कोलकाता में भाजपा मुख्यालय के बाहर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे सिख समुदाय के लोगों ने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस को पत्र लिखकर खालिस्तानी टिप्पणी विवाद के संबंध में तत्काल दखल देने की मांग की है. सिख समुदाय के लोगों ने बीजेपी नेता सुवेंदु अधिकारी के खिलाफ एक्शन लेने के लिए चुनाव आयोग को भी एक और पत्र भेजा है.
बंगाल के राज्यपाल को लिखे पत्र में सिख समुदाय के लोगों ने कहा कि हमने पश्चिम बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी द्वारा पगड़ी पहनने सहित सिख समुदाय की सांस्कृतिक और धार्मिक प्रथाओं को निशाना बनाने की बात कही है और सिख समुदाय को निशाना बनाने वाली अपमानजनक टिप्पणियों का जिक्र भी किया हैं.
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राज्यपाल से की मांग
सिख समुदाय ने कहा कि इस मुद्दे का अभी तक हल नहीं हो सका है. हमारे समुदाय की गरिमा और सम्मान को लगातार कमजोर किया जा रहा है.'पत्र में लिखा गया है कि वे बंगाल के राज्यपाल से एक बार फिर हस्तक्षेप का अनुरोध करते हैं. पत्र में लिखा गया, "हमारी शिकायतों की गंभीरता और पश्चिम बंगाल के भीतर सांप्रदायिक सद्भाव पर उनके संभावित प्रभाव को देखते हुए, हम कृपया सुझाव देते हैं कि (यदि आपको यह उचित लगे) भारत सरकार के गृह विभाग को एक निर्देश जारी किया जाए."
आपको बता दें कि पश्चिम बंगाल का संदेशखाली इन दिनों टीएमसी और बीजेपी के बीच राजनीति का अखाड़ा बना हुआ है. कुछ दिन पहले टीएमसी और बंगाल पुलिस की ओर से दावा किया गया था एक सिख आईपीएस अधिकारी को बीजेपी नेताओं ने खालिस्तानी कहा, जिसके बाद इस मामले ने तूल पकड़ लिया था.
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क्या है ये पूरा मामला?
सिख पुलिस अधिकारी का मामला तब सामने आया, जब बीजेपी के नेता संदेशखाली जाने की जिद पर अड़े हुए थे और उन्हें पुलिस ने रोका हुआ था. उसी समय बीजेपी नेता सुभेंदु अधिकारी द्वारा कथित तौर पर सिख IPS अधिकारी पर कॉमेंट किया गया, जिसके बाद उनका वीडियो सामने आया, जिसमें वो कह रहे हैं, "आप मुझे ख़ालिस्तानी बोल रहे हैं, क्योंकि मैंने पगड़ी पहनी है."
वहीं पुलिस की ओर से बयान जारी कर कहा गया है कि "यह टिप्पणी जितनी दुर्भावनापूर्ण और नस्लीय है, उतनी ही सांप्रदायिक रूप से भड़काऊ भी है. यह एक आपराधिक कृत्य है. हम स्पष्ट रूप से किसी व्यक्ति की धार्मिक पहचान और मान्यताओं पर अस्वीकार्य हमले की निंदा करते हैं जिसका उद्देश्य लोगों को हिंसा करने और कानून तोड़ने के लिए उकसाना है. कड़ी कानूनी कार्रवाई शुरू की जा रही है."
सूर्याग्नि रॉय