प्रतिबंधित खालिस्तानी (Khalistani) संगठन सिख फ़ॉर जस्टिस (Sikhs For Justice) एक भड़काऊ वीडियो (Controversial Video) फिर से सामने आया है. सिख फ़ॉर जस्टिस के गुरूपंत सिंह पन्नू (Gurupant Singh Pannu) वीडियो में जहर उगलता नजर आ रहा है. गुरूपंत सिंह पन्नू वीडियो में कहता है, 22 जुलाई को किसी के हाथ में तिरंगा नहीं होना चाहिए. भारत के टुकड़े-टुकड़े कर देना है.
दरअसल, 22 जुलाई को किसान संगठनों ने संसद घेराव का एलान किया है. संसद घेराव की आड़ में पन्नू लोगों को भड़काने की कोशिश कर रहा है. पन्नू के वीडियो में पीएम नरेंद्र मोदी और पार्लियामेंट की तस्वीरें दिखाई दे रही हैं. वीडियो में पन्नू कह रहा है कि भारत के टुकड़े टुकड़े कर देना है. ये वही गुरूपंत सिंह पन्नू है जो लागतार लाल किले पर खालिस्तान का झंडा फहराने पर लाखों डॉलर इनाम देने की बातें कहता था.
गौरतलब है कि इसी साल 26 जनवरी लाल किला हिंसा की चार्जशीट में भी सिख फ़ॉर जस्टिस का जिक्र करते हुए दिल्ली पुलिस ने बताया है कि एक आरोपी ने लाल किले पर तिरंगा हटाकर निशान साहब इसलिए लहराया था क्योंकि उसे पता था कि सिख फ़ॉर जस्टिस संगठन ने पैसे का एलान किया है और निशान साहब लहराने से उसे पैसे मिलेंगे.
बता दें कि सिख फ़ॉर जस्टिस एक खालिस्तानी संगठन है. नया वीडियो सामने आने के बाद खुफिया एजेंसियों के कान खड़े हो गए हैं क्योंकि 22 जुलाई को किसान संगठनों ने संसद घेराव का ऐलान भी किया है.हालांकि दिल्ली पुलिस ने किसी भी प्रोटेस्ट की इजाजत नहीं दी है.
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बता दें कि सिख फ़ॉर जस्टिस संगठन ने यह वीडियो 14 जुलाई को रिलीज किया है जिसमें गुरूपंत सिंह पन्नू के जहर उगलने अलावा वीडियो में लाल किले पर हुई हिंसा की भी तस्वीरें दिखाई गई हैं. लाल किले में हिंसा के लिए उकसाने का वीडियो गुरूपंत सिंह पन्नू साल 2020 से रिलीज करता आ रहा है. सिख फ़ॉर जस्टिस ग्रुप अलग खालिस्तान की मांग को लेकर रेफरेंडम-2020 भी चला रहा है.दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल ने इस संगठन के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है जिसकी जांच जारी है.
अरविंद ओझा