जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के बाद केंद्र की मोदी सरकार ने अगले ही दिन सिंधु जल समझौते को स्थगित कर दिया. भारत के इस फैसले से पाकिस्तान में नाराजगी देखी गई. क्योंकि इस समझौते के तहत से जो पानी वहां पहुंचता, उसी पर वहां की 80 फीसदी कृषि निर्भर थी.
अब केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज (सोमवार) को सिंधु जल समझौता स्थगित करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद किया. साथ ही उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की इस समझौते को लेकर आलोचना की.
शिवराज सिंह चौहान ने क्या कहा?
शिवराज सिंह चौहान ने कहा, 'मोदी सरकार ने एक ऐतिहासिक फैसला लेते हुए सिंधु जल समझौता को रद्द कर दिया. यह साधारण घटना नहीं है. लेकिन किसानों को मैं बताना चाहता हूं कि कितना बड़ा अन्याय हमारे देश के साथ हुआ. कहावतें लम्हों ने खता की सदियों ने सजा पाई. पंडित जवाहर लाल नेहरू जी प्रधानमंत्री थे, तब ये सिंधु समझौता हुआ'.
उन्होंने कहा, इस समझौते के तहत तत्कालीन सरकार ने 80 फीसदी से ज्यादा पानी पाकिस्तान को दे दिया. जिस नदियों का उद्गम स्थल भारत में है. नदियां पहले भारत में बहती हैं, लेकिन इस्तेमाल पाक कर रहा था. हमने केवल हमारा पानी पाकिस्तान को नहीं दिया. बल्कि साथ-साथ पैसा भी दिया. उस समय दिए गए 83 करोड़ रुपये जिसकी वर्तमान में कीमत है 5,500 करोड़. पानी भी दिया और पैसा भी दिया.
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शिवराज बोले- पैसा इसलिए दिया कि वहां नहरें और जल संरचना बना लो. ये कैसी दरियादिली थी? अपने देश के किसानों का, पेट काट के हम उनको पानी दे रहे हैं, जो आतंकियों को पैदा करने के लिए जवाबदार है.
भारत-पाक तनाव पर क्या बोले शिवराज?
शिवराज सिंह ने कहा, हमें गर्व है हमारी सेना पर, उनके शौर्य और पराक्रम पर. हमारी सेना ने तुर्किए, चीन के ड्रोन और मिसाइलों को खिलौनों की तरह मार गिराया. पाकिस्तान के ड्रोन और मिसाइलों के मलबे से हमारे बच्चे खेल रहे हैं. तीन दिन में ही पाकिस्तान घुटनों पर आ गया.
पीयूष मिश्रा