राजपथ पर गणतंत्र दिवस का जश्न खत्म हो गया है. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद फिर से वापस राष्ट्रपति भवन के लिए रवाना हो गए हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बार भी हर बार की तरह रवाना होने से पहले आम लोगों से मुलाकात की और उनका अभिवादन स्वीकार किया.
अब बारी सबसे खास फॉरमेशन की है. एकलव्य फॉरमेशन की अगुवाई राफेल लड़ाकू विमान कर रहा है. राफेल के साथ दो जगुआर, दो मिग-29 लड़ाकू विमान है. फॉरमेशन के कप्तान ग्रुप कैप्टन रोहित कटारिया, फ्लाइट लेफ्टिनेंट 17 स्कवाड्रन हैं. बता दें कि राफेल लड़ाकू विमान इस बार वर्टिकल चार्ली रूप में अपने करतब दिखा रहा है.
अब हर किसी की नज़रें आसमान की ओर हैं, क्योंकि परेड का सबसे शानदार हिस्सा आ गया है. यानी फ्लाइपास्ट अब होगा, जब राफेल लड़ाकू विमान उड़ान भरेगा. राजपथ के ऊपर आसमान में इस तरह फ्लाइ पास्ट में जलवा दिखाया गया.
रूद्र फॉरमेशन
फ्लाइ पास्ट की शुरुआत रूद्र फॉरमेशन यानी एक डकोटा वायुयान, दो Mi-17 हेलिकॉप्टरों के साथ विक्रीमे फॉरमेशन में. इस फॉरमेशन में विंग कमांडर मुकुल खरे और स्कवाड्रन लीडर राठौर कमान संभाल रहे हैं. 1947 में शत्रुओं को सीमा से बाहर खदेड़ने की कार्रवाई में सैन्य दलों और आपूर्ति को कश्मीर घाटी पहुंचाने के लिए डकोटा काफी उपयोगी रहे थे.
सुदर्शन फॉरमेशन
सुदर्शन फॉरमेशन में एक चिनूक और दो Mi-17 हेलिकॉप्टरों के साथ विक्रीरम फॉर्मेशन है. चिनूक हेलिकॉप्टर सुदूर अवस्थिति से हर तरह का वजन वहन करने में सक्षम हैं. इस फॉरमेशन का नेतृत्व 126 हेलिकॉप्टर फ्लाइट के ग्रुप कैप्टन सिद्धार्थ रावत ने किया.
रक्षक फॉरमेशन
अत्याधुनिक Mi-35 हेलिकॉप्टर के साथ चार अपाचे हेलिकॉप्टरों को विक्टरी फॉरमेशन में देख रहे हैं. सटीक निशानावर अपाचे ने युद्ध भूमि में शत्रुओं को पछाड़ने के लिए भारतीय वायुसेना को महत्वपूर्ण बढ़त दी है.
भीम फॉरमेशन
भीम फॉरमेशन में 3 C-130 जे विमान विक्ट्री फॉरमेशन बना रहे हैं. सी-130 जे भारतीय वायुसेना का विशेष ऑपरेशन विमान है और सुदूर क्षेत्रों से छोटी और अर्धनिर्मित सरफेस पर संचालन में समर्थ है. ये विमान कोवर्ट इनसर्शन, विशेष एयरड्रॉप और एयर लैंडिड मिशनों, बेस रक्षा, आकस्मिकता में और स्थान खाली कराने और सुदूर क्षेत्रों में मानवीय सहायता पहुंचाते हैं.
राजपथ पर अब बारी राज्यों के सांस्कृतिक रुख को दुनिया के सामने दिखाने की है. दर्जनों राज्यों की अलग-अलग झांकी निकल रही हैं, जिसमें कलाकार राज्य की विशेष संस्कृति का दर्शन दुनिया को करा रहे हैं. साथ ही अलग-अलग स्कूलों के बच्चे भी यहां कई विषयों पर अपनी प्रस्तुति पेश कर रहे हैं.
राज्यों के बाद केंद्रीय मंत्रालयों की झांकी का नंबर है. आईटी मंत्रालय की झांकी में राष्ट्र की प्रगति के लिए डिजिटल इंडिया- आत्मनिर्भर भारत थीम को दर्शाया जा रहा है. झांकी में एआई रॉबोट के 3डी मॉडल को दर्शाया गया है जो डिजिटल इंडिया कार्यक्रम द्वारा मार्गदर्शित डिजिटल क्रांति को दिखाता है. झांकी के पिछले भाग में एमईआीटीवाई द्वारा प्रदान की जा रही सेवाओं को वीडियो के माध्यम से दिखाया जा रहा है और कोविड-19 महामारी के दौरान हमारा नायक-एक आरोग्य सेतु ऐप शान से उपस्थित है.
