राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह से क्या संदेश देने की कोशिश है?

राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के आयोजन में सामाजिक संदेश क्या, राम मंदिर से अयोध्या की अर्थव्यवस्था पर क्या असर पड़ेगा, राहुल गांधी पर असम में हमलों का सच क्या है, क्यों उनकी असम के सीएम से ठन गई है और राज्य क्यों बढ़ाते जा रहे हैं क्रेडिट गारंटी की रकम? सुनिए ‘दिन भर’ में.

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नितिन ठाकुर

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  • 22 जनवरी 2024,
  • अपडेटेड 10:22 PM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज अयोध्या में भगवान राम के आने का एलान कर दिया. 134 साल तक मुकदमों, धार्मिक तनावों, तीखी बयानबाज़ियों, चुनावी मुद्दों में झूलते रहने के बाद आखिरकार अयोध्या के मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा हो गई.  
नवंबर 2019 में सुप्रीम कोर्ट का फैसला मंदिर निर्माण के पक्ष में आया था, जिसके बाद 5 अगस्त 2020 को प्रधानमंत्री मोदी ने भूमि पूजन किया था. तब से देश विदेश के लाखों- करोड़ों लोग निर्माण का अपडेट ले रहे थे. फिलहाल निर्माण तो अधूरा है मगर रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा दोपहर करीब 12 बजे 84 सेकेंड्स के अंदर संपन्न हो गई. प्रधानमंत्री ने भगवान की आरती करके चंवर डुलाया और मुख्य पुजारी सत्येंद्र दास के पांव छुए. प्रधानमंत्री ने 11 दिनों का उपवास भी तोड़ा. इस मौके पर प्रधानमंत्री ने 35 मिनटों का भाषण दिया जो उन्होंने राम राम से शुरू किया और जय सियाराम पर खत्म किया. उनके साथ मंच पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, यूपी की गवर्नर आनंदीबेन पटेल, आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत, मंदिर के मुख्य पुजारी बैठे थे. इस दौरान उन्होंने कारसेवकों और साधु संतों को याद किया, जिन्होंने राम मंदिर के लिए बलिदान दिया. पीएम ने ये भी कहा कि, कुछ लोग कहते थे कि, मंदिर बनेगा तो आग लग जाएगी... लेकिन आज राम मंदिर देश की अखंडता और सौहार्द का संदेश पूरी दुनिया को दे रहा है. पीएम बोले  उन लोगों को सोचना चाहिए कि राम मंदिर विवाद नहीं समाधान का विषय है. उन्होंने बेहतर अयोध्या बनाने का वादा भी किया. 
समारोह में पीएम मोदी तो मौजूद थे ही.. देश के 8 हज़ार दिग्गज भी पहुंचे जिनमें नेता, अभिनेता, उद्योगपति सभी शामिल थे. इसके अलावा इस पूजन में 15 और यजमान थे जो अलग अलग समुदाय और देश के अलग अलग हिस्सों से आए थे. चाहे वो काशी के डोमराजा हों या असम के जेमी समुदाय के नेता राम कुई जेमी. आज के दिन भर कैसा माहौल दिखाई दिया,देश विदेश में मौजूद करोड़ों लोगों के सेंटीमेंट जुड़े थे.. समारोह के आयोजकों, बीजेपी या सरकार ने भी इसे सफल बनाने में कसर छोड़ी नहीं... सुनिए ‘दिन भर’ की पहली ख़बर में.

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मंदिर आया और क्या आएगा?

पूजन के बाद प्रधानमंत्री शाम चार बजे दिल्ली लौट आए. इसके बाद समारोह में आए मेहमानों ने रामलला के दर्शन किए और अभी हम जिस वक्त ये रिकॉर्ड कर रहे हैं –लोगों की भारी भीड़ दर्शन के लिए आतुर है. थोड़ी देर पहले अयोध्या तीर्थ क्षेत्र के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येन्द्र दास ने ऐलान किया कि कल से सभी भक्तों के दर्शन के लिए मंदिर खोल दिया जाएगा  

