'मैंने एक गलती की, OBC को नहीं समझ सका...', बोले राहुल गांधी, पीएम मोदी और RSS पर भी साधा निशाना

दिल्ली में आयोजित भागीदारी महासम्मेलन को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि अगर UPA के वक्त मैंने OBC की पीड़ा समझी होती, तो जातीय जनगणना उसी समय करवाई होती. उन्होंने साफ कर दिया कि OBC की लड़ाई उनकी प्राथमिकता है.

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जातिगत गणना को राहुल गांधी ने बताया न्याय की नींव (Photo: Youtube/@RahulGandhi) जातिगत गणना को राहुल गांधी ने बताया न्याय की नींव (Photo: Youtube/@RahulGandhi)

अमित भारद्वाज

  • नई दिल्ली,
  • 25 जुलाई 2025,
  • अपडेटेड 5:24 PM IST

Rahul Gandhi addresses Bhagidari Nyay Mahasammelan: राजधानी दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में कांग्रेस पार्टी द्वारा OBC भागीदारी महासम्मेलन का आयोजन किया गया. इस सम्मलेन में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत समेत कई दिग्गज नेता शामिल हुए. सभा को संबोधित करने के दौरान राहुल ने कहा है कि अब अब OBC की लड़ाई उनकी प्राथमिकता होगी. तेलंगाना की जातीय गणना को उन्होंने सियासी तूफ़ान बताया है. साथ ही उन्होंने RSS को OBC का सबसे बड़ा दुश्मन बताया है. 

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मैंने एक गलती की, ओबीसी को नहीं समझ सका: राहुल गांधी

लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने स्वीकार किया कि ओबीसी समुदाय की समस्याओं को वो समय रहते नहीं समझ पाए, और ये उनकी सबसे बड़ी राजनीतिक भूलों में से एक रही. उन्होंने कहा, 'अगर मैंने ओबीसी की पीड़ा UPA शासन के दौरान समझ ली होती, तो उसी वक्त जातीय जनगणना करा दी होती. 

उन्होंने कहा कि उन्हें दलितों, आदिवासियों और महिलाओं के मुद्दों को समझने में समय लगा, लेकिन ओबीसी की स्थिति को उन्होंने देर से पहचाना. मैंने MGNREGA, खाद्य सुरक्षा कानून, वन अधिकार कानून जैसे मुद्दों पर ठीक काम किया, लेकिन ओबीसी को लेकर मैं चूक गया.

अब OBC की लड़ाई मेरी प्राथमिकता

राहुल गांधी ने साफ कहा कि अब वे इस मोर्चे पर पीछे नहीं हटेंगे, और जातीय जनगणना से लेकर आरक्षण विस्तार तक, वो OBC के अधिकारों की लड़ाई को निर्णायक मोड़ तक ले जाएंगे. उन्होंने कहा, 'PGV (प्रियंका गांधी वाड्रा) से पूछिए, अगर राहुल गांधी कुछ ठान ले, तो क्या वो पीछे हटते हैं?'

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तेलंगाना की जातीय गणना सुनामी जैसी

राहुल गांधी ने कांग्रेस शासित तेलंगाना सरकार की जातीय जनगणना को 'तूफान' बताया और कहा कि उसके आंकड़े चौंकाने वाले हैं. तेलंगाना के कॉर्पोरेट दफ्तरों में कितने ओबीसी, दलित, आदिवासी हैं – यह एक मिनट में सामने आ जाता है.

यह भी पढ़ें: बिहार चुनाव बहिष्कार के मुद्दे ने फिर राहुल गांधी और तेजस्वी यादव को अलग अलग राह पर ला खड़ा किया

उन्होंने कहा, 'करोड़ों के पैकेज सिर्फ सवर्णों के पास हैं, जबकि OBC, दलित, आदिवासी श्रम कर रहे हैं.'

नरेंद्र मोदी कोई बड़ी समस्या नहीं हैं

प्रधानमंत्री पर तीखा हमला करते हुए राहुल गांधी ने कहा, 'नरेंद्र मोदी कोई बड़ी समस्या नहीं हैं. वो तो बस अपने प्रचार का एक शो हैं. उनके पास असली ताकत नहीं है." वो हमारे सिर पर चढ़ गए हैं, असल समस्या RSS है.'

RSS OBC का सबसे बड़ा दुश्मन

राहुल गांधी ने OBC समुदाय से सीधे कहा कि उनका असली विरोधी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) है.

50% आरक्षण की सीमा टूटेगी

उन्होंने दावा किया कि जातीय जनगणना के बाद आरक्षण की 50 प्रतिशत सीमा खुद-ब-खुद टूट जाएगी. उन्होंने उदाहरण दिया कि तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने पहले ही यह दीवार तोड़ दी है.

आइए जानते हैं कि कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने इस महासम्मेलन में क्या-क्या कहा?

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सभा को संबोधित करते हुए कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा, 'यह भागीदारी न्याय सम्मेलन न केवल एक राजनीतिक सभा है, बल्कि यह भारत की पिछड़ी और वंचित जातियों की एक सामूहिक पुकार है. डॉ. अंबेडकर ने कहा था — "न्याय ही राष्ट्र की आत्मा है." आज यह वंचित लोग समाज में हो रही असमानता के खिलाफ आवाज उठाने के लिए पुकार रही है'.

उन्होंने कहा कि हमें यह स्वीकार करना होगा कि भारत का सामाजिक ढांचा न्याय पर नहीं, बल्कि बहिष्करण पर आधारित था.  जिन्होंने यह देश बनाया — हमारे उत्पादक वर्ग, जिनमें अधिकांश पिछड़े वर्गों से हैं — उन्हें शिक्षा, भूमि और नेतृत्व से वंचित रखा गया. उनकी मेहनत का सम्मान नहीं, बल्कि सामाजिक जंजीरों में जकड़ दिया गया. यह कोई संयोग नहीं था, बल्कि एक सुनियोजित व्यवस्था थी. बीजेपी-आरएसएस की विचारधारा इस व्यवस्था को खत्म नहीं करना चाहती, बल्कि उसे महिमामंडित करती है. 

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