'वोटर्स बहुत समझदार हैं', हरीश साल्वे ने किया 'वन नेशन-वन इलेक्शन' का समर्थन

हरीश साल्वे ने कहा, 'जो लोग कह रहे हैं कि एक देश एक चुनाव संघीय ढांचे का उल्लंघन करता है, वे बिना सोचे-समझे बोल रहे हैं. इसमें हर भारतीय एक हितधारक है, यह केवल राजनेताओं के लिए नहीं है.' हरीश साल्वे 'एक देश-एक चुनाव' को लेकर बने राम नाथ कोविंद के नेतृत्व वाले पैनल का हिस्सा थे. उन्होंने एक साथ पूरे देश में चुनाव की सिफारिश की थी.

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हरीश साल्वे ने किया 'वन नेशन-वन इलेक्शन' का समर्थन (फाइल फोटो) हरीश साल्वे ने किया 'वन नेशन-वन इलेक्शन' का समर्थन (फाइल फोटो)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 17 दिसंबर 2024,
  • अपडेटेड 7:41 PM IST

सीनियर एडवोकेट और देश के शीर्ष संवैधानिक विशेषज्ञों में से एक हरीश साल्वे ने 'वन नेशन-वन इलेक्शन' का समर्थन किया है. उन्होंने विपक्ष के उस आरोप को खारिज कर दिया जिसमें कहा जा रहा था कि वन नेशन वन इलेक्शन ने संघवाद का उल्लंघन करता है. उन्होंने कहा कि इस कदम से बार-बार होने वाले चुनावों के कारण शासन की पंगुता और बेहिसाब खर्च को रोका जा सकेगा.

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इंडिया टुडे को दिए एक एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में साल्वे ने कहा, 'जो लोग कह रहे हैं कि एक देश एक चुनाव संघीय ढांचे का उल्लंघन करता है, वे बिना सोचे-समझे बोल रहे हैं. इसमें हर भारतीय एक हितधारक है, यह केवल राजनेताओं के लिए नहीं है.' हरीश साल्वे 'एक देश-एक चुनाव' को लेकर बने राम नाथ कोविंद के नेतृत्व वाले पैनल का हिस्सा थे. उन्होंने एक साथ पूरे देश में चुनाव की सिफारिश की थी.

'मतदाता कहीं ज्यादा समझदार हैं'

विपक्षी दलों के तीखे विरोध के बीच मंगलवार को 'एक देश, एक चुनाव' के लिए सरकार संसद में 'संविधान (129वां संशोधन) विधेयक 2024' और केंद्र शासित प्रदेश कानून (संशोधन) विधेयक 2024 लेकर आई. विपक्ष ने कहा कि इस कदम से सत्ता का केंद्रीकरण होगा और राज्यों की स्वायत्तता का उल्लंघन होगा. कांग्रेस ने इसे राष्ट्रपति शासन प्रणाली शुरू करने की भाजपा की चाल बताया है.

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साल्वे ने कहा कि यह धारणा गलत है कि राज्य भारत संघ के अधीन हो जाएंगे. उन्होंने कहा, 'राज्य हमेशा प्रदेश में मतदान करने वाले लोगों द्वारा चुनी गई पार्टी द्वारा शासित होंगे. यदि चुनी हुई सरकार गिर जाती है तो क्या होगा? इसकी कोई संवैधानिक गारंटी नहीं है कि आप 5 साल तक शासन कर सकते हैं.' भारत के पूर्व सॉलिसिटर जनरल ने कहा, 'मतदाता कहीं अधिक समझदार, बहुत परिपक्व और बुद्धिमान हैं. राजनेताओं को यह समझना चाहिए.

'जल्दबाजी में नहीं उठाया जा सकता कदम'

हालांकि साल्वे ने कहा कि यह कदम जल्दबाजी में नहीं उठाया जा सकता. उन्होंने कहा, 'एक देश-एक चुनाव को अगले 3-5 वर्षों में लागू नहीं किया जा सकता है. एक बड़ी राष्ट्रीय बहस की जरूरत है. सरकार को व्यापक जनमत की आम सहमति बनानी होगी.'

लोकसभा में पेश हुआ 'वन नेशन-वन इलेक्शन' बिल

लोकसभा में यह बिल पेश किए जाने के पक्ष में 269 और विपक्ष में 198 वोट पड़े. इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग के बाद पर्चा से मतदान हुआ और तब जाकर यह बिल लोकसभा में पेश हो सका. लोकसभा में कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने ये बिल पेश किए. लोकसभा में जोरदार हंगामे के बीच बात डिवीजन तक पहुंची और इसके बाद ये बिल सदन में पेश हो सका. एक देश, एक चुनाव पर राजनीतिक दलों के सुर अलग-अलग सुनाई दिए. कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने यह बिल सदन में पेश करने का प्रस्ताव किया. 

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कांग्रेस से लेकर तमाम विरोधी पार्टियों ने इस बिल का विरोध किया. शिवसेना और तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) जैसे एनडीए के घटक दल खुलकर बिल के पक्ष में खड़े नजर आए. यह बिल डिवीजन के बाद पेश हुआ और इसके बाद जेपीसी को भेज दिया गया.

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