इस बार आयुष मंत्रालय की झांकी में कोरोना संकट के मुद्दे को उठाया गया है. ‘आयुष‘ कल्याण के साथ नाम पर्याय है, इसने कोविड-19 जैसे संचारी रोगों के खिलाफ प्रतिरोध के निर्माण में प्राकृतिक प्रतिरक्षा बूस्टर के अनुसंधान और उत्पादन की भूमिका स्थापित की है. केंद्रीय मंत्रालयों की झांकी में मुख्य रूप से आत्मनिर्भर भारत, वोकल फॉर लोकल जैसी योजनाओं पर फोकस किया गया.
राजपथ पर झांकियों में सबसे पहले झांकी , संघ शासित प्रदेश लद्दाख की झांकी है जो केन्द्र शासित प्रदेश बनने के बाद पहली गणतंत्र दिवस परेड में शिरकत कर रही है. लद्दाख राज्य के शांतिप्रिय और संतोषी लोग अपनी समृदध संस्कृति पर गौरवान्वित हैं और के्रद्र शासित दर्जें का आनंद उठा रहे हैं. यह झांकी लद्दाख को संघ शासित प्रदेश घोषित करने के बाद लद्दाख को कार्बन न्यूट्रल स्टेट बनाकर विश्व के लिए उदाहरणात्मक प्रदेश के विजन पर केंद्रित है.
इस बार उत्तर प्रदेश की झांकी भी खास है. इसमें राम मंदिर की झलक को दिखाया गया है. उत्तर प्रदेश के सांस्कृतिक शहर को अयोध्या के राजा ब्रह्मा के पुत्र मनु ने बसाया था, इसे ही अयोध्या कहा गया और इसमें अष्टाचक्र नवाद्वार है जिसका वर्णन अथर्ववेद में मिलता है. वाल्मिकी कृत रामायण में अयोध्या को भगवान राम का जन्म स्थान बताया गया है, पूरे विश्व में अयोध्या को राम जन्मभूमि होने के कारण सनातन संस्कृति का प्रतीक माना जाता है. आज इस राज्य की झांकी में अयोध्या की सांस्कृतिक विरासत, मूल्यों और सुंदरता को दिखाया जा रहा है. पहले भाग में महर्षि वाल्मिकी को रामायण की रचना करते दिखाया जा रहा है.
राजपथ पर मंगलवार को अर्द्ध सैनिक और अन्य सहायक बलों की परेड भी निकली. इस दौरान भारतीय तटरक्षक बल, केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल, दिल्ली पुलिस का बैंड, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस का बैंड, राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड के जवानों ने अपनी ताकत को दिखाया.
राजपथ पर ‘‘ब्लैक कैट कमांडोज‘‘ के नाम से लोकप्रिय राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड के मार्चिंग दस्ते ने अपना जोश दिखाया. यह बल 1984 से अस्तित्व में आया एवं इस बल में भारतीय सेना एवं अन्य केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों से सर्वोत्तम अधिकारियों/जवानों को चुना जाता है. दस्ते के जवान इस वक्त एनएसजी गीत ‘हम हैं न, हैं न हिंदुस्तान‘, हम रंग-रंग हैं, फिर भी संग है तीन रंग का एक निशान गाते हुए राजपथ पर मार्च किया.
राजपथ पर नौ सेना की झांकी भी दिखाई गई. झांकी के पहले भाग में भारतीय नौसेना द्वारा 04-05 दिसंबर 1971 की रात को मिसाइल बोट्स द्वारा कराची बंदरगाह पर हमले को दर्शाया गया. झांकी के दोनों तरफ हमलावर यूनिटों द्वारा अपनाए गए मार्ग को दर्शाया गया. झांकी में 1971 के युद्ध में नौसेना के प्रमुख योद्धाओं की प्रदर्शन मंजूषा को दिखाया गया है. आईएनस विक्रांत को सी हॉक और अलाइज एयरक्राफ्ट के साथ फ्लाइंग ऑपरेशन में भाग लेते हुए दिखाया गया है. झांकी के अन्य भाग में युद्ध के दौरान महावीर चक्र विजेताओं के चित्र दिखाए गए हैं. झांकी की दोनों तरफ आत्मसमर्पण समारोह समय के भित्ति चित्र दिखाए गए हैं.
