राकेश टिकैत बोले- जो व्यक्ति पॉलिटिकल नहीं, उससे खतरनाक कोई आदमी नहीं

किसान तीन कृषि कानूनों को रद्द किए जाने की मांग कर रहे हैं. इस बीच, भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के नेता राकेश टिकैत आजतक के चर्चित कार्यक्रम 'सीधी बात' में गेस्ट बनकर आए. इसमें उन्होंने कार्यक्रम के होस्ट और वरिष्ठ पत्रकार प्रभु चावला से बेबाक बात की. इस कार्यक्रम को 6 फरवरी शनिवार रात 8 बजे देखा जा सकता है.

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भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत (फोटो-PTI) भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत (फोटो-PTI)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 05 फरवरी 2021,
  • अपडेटेड 5:02 PM IST
  • सीधी बात में टिकैत ने रखी बेबाक राय
  • शनिवार रात 8 बजे देख सकेंगे कार्यक्रम
  • चुनाव लड़ने को बताया बड़ी बीमारी

किसान तीन कृषि कानूनों को रद्द किए जाने की मांग को लेकर दिल्ली के बॉर्डर पर अड़े हुए हैं. इस बीच, भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के नेता राकेश टिकैत आजतक के चर्चित कार्यक्रम 'सीधी बात' में गेस्ट बनकर आए. उन्होंने कार्यक्रम के होस्ट और वरिष्ठ पत्रकार प्रभु चावला से बेबाक बात की. इस कार्यक्रम को 6 फरवरी शनिवार रात 8 बजे देखा जा सकता है. 

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राकेश टिकैत ने कहा कि देश में घाटे की खेती रुकनी चाहिए. न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) की गारंटी मिलनी चाहिए. जब उनसे पूछा गया कि वे किसान हैं या नेता हैं तो उन्होंने कहा, 'गन्ने उगाता हूं. ट्रैक्टर चलाने का शौक है, नेता तो चमचमाते घरों में रहते हैं. मखमली बिस्तर में सोते हैं. बुवाई के दिनों में पूरे-पूरे दिन ट्रैक्टर चलाता हूं, आगे चुनाव लड़ने का कोई इरादा नहीं है.' 

किसान नेता ने कहा कि सरकार एमएसपी की गारंटी दे. एक कॉल की दूरी पर प्रधानमंत्री के बयान पर राकेश टिकैत ने कहा, 'हम प्रधानमंत्री पर विश्वास करते हैं, तभी तो बैठे हैं. प्रधानमंत्री एक कॉल पर बात करने की कहते हैं, हमें तो पता ही नहीं है उनका नंबर कौन सा है. प्रधानमंत्री का कौन सा नंबर है, वो नंबर हमें दे दो. हमारा नंबर सरकार के पास है.'

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सरकार से वार्ता के दौरान क्या बातचीत होती थी? इस सवाल पर राकेश टिकैत ने कहा कि मीटिंग में कृषि कानूनों को वापस लेने की बात होती थी. उन्होंने बताया कि वह दो बार चुनाव लड़ चुके हैं. लेकिन दोनों बार उनकी जमानत जब्त हो गई. पहली बार वह निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़े थे. दूसरी बार आरएलडी से चुनाव लड़े थे. 

जब आरएलडी के चुनाव चिन्ह पर लड़ने और उसकी विचारधारा को मानने का सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि सबकी अपनी निजी विचारधारा होती है. राकेश टिकैत ने कहा, 'हर आदमी पॉलिटिकल होता है. अगर कोई पॉलिटकल नहीं है, तो देश में उससे खतरनाक कोई आदमी नहीं है.' उन्होंने कहा कि हमें वोट देने का हक है तो चुनाव लड़ने का भी अधिकार है. क्या यूपी में चुनाव लड़ेंगे?...राकेश टिकैत ने कहा कि नहीं हमें चुनाव नहीं लड़ना है. चुनाव लड़ना सबसे बड़ी बीमारी है.

राकेश टिकैत ने एमएसपी के लिए महेंद्र टिकैत का 'टिकैत फ़ॉर्मूला' लागू किए जाने की वकालत की. इसके तहत उन्होंने गेहूं का दाम सोने की तर्ज पर बढ़ाने की मांग की. उन्होंने कहा कि जिस गति में सोने की कीमत बढ़ी है, उसी दर से गेहूं के दाम भी बढ़ें. उन्होंने कहा, 'तीन क्विंटल गेहूं की कीमत 1 तोले (10 ग्राम) सोने के बराबर कर दी जाए.' 

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