'बच्चों की मौत उन दवाइयों से हुई, जो माताओं ने दी...', कफ सिरप विवाद पर बोले राजस्थान के मंत्री

मध्यप्रदेश और राजस्थान में दूषित कफ सिरप से बच्चों की मौत का आंकड़ा 11 तक पहुंच गया है. छिंदवाड़ा में नौ मौतें हुईं, बाकी राजस्थान में. एनसीडीसी ने नमूने जांच के लिए लिए हैं. राजस्थान सरकार में मंत्री गजेंद्र सिंह ने स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेदारी से इनकार किया.

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कफ सिरप विवाद पर राजस्थान के मंत्री ने कहा- स्वास्थ्य विभाग का कोई रोल नहीं (Photo: FB/GarendraSinghKhimsar) कफ सिरप विवाद पर राजस्थान के मंत्री ने कहा- स्वास्थ्य विभाग का कोई रोल नहीं (Photo: FB/GarendraSinghKhimsar)

aajtak.in

  • जयपुर,
  • 03 अक्टूबर 2025,
  • अपडेटेड 3:05 PM IST

मध्य प्रदेश और राजस्थान में पिछले कुछ दिनों से कफ सिरप से बच्चों की मौत का मामला तूल पकड़े हुआ है. दोनों राज्यों को मिलाकर अब तक कुल 11 मौतें हुई हैं. छिंदवाड़ा में परासिया के अनुविखीभागीय दंडाधिकारी शुभम यादव ने बताया कि कल देर रात तक छिंदवाड़ा में नौ बच्चों की मौत हो चुकी है. उन्होंने बताया कि एहतियाती कदम उठाए जा रहे हैं. 1 अक्टूबर तक छह मौतें दर्ज की गई थीं.

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रोग निगरानी के लिए सरकार की नोडल एजेंसी, राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) ने मध्य प्रदेश और राजस्थान के अस्पतालों और अन्य स्थलों से पानी और कीटविज्ञान संबंधी दवाओं के नमूने कलेक्ट किए हैं, जहां कथित रूप से दूषित कफ सिरप के सेवन के कारण गुर्दे की विफलता से कई बच्चों की मौत हो गई थी.

राजस्थान के चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खीमसर ने बच्चों की मौत पर सरकार का पक्ष रखते हुए कहा कि माताओं द्वारा दी गई दवाइयां सरकारी सिफारिश या अस्पताल के प्रिस्क्रिप्शन से नहीं थीं. उन्होंने कहा कि ऐसे हादसे होने पर विभाग की कोई भूमिका नहीं होती है, क्योंकि यह उनके दायरे से बाहर है.

'स्वास्थ्य विभाग का कोई रोल नहीं...'

गजेंद्र सिंह खीमसर ने बच्चों की मौत के मामले पर बयान दिया है. मंत्री ने कहा, "इस हादसे में स्वास्थ्य विभाग का कोई रोल नहीं है. यह उनके डिपार्टमेंट के दायरे से बाहर है. यह हादसा उन दवाइयों से हुआ है, जो माताओं ने बच्चों को दीं. ये दवाइयां सरकारी अस्पताल के प्रिस्क्रिप्शन या सिफारिश से नहीं थीं."

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दायरे से बाहर, फिर भी करेंगे जांच...

मंत्री खीमसर ने इस पूरे मामले को विभाग के दायरे से बाहर बताया है. हालांकि, उन्होंने यह भी कहा है कि फिर भी वह जब जयपुर जाएंगे तो इसकी और जांच करेंगे. उन्होंने साफ किया कि माता-पिता द्वारा बिना सरकारी सिफारिश के दवा देने से हुए इस हादसे की जिम्मेदारी स्वास्थ्य विभाग की नहीं है.

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पीटीआई के मुताबिक, अधिकारियों ने बताया कि परीक्षण के नतीजे आने के बाद, उन्हें राज्य औषधि अधिकारियों के साथ साझा किया जाएगा. सूत्रों ने पीटीआई को बताया, "राजस्थान चिकित्सा सेवा निगम (आरएमएससीएल) ने सिरप के 19 बैचों की बिक्री और इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया है और स्वास्थ्य विभाग ने अभिभावकों, डॉक्टरों और दवा संचालकों को सतर्क रहने की सलाह जारी की है."

(राजस्थान से केशव गढ़वार नागौर और पीटीआई के इनपुट के साथ)

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