नौसेना के बाद वायुसेना की झांकी राजपथ पर आई. भारतीय वायु सेना की झांकी की विषय वस्तु है- ‘भारतीय वायु सेना- शान से आकाश को छूते हुए. इस झांकी में हल्का लड़ाकू विमान, हल्का लड़ाकू हेलिकॉप्टर, सू-30 मार्क-1 वायुयान और रोहिणी रेडार के प्रतिरूप आसमानी पृष्ठभूमि में दर्शाए गए हैं. झांकी के दोनों तरफ वर्दी में सुसज्जित अफसरों को दिखाया गया है.
राजपथ पर उन्नत या अपग्रेडेड शिल्का हथियार प्रणाली की झांकी निकली. इसकी कमान 140 वायु रक्षा रेजिमेंट (सेल्फ प्रोपेल्ड) की कैप्टन प्रीति चौधरी ने संभाली. शिल्का हथियार प्रणाली आधुनिक रेडार और डिजिटल फायर कंप्यूटर से लैस है और लो लेवल एयर डिफेंस के लिए सभी हालातों में लक्ष्य को साधते हुए दुश्मन को तबाह करने में सक्षम है. इन प्रभावी वर्तमान प्रदर्शनों के परिणास्वरूप रेजिमेंट को भारतीय सेना में अहम स्थान दिया गया है.
हथियारों के बाद अब रेजिमेंट की झांकी शुरू हो गई है. सबसे पहले जाट रेजिमेंट ने अपनी परेड की, उसके बाद गढ़वाल रेजिमेंट के जवानों ने अपना जज्बा दिखाया. महार रेजिमेंट ने अभी अपना जज्बा राजपथ पर दिखाया, जिसका युद्धघोष है बोलो हिंदुस्तान की जय.
दुर्गा माता की जय बोल दुश्मन के छक्के छुड़ा देने वाली जम्मू एवं कश्मीर राइफल्स रेजिमेंट के जवानों ने राजपथ पर अपने जज्बे से हर किसी का दिल जीत लिया. सिख लाइट इंफैंट्री रेजिमेंटल सेंटर, लद्धाख स्काउट्स रेजिमेंटल सेंटर, आर्टिलरी सेंटर (नासिक रोड़) के संयुक्त बैंड दस्ते ने ‘‘बलिदान‘‘ की धुन को राजपथ पर बजाया.
सबसे पहले राजपथ पर युद्धक टैंक टी-90 (भीष्म) ने अपना जलवा बिखेरा. यह मुख्य युद्धक टैंक, हंटर-किलर सिद्धांत पर कार्य करता है. यह 125 मिमी की शक्तिशाली स्मूथ बोर गन, 7.62 मिमी को-एक्सिल मशीन गन और 12.7 मिमी वायुयानरोधी गन से लैस है.
861 मिसाइल रेजिमेंट की ब्रह्मोस मिसाइल प्रणाली के मोबाइल स्वायत (ऑटोनोमस) लांचर ने राजपथ पर अपनी ताकत दिखाई, इसका नेतृत्व कैप्टन कमरूल ज़मान ने किया. 861 रेजिमेंट भारतीय तोपखाना की एक प्रतिष्ठित रेजिमेंट है. इस मिसाइल को भारत और रूस के संयुक्त उद्यम से तैयार किया गया है.
गणतंत्र दिवस के मौके पर राजपथ पर परेड की शुरुआत हो गई है. सबसे पहले हेलिकॉप्टरों ने दर्शकों पर फूल बरसाए और उसके बाद पूर्व सैनिकों ने राष्ट्रपति को सलामी दी.
राजपथ पर पहली बार बांग्लादेश की सशस्त्र सेनाओं के 122 सैनिकों का मार्चिंग दस्ते ने अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई. इस दस्ते का नेतृत्व लेफ्टिनेंट कर्नल अबु मोहम्मद शाहनूर शावोन और उनके डिप्टी लेफ्टिनेंट फरहान इशराक और फ्लाइट लेफ्टिनेंट सिबत रहमान ने किया. इस दस्ते में बांग्लादेश की थल सेना, नौसेना और वायुसेना के जवान शामिल रहे.
राजपथ पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने तिरंगा फहरा दिया है. अब से कुछ ही देर में परेड की शुरुआत होगी.
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद राजपथ के लिए रवाना हो रहे हैं. राष्ट्रपति भवन से राष्ट्रपति का काफिला राजपथ पहुंचेगा, उसी के बाद गणतंत्र दिवस की परेड शुरू होगी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी राजपथ पहुंच गए हैं, जहां उनका स्वागत रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने किया.
