'पूरे हिंदू समाज को एकजुट करना चाहता हैं संघ', बर्दवान में बोले RSS प्रमुख मोहन भागवत

आरएसएस प्रमुख ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा, 'आज कोई खास दिन नहीं है, फिर भी कार्यकर्ता इतनी गर्मी में सुबह से बैठे हैं क्यों? संघ क्या करना चाहता है? अगर इस सवाल का एक वाक्य में जवाब देना है तो संघ पूरे हिंदू समाज को एकजुट करना चाहता है.'

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RSS chief Mohan Bhagwat. (File photo) RSS chief Mohan Bhagwat. (File photo)

सूर्याग्नि रॉय

  • कोलकाता,
  • 16 फरवरी 2025,
  • अपडेटेड 1:56 PM IST

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) ने कोलकाता के बर्दवान में रविवार को स्वयंसेवकों को संबोधित किया. उन्होंने हिंदू समाज को एकजुट करने के महत्व पर जोर दिया और कहा, 'संघ पूरे हिंदू समाज को एकजुट करना चाहता है. हिंदू समाज को एकजुट क्यों करना है? क्योंकि इस देश के लिए जिम्मेदार समाज हिंदू समाज है.'

आरएसएस प्रमुख ने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा, 'आज कोई खास दिन नहीं है, फिर भी कार्यकर्ता इतनी गर्मी में सुबह से बैठे हैं क्यों? संघ क्या करना चाहता है? अगर इस सवाल का एक वाक्य में जवाब देना है तो संघ पूरे हिंदू समाज को एकजुट करना चाहता है. हिंदू समाज को एकजुट क्यों करना है? क्योंकि इस देश के लिए जिम्मेदार समाज हिंदू समाज है...भारत की एक प्रकृति है और जिन लोगों ने सोचा कि वे उस प्रकृति के साथ नहीं रह सकते, उन्होंने अपना अलग देश बना लिया... हिंदू दुनिया की विविधता को स्वीकार करके आगे बढ़ते हैं.'

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उन्होंने कार्यकर्ताओं से कहा, 'भारत सिर्फ भूगोल नहीं है, भूगोल तो कम ज्यादा होता रहा है. पर भारत जब कहा जाता है, जब उसका एक स्वभाव होता है. भारत का एक स्वभाव है, उस स्वभाव के साथ हम नहीं रह सकते. उन्होंने अपने अलग देश बना लिया. जो लोग दूसरे देश में नहीं गए. वे निश्चित रूप से प्रकृति के साथ रहना चाहते हैं और वो भारत नाम का स्वभाव आज का नहीं है. ये 15 अगस्त 1947 से बहुत आगे का है. हम राजाओं को नहीं, बल्कि उन राजाओं को याद करते हैं जो 14 साल तक जंगल में रहे. जब तक यह प्रकृति है, तब तक भारत है. हिंदू समाज और भारतवर्ष एक ही है.'

'भारत अंग्रेजों ने नहीं बनाया'

RSS प्रमुख ने कहा, 'किसी देश का भाग्य बदलने के लिए समाज को आगे आना होगा. स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान डॉ. हेडगेवार ने महसूस किया कि बाहर से कुछ लोग आए और हमें गुलाम बना दिया. हमने इसे बार-बार देखा है. भारत अंग्रेजों ने नहीं बनाया. गांधी जी ने भी एक साक्षात्कार में कहा था कि अंग्रेजों ने ही हमें बताया था कि भारत उन्होंने बनाया है और उन्होंने कहा कि यह गलत है. भारत सदियों से मौजूद है. विविधतापूर्ण, लेकिन एकजुट. आज अगर हम इस बारे में बात करते हैं तो हमें कहा जाता है कि हम हिंदुत्व की बात करते हैं.'

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'आपको संघ के बारे में गलतफहमी है'

उन्होंने ये भी कहा कि देश के सामने बहुत सारे मुद्दे हैं, हमारे सामने कब नहीं थे? हमें पता होना चाहिए कि हमारी ताकत क्या है. हमें एकजुट होना होगा. संघ? हमें कुछ हासिल नहीं करना है. इतिहास और वर्तमान कहता है कि भारत सभी के साथ मित्रवत रिश्ते हैं, यहां तक कि उन लोगों के साथ भी जो हमारा बुरा चाहते हैं. अगर आप बाहर से देखें तो आपको संघ के बारे में गलतफहमी है. हमारे पास 70 हजार शाखाएं हैं और हम इन्हें आगे बढ़ना चाहते हैं, क्यों? हमारे लिए नहीं. क्योंकि अगर लोग एकजुट हो जाते हैं तो यह देश और दुनिया के लिए मददगार होगा.

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