राम मंदिर के साथ ही एक और निर्माण की बात हो रही है,  वो है अयोध्या की अर्थव्यवस्था का. आजतक की एक रिपोर्ट के अनुसार केवल राम जन्मभूमि प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के इर्द-गिर्द ही 50,000 करोड़ रुपये का कारोबार हो सकता है. इसके अलावा मंदिर निर्माण के बाद अब अयोध्या में हर साल 2 करोड़ पयर्टकों के आने का अनुमान जताया जा रहा है. तो जाहिर है अयोध्या की सूरत इंफ्रास्ट्रक्चर और इकोनॉमी के लिहाज से भी बदलने जा रही है. कौन सी इंडस्ट्रीज डेवलप होने जा रही हैं,अयोध्या के विकास के लिए और क्या कर रही है सरकार? सुनिए ‘दिन भर’ की दूसरी ख़बर में.

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हिमंता- राहुल गांधी में क्यों ठन गई?

जिस वक्त अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा का भव्य आयोजन चल रहा था. उसी वक्त अयोध्या से करीब 1350 किमी दूर असम में एक विवाद छिड़ गया. विवाद की वजह मंदिर ही था. कांग्रेस नेता राहुल गांधी भारत जोड़ो न्याय यात्रा कर रहे हैं. इन दिनों उनकी यात्रा असम में है. आज सुबह राहुल गांधी ने असम के बोर्दोवा थान मंदिर में प्रार्थना करने की बात कही. वो मंदिर जा रहे थे लेकिन उन्हें रास्ते में रोक दिया गया. इसके बाद हैबोरागांव नाम की जगह पर वो अपने समर्थकों के साथ धरने पर बैठ गए. वैसे कई दिनों से उनकी यात्रा अलग-अलग वजहों से सुर्खियों में बनी हुई है. कल उनके काफिले के साथ झड़प की खबर भी आयी थी. राहुल गांधी की यात्रा का एक वीडियो भी कल से सोशल मीडिया पर चर्चा में है जिसमें वो बस से उतरकर बीजेपी के झंडे लिए जा रही भीड़ की तरफ बढ़ते देखे जा सकते हैं. इस वीडियो का सब लोग अपनी अपनी तरह से मतलब निकाल रहे हैं. कुल मिलाकर असम में उनकी यात्रा काफी सारे विवादों में है. 
राहुल और हिमंता एक दूसरे पर आजकल ज्यादा ही हमलावर हैं. हिमंता ने राहुल गांधी की सुरक्षा से पुलिस हटा लेने की बात कही है. आखिर इन दोनों के बीच इतनी कटुता की वजह क्या है. और हिमंता अपने इस सुरक्षा वाले बयान से किस तरह की राजनीतिक हित साधना चाहते हैं, राहुल गांधी के काफिले पर हमला हुआ था उसमे और क्या पता चला है.. और आगे कांग्रेस की तैयारी क्या है? सुनिए ‘दिन भर’ की तीसरी ख़बर में.

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देश की तिजोरी फुल, राज्य कर्ज़े में क्यों?

इन दिनों देश की इकोनोमी से जुड़े तमाम आँकड़े और रिपोर्ट्स कहती हैं कि देश की इकोनोमी ठीक ठाक राह पर है और तरक्की कर रही है. लेकिन ठीक इसी वक्त देश के राज्यों के बारे में एक रिपोर्ट आई है जो इसके ठीक उलट है. ICRA इंडियन क्रेडिट रेटिंग एजेंसी  नाम की संस्था की ये रिपोर्ट है। रिपोर्ट कहती है कि 17 बड़े राज्यों ने अपनी entities को जो कुल loan गारंटी दी है, वो financial year 2017 से financial year 2023 तक, 3 लाख करोड़ रुपए से करीब 3 गुना बढ़कर 9.4 लाख करोड़ हो गई है. उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश जैसे राज्य इस सूची में टॉप पर हैं. हालांकि छोटे राज्य जैसे गोवा, असम मणिपुर जैसे राज्य इस लिस्ट से बाहर हैं.  ये राज्यों समेत देश की इकोनॉमी के लिए कितनी बड़ी चिंता है, देश की अर्थव्यवस्था तेज़ी से आगे जा रही है तभी राज्यों की इकोनॉमी के बारे में ये ठीक उलटे आंकड़े...ये उलटबांसी क्यों है और ये स्थिति बदलेगी कैसे.. सुनिए ‘दिन भर’ की आख़िरी ख़बर में.


 

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