गणतंत्र दिवस की सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेशनल वॉर मेमोरियल पहुंचकर शहीदों को श्रद्धांजलि दी. इस दौरान उनके साथ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और तीनों सेनाओं के प्रमुख भी मौजूद रहे. हर बार गणतंत्र दिवस के जश्न से पहले शहीदों को इसी प्रकार श्रद्धांजलि दी जाती है.
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राजपथ पर अब से कुछ देर में गणतंत्र दिवस की परेड शुरू होनी है. मेहमानों का आना जारी है. इस बार राजपथ पर जो दर्शक आ रहे हैं, उन्हें कोरोना गाइडलाइन्स का पालन करना होगा. यही कारण है कि दर्शकदीर्घा में भी लोगों के बीच में दूरी रखी गई है.
गुजरात के अहमदाबाद में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने मंगलवार को तिरंगा फहराया, साथ ही दिल्ली में बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने ध्वजारोहण किया.
गणतंत्र दिवस के मौके पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि देश में अलग-अलग पंत भले ही हो, लेकिन देश का संविधान हर किसी को एक सूत्र में बांधता है. संविधान के प्रति सभी नागरिकों को सम्मान करना चाहिए और मूल दायित्वों का पालन करना चाहिए.
देश के अलग-अलग हिस्सों में तिरंगा फहराना शुरू हो गया है. आईटीबीपी के जवानों ने लद्दाख में तिरंगा फहराया.
ओडिशा के भुवनेश्वर में राज्यपा गणेशी लाल ने तिरंगा फहराया, इस दौरान राज्य के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक भी मौजूद रहे.
ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने भारत को गणतंत्र दिवस के मौके पर बधाई दी है. बोरिस को पहले गणतंत्र दिवस के कार्यक्रम में बतौर मेहमान शामिल होना था, लेकिन कोरोना संकट के कारण वो नहीं आ सके.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत अन्य केंद्रीय मंत्रियों, राहुल गांधी और अन्य देश के नेताओं ने लोगों को गणतंत्र दिवस की बधाई दी है.
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• सुबह 9 बजे से कार्यक्रम की शुरुआत
• 9.30 बजे नेशनल वॉर मेमोरियल पर पीएम का आगमन
• 9.52 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी परेड स्थल पर पहुंचेंगे
• 9.55 बजे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का आगमन
• 10.00 बजे ध्वजारोहण
• 10.00 बजे ध्वजारोहण के तुरंत बाद परेड की शुरुआत
• 11.25 बजे फ्लाइ पास्ट
गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने देश को संबोधित किया और कोरोना काल समेत अन्य चुनौतियों का जिक्र किया. साथ ही बीते दिन ही पद्म पुरस्कारों का ऐलान कर दिया गया. इस बार कुल 119 लोगों को ये सम्मान मिला है, जिसमें जापान के पूर्व पीएम शिंजो आबे, रामविलास पासवान (मरणोपरांत) समेत अन्य कई दिग्गजों का नाम शामिल है. इसी मौके पर गैलेंटेरी अवॉर्ड्स का भी ऐलान किया गया है.
शिंजो आबे, पासवान, तरुण गोगोई... इन 119 हस्तियों को मिला पद्म पुरस्कार, देखें लिस्ट
गणतंत्र दिवस के मौके पर इस बार कोई बाहरी मेहमान मौजूद नहीं होगा. अक्सर किसी देश का राष्ट्रप्रमुख ऐसे मौके पर मेहमान होता है, लेकिन कोरोना काल के कारण इस बार ऐसा नहीं हुआ. ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन को इस बार का न्योता गया था, लेकिन उनके देश में कोरोना से हाल खराब हुए तो उन्होंने दौरा रद्द कर दिया.
भारत आज अपना 72वां गणतंत्र दिवस मना रहा है. दिल्ली में कड़ाके की सर्दी है और इसी बीच कोरोना से जुड़ी गाइडलाइन्स का पालन करते हुए आज राजपथ पर ऐतिहासिक परेड निकाली जाएगी. कोरोना संकट के कारण परेड के आकार को इस बार छोटा रखा गया है, हालांकि भव्यता पहले की तरह ही बरकरार रहेगी. इंडिया गेट के सामने आज देश की सेनाएं अपनी ताकत का प्रदर्शन करेंगी. ऐसा पहली बार होगा जब राफेल लड़ाकू विमान 26 जनवरी की परेड का हिस्सा बनेगा.