए हैं? डिसएंगेजमेंट का मतलब यथास्थिति को बहाल रखना नहीं है.
गौरतलब है कि भारत और चीन के बीच अबतक कई राउंड की बात हो गई है लेकिन चीन सेना हटाने को तैयार नहीं है. हालांकि, ताजा बैठक में दोनों देशों ने सहमति जताई है कि अब और सैनिकों को सीमा पर नहीं बुलाया जाएगा. हालांकि, सेना अभी भी सीमा पर मुस्तैद है और लॉन्ग हॉल के लिए तैयार हैं.
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