संदेशखाली के लोगों का गुस्सा, भीड़ ने शाहजहां शेख के भाई के ठिकानों पर की आगजनी

पश्चिम बंगाल से संदेशखाली से टीएमसी नेता शाहजहां शेख फरार है. उसकी फरारी के बाद अब भीड़ का गुस्सा उसके भाई के ठिकाने पर फूट पड़ा है. गुरुवार को भीड़ ने शाहजहां शेख के भाई के ठिकाने को आग के हवाले कर दिया.

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Trinamool leader Sheikh Shahjahan (Credits: India Today) Trinamool leader Sheikh Shahjahan (Credits: India Today)

अनुपम मिश्रा

  • संदेशखाली,
  • 22 फरवरी 2024,
  • अपडेटेड 2:47 PM IST

पश्चिम बंगाल के संदेशखाली से फरार चल रहे शाहजहां शेख के भाई के ठिकाने पर गुरुवार को भीड़ ने हमला कर दिया. भीड़ में शामिल लोगों ने रामपुर इलाके में शाहजहां शेख के भाई से संबंधित मछली पालन की जगह में एक झोपड़ी में आग लगा दी.

हमला करने वाले ग्रामीणों का आरोप है कि शाहजहां शेख के भाई शिराजुद्दीन ने भाई का दबाव बनाकर ये जगह आदिवासियों से हड़प ली थी. इस बात से खफा होकर ही ग्रामीणों ने उसमें आग लगा दी. बता दें कि संदेशखाली, पश्चिम बंगाल में उत्तरी 24 परगना जिले के बशीरहाट में एक इलाका है. बीते एक महीने से इस इलाके की जमीन सियासी अखाड़ा बनी हुई है.

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टीएमसी के फरार नेता शाहजहां शेख पर गंभीर आरोप लगे हैं. ये वही शाहजहां शेख है, जिस पर पहले भी संदेशखाली इलाके में दंगे का आरोप लगा था. इसी शाहजहां शेख के ठिकाने पर जब ईडी की टीम छापा मारने पहुंची थी तो भीड़ ने ईडी टीम पर ही हमला कर दिया था, जिसका आरोप शाहजहां शेख पर लगा था.

भीड़ ने शाहजहां के भाई के ठिकाने को फूंका

संदेशखाली में जारी बवाल की पूरी टाइमलाइन

5 जनवरी: राशन वितरण में भ्रष्टाचार के आरोप पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शाहजहां के घर तलाशी अभियान चलाया. शाहजहां के गिरोह ने उस दिन ईडी अधिकारियों पर हमले किए. इस मामले में टीएमसी के ब्लॉक प्रमुख शिबू हाजरा और जिला परिषद सदस्य और तृणमूल के क्षेत्रीय अध्यक्ष (अब निष्कासित) उत्तम सरदार का नाम सामने आया था.

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7 फरवरी: शाहजहां की सेना पर अत्याचार और भूमि कब्जा करने के आरोपों के कारण संदेशखाली में दंगे भी हुए. महिलाओं ने बांस, कतरी, खूंटी, लाठी लेकर विरोध प्रदर्शन किया. अगले दिन शिबू के बगीचे और पोल्ट्री फार्म में तोड़फोड़ की गई. संदेशखाली की महिलाओं की शिकायत थी कि शिबू हाजरा उन्हें रात में मीटिंग के नाम पर बुलाते थे. उन पर अत्याचार करते थे.

10 फरवरी: तृणमूल नेता पार्थ भौमिक ने रेड रोड रैली से उत्तम सरदार को 6 साल के लिए निलंबित करने की घोषणा की. उन्होंने कहा कि यह फैसला पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी के निर्देश पर लिया गया है. कुछ ही घंटों बाद उत्तम सरदार को छेड़छाड़ के एक मामले में गिरफ्तार कर लिया गया.

12 फरवरी: उत्तम को बशीरहाट डिविजनल कोर्ट ने जमानत दे दी. उन्हें फिर से गिरफ्तार कर लिया गया और बशीरहाट पुलिस स्टेशन ले जाया गया. इस बीच, पुलिस ने महिलाओं की शिकायतों की जांच के लिए 10 सदस्यीय जांच टीम का गठन किया. दूसरी ओर, शिबू हाजरा का कोई पता नहीं चला है.

15 फरवरी: संदेशखाली की महिलाओं की शिकायत को तृणमूल शुरू से ही खारिज करती रही है. इस दिन विधानसभा में ममता बनर्जी ने कहा, ''मैं चेहरे पर मास्क पहनकर तस्वीरें ले रही थी. बाहर से लोगों को लाकर इलाके को अशांत करने की कोशिश की गई.

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17 फरवरी: पुलिस ने उत्तम और शिबू के खिलाफ दर्ज मामले में सामूहिक बलात्कार और हत्या के प्रयास को जोड़ा. इसके बाद तृणमूल नेता शिबू हाजरा को गिरफ्तार कर लिया गया. राज्य पुलिस के एडीजी (दक्षिण बंगाल) और बारासात के डीआइजी का तबादला कर दिया गया. DIG सुमित कुमार ने भास्कर मुखोपाध्याय को हटाया.

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