असम: STF ने रोहिंग्याओं को अवैध रूप से भारत लाने में शामिल 8 लोगों को किया गिरफ्तार

असम के डीआइजी ने कहा, 'दलाल रोहिंग्याओं को भारत में घुसने के लिए भारत-बांग्लादेश सीमा का इस्तेमाल कर रहे थे और फिर वे देश के विभिन्न हिस्सों में भेजने के लिए असम को गलियारे के रूप में उपयोग करने की कोशिश कर रहे थे. दलालों की गिरफ्तारी के बाद जांच से पता चला है कि उनमें से ज्यादातर लोग त्रिपुरा से काम कर रहे थे.'

Advertisement
STF ने रोहिंग्याओं को अवैध रूप से भारत लाने में शामिल 8 को किया गिरफ्तार STF ने रोहिंग्याओं को अवैध रूप से भारत लाने में शामिल 8 को किया गिरफ्तार

aajtak.in

  • गुवाहाटी,
  • 31 जुलाई 2023,
  • अपडेटेड 7:14 PM IST

असम पुलिस की विशेष टास्क फोर्स ने रोहिंग्याओं को अवैध रूप से भारत लाने में शामिल आठ लोगों को गिरफ्तार किया है. त्रिपुरा के सीमावर्ती जिलों में पुलिस द्वारा किए गए ऑपरेशन के दौरान यह पाया गया कि गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों ने अवैध रोहिंग्या मुसलमानों और बांग्लादेशी नागरिकों को भारतीय नागरिक के रूप में पहचान दिलाने के लिए कथित तौर पर फर्जी आईडी और अन्य यात्रा दस्तावेजों का इस्तेमाल किया था.

Advertisement

असम पुलिस के उप महानिरीक्षक, पार्थ सारथी महंत ने कहा, 'अवैध अप्रवासी हमारे देश के लिए खतरा हैं और अवैध रोहिंग्या हमारी प्राकृतिक सुरक्षा के लिए खतरा हैं, इसलिए इसे एसटीएफ को सौंपा गया था और यह ऑपरेशन असम के डीजीपी की सीधी निगरानी में था. एसटीएफ ने अभियान चलाकर मामला दर्ज किया और दो महीने पहले हमने दो चार दलालों को गिरफ्तार किया. क्योंकि दलालों के बिना अवैध अप्रवासियों का असम में प्रवेश संभव नहीं है.'

इसे राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा बताते हुए पुलिस ने कहा, बांग्लादेश से ऐसे रोहिंग्या मुसलमानों को भारत में लाने के कारोबार में शामिल दलालों की कार्यप्रणाली गुप्त उद्देश्यों के लिए है, जिसमें आंतरिक अशांति पैदा करने की प्रवृत्ति होती है, जिससे धमकी दी जाती है.  यह एकता, अखंडता और संप्रभुता के लिए खतरा है. 

Advertisement

दलाल अवैध रोहिंग्या अप्रवासियों को कुमारघाट रेलवे स्टेशन (त्रिपुरा) से दिल्ली जाने वाली ट्रेनों में चढ़ने की सुविधा भी देते हैं. इन दलालों ने फर्जी आईडी का उपयोग करके और साथ ही फर्जी दस्तावेजों का उपयोग करके रोहिंग्याओं को धर्मनगर, कुमारघाट (त्रिपुरा) और बदरपुर (असम) से कोलकाता, दिल्ली, हैदराबाद और बेंगलुरु जाने वाली ट्रेनों में चढ़ने तक पहुंचाया.

गिरफ्तार किए गए लोगों की पहचान डालुगांव, उनाकोटी, त्रिपुरा के उत्तम पाल के रूप में हुई है. इसके अलावा कमलघाट, पश्चिम त्रिपुरा की काजल सरकार, पश्चिमी त्रिपुरा के कमलघाट के सागर सरकार, त्रिपुरा के सिपाहीजेला जिले के परवेज़ हुसैन उर्फ अब्दुल हुसैन, चांदपुर के मोहम्मद शहादत उर्फ सहादत एसके, जो एक बांग्लादेशी नागरिक हैं. इसके अलावा दलालों में शिब शंकर घोष उर्फ बोटो, बेलोनिया, दक्षिण त्रिपुरा, बेलोनिया, दक्षिण त्रिपुरा का कार्ति,  बिजॉय बरुआ, चटगांव, बांग्लादेश से बांग्लादेशी दलाल शामिल हैं.

असम के डीआइजी ने कहा, 'दलाल रोहिंग्याओं को भारत में घुसने के लिए भारत-बांग्लादेश सीमा का इस्तेमाल कर रहे थे और फिर वे देश के विभिन्न हिस्सों में भेजने के लिए असम को गलियारे के रूप में उपयोग करने की कोशिश कर रहे थे. दलालों की गिरफ्तारी के बाद जांच से पता चला है कि उनमें से ज्यादातर लोग त्रिपुरा से काम कर रहे थे.'

Advertisement

पुलिस ने यह भी बताया कि एसटीएफ भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल दलालों के अवैध नेटवर्क के खिलाफ देश के अन्य हिस्सों में ऑपरेशन को अंजाम देने के लिए टीमें भेजेगी.

सरास्वत कश्यप की रिपोर्ट

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement