'चीन से हमारे रिश्ते खराब, लेकिन किसी तीसरे की दखल मंजूर नहीं', QUAD की बैठक से पहले बोले जयशंकर

भारत-चीन के बीच सीमा विवाद 21 दौर की बातचीत के बाद भी पूरी तरह सुलझाया नहीं जा सका है. विदेश मंत्री एस जयशंकर का कहना है कि जो भी हो विवाद को सिर्फ दो देश ही मिलकर सुलझाएंगे और इसमें किसी तीसरे के हस्तक्षेप की जरूरत नहीं है.

Advertisement
 एस जयशंकर एस जयशंकर

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 29 जुलाई 2024,
  • अपडेटेड 6:21 PM IST

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भारत और चीन के बीच चल रहे सीमा विवाद में किसी तीसरे पक्ष की भागीदारी की संभावना को सिरे से खारिज किया है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह मामला मूल रूप से द्विपक्षीय मुद्दा है जिसे दोनों देशों को खुद ही सुलझाना चाहिए. उन्होंने यह भी बताया कि चीन के साथ भारत के संबंध ठीक और सामान्य नहीं हैं. इसकी वजह ये है कि चीन ने 2020 में सीमा पर सेना की तैनाती कर समझौतों का उल्लंघन किया था.

Advertisement

विदेश मंत्री ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "हम भारत और चीन के बीच वास्तव में क्या मुद्दा है, इसे सुलझाने के लिए दूसरे देशों की ओर नहीं देख रहे हैं." उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि जिन दो देशों के बीच विवाद है, बातचीत सिर्फ उन दोनों के बीच ही होनी चाहिए, और इस तरह के मामले में किसी तीसरे को हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए. जयशंकर QUAD विदेश मंत्रियों की बैठक के लिए जापान की राजधानी टोक्यो में हैं.

चीन ने सेना की तैनाती कर किया था समझौते का उल्लंघन

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा, "चीन के साथ हमारे संबंध बहुत अच्छे नहीं चल रहे हैं. इसका कारण है कि 2020 में कोविड के दौरान चीन ने सीमा क्षेत्रों में एक बड़ी सेना की तैनाती कर समझौतों का उल्लंघन किया था. इससे तनाव पैदा हुआ, जिसके कारण झड़प हुई और दोनों तरफ के लोग मारे गए."

Advertisement

जयशंकर ने कहा, "इसका (चीन की तरफ सेना की तैनाती का) परिणाम अभी भी जारी है क्योंकि यह मुद्दा पूरी तरह से हल नहीं हुआ है. चीन के साथ अभी संबंध अच्छे नहीं हैं, सामान्य नहीं हैं. एक पड़ोसी के तौर पर हम बेहतर संबंधों की उम्मीद करते हैं, लेकिन यह तभी हो सकता है जब वे LOC का सम्मान किया जाए और उन समझौतों का सम्मान किया जाए जिनपर पूर्व में करार हुए हैं..."

यह भी पढ़ें: 'चीन की जगह...', चीनी विदेश मंत्री से जयशंकर की मुलाकात पर क्या बोला ग्लोबल टाइम्स?

मुद्दे को बातचीत के जरिए हल करने की जरूरत

जयशंकर ने भारत-चीन संबंधों की मौजूदा स्थिति पर कहा कि यह फिलहाल "ठीक नहीं" है और इस बात पर जोर दिया कि इस रिश्ते का वैश्विक मामलों पर अहम प्रभाव पड़ता है. उन्होंने कहा कि ऐसा इसलिए क्योंकि दोनों देश एक इंपोर्टेंट पावर हैं. उन्होंने स्वीकार किया कि दोनों देशों के बीच एक समस्या मौजूद है जिसे बातचीत के जरिए हल करने की जरूरत है.

2020 से आमने-सामने हैं सेनाएं

विदेश मंत्री ने चीनी विदेश मंत्री वांग यी के साथ एससीओ समिट के साइडलाइन पर हुई मुलाकात में भी सीमा विवाद के मुद्दे पर बात की थी. यह मुलाकात कजाख की राजधानी अस्ताना में हुई थी. भारतीय और चीनी सेनाएं मई 2020 से आमने-सामने हैं, और सीमा विवाद पूरी तरह से सुलझाया नहीं जा सका है.

Advertisement

यह भी पढ़ें: भारत ने चागोस द्वीपसमूह मुद्दे पर मॉरीशस को दिया समर्थन, विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कही ये बात

कुछ मुद्दे सुलझे, 21 दौर की बात हुई

हालांकि दोनों पक्ष कई स्टैंडऑफ पॉइंट से पीछे हटे हैं. जून 2020 में गलवान घाटी में हुई भीषण झड़प के बाद दोनों देशों के बीच संबंधों में काफी गिरावट आई थी. दशकों बाद ऐसा पहली बार था जब सीमा पर ऐसा टकराव हुआ था. दोनों पक्षों ने गतिरोध को हल करने के लिए अब तक कोर कमांडर स्तर की 21 दौर की बातचीत हुई है.

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement