सबरीमाला मंदिर से सोने की चोरी की जांच कर रही एसआईटी ने गुरुवार को पूर्व तिरुवभरणम (पवित्र आभूषण) आयुक्त केएस बैजू को गिरफ्तार कर लिया. अधिकारी ने बताया कि बैजू जो वर्तमान में सेवानिवृत्त हैं, जुलाई 2019 में थिरुवाभरणम आयुक्त के पद पर थे, जब द्वारपालक (रक्षक देवता) मूर्तियों के सोने के आवरण को इलेक्ट्रोप्लेटिंग के लिए हटाकर ले जाया गया था.
सूत्रों के अनुसार, बैजू 19-20 जुलाई को छुट्टी पर थे. इन्हीं दिनों द्वारपालक की मूर्तियों को सबरीमाला से हटाया गया और मुख्य आरोपी उन्नीकृष्णन पोट्टी को सौंपा गया था, जिसने इलेक्ट्रोप्लेटिंग कार्य को प्रायोजित किया था.
साजिश का हिस्सा है बैजू की छुट्टी
पुलिस का कहना है कि एसआईटी को शक है कि उन महत्वपूर्ण दिनों में बैजू की अनुपस्थिति साजिश का हिस्सा थी. एसआईटी का कहना है कि प्रक्रिया की निगरानी करने में बैजू की विफलता के कारण कथित तौर पर प्रक्रियागत खामियां हुईं, जिसके परिणामस्वरूप सोना गायब हो गया.
अब तक सात आरोपी गिरफ्तार
एक अधिकारी ने बताया कि मामले में सातवें आरोपी बैजू को समन जारी होने के बाद गुरुवार दोपहर पूछताछ के लिए तिरुवनंतपुरम स्थित अपराध शाखा कार्यालय में पेश हुए.
सूत्रों ने बताया कि पूछताछ के बाद एसआईटी ने शाम को उन्हें गिरफ्तार कर लिया. उन्हें शुक्रवार को पथानामथिट्टा जिले के रन्नी में न्यायिक प्रथम श्रेणी मजिस्ट्रेट कोर्ट में पेश किया जाएगा.
TDB के तीसरे अधिकारी गिरफ्तार
इससे पहले मुरारी बाबू और सुधीश कुमार के बाद बैजू इस मामले में गिरफ्तार होने वाले तीसरे त्रावणकोर देवास्वोम बोर्ड (टीडीबी) अधिकारी हैं. रन्नी अदालत शुक्रवार को बाबू और कुमार की हिरासत की मांग करने वाली एसआईटी की याचिका पर भी विचार करेगी.
मुख्य आरोपी उन्नीकृष्णन पोट्टी फिलहाल एसआईटी की हिरासत में है. अधिकारियों ने बताया कि एसआईटी द्वारपालक मूर्तियों से सोने के गायब होने और श्रीकोविल (गर्भगृह) के दरवाजे के फ्रेम से सोने के टॉप के गायब होने से जुड़े दो संबंधित मामलों की जांच कर रही है.
aajtak.in