राहुल गांधी का ‘डिसक्वालिफ़िकेशन’ विपक्षी एकता के लिए वरदान कैसे बन गया? :आज का दिन, 28 मार्च

राहुल गाँधी की सदयस्ता रद्द होने की वजह से क्या वाकई विपक्ष एकजुट हो रहा है, इसराइल में सड़कों पर उतरे लोगों का सरकार से क्या गुस्सा है और NASA चार लोगों को एक साल के लिए मंगल ग्रह पर क्यों भेज रहा है? सुनिए 'आज का दिन' में.

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रोहित त्रिपाठी / ख़ुशबू कुमार

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  • 28 मार्च 2023,
  • अपडेटेड 8:39 AM IST

राजनीति में कोई भी ऐक्शन पूरे फायदे या पूरे नुकसान जैसा नहीं रहता. राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता रद्द किए जाने का प्रकरण ही देख लीजिए. संसद से जरूर गए लेकिन इसी बहाने पूरा विपक्ष यहाँ तक केजरीवाल से लेकर ममता तक, सबने विरोध किया.इसी के बाद से कहा जा रहा है राहुल गांधी विपक्षी एकजुटता में एक बड़ा फैक्टर बन गए हैं . शनिवार को ही राहुल ने प्रेस कांफ्रेंस कर ये कहा था कि बीजेपी ने उन्हें एक ऐसा हथियार दे दिया जिसका खामियाजा बीजेपी को ही भुगतना पड़ेगा. शायद उनका इशारा इसी एकता को लेकर हो. कल शरद पवार के घर बैठक भी हुई पार्टियों की जिसमें कॉंग्रेस समेत DMK, SP, JDU, BRS, CPM, RJD, NCP, CPI, TMC, AAP के नेता शामिल हुए.  

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इन पार्टियों में एक नाम नहीं था वो थी उद्धव ठाकरे की शिवसेना. दरअसल सावरकर पर राहुल के बयान पर शिवसेना उद्धव खेमा आहत नजर आ रहा है, कल जब ये बैठक हो रही थी, उद्धव कांग्रेस को गठबंधन तोड़ने की धमकी दे रहे थे. इसके अलावा कांग्रेस पार्टी में इस बात पर भी चर्चा है कि वायनाड से प्रियंका गांधी को उम्मीदवार बनाया जाए लेकिन इसके साथ सवाल ये भी है कि क्या प्रियंका यूपी से दूर होंगी. लेकिन सबसे पहले बात विपक्षी एकजुटता की. क्या वाकई राहुल की लोकसभा सदस्यता रद्द होना विपक्षी एकजुटता का काम कर रही है या हर पार्टियों की अपनी महत्वाकांक्षाएं अभी भी एकजुटता पर भारी है और अगर परिस्थिति यही बनी रही जैसी अभी है तो कांग्रेस का चेहरा कौन होगा? 'आज का दिन' में सुनने के लिए क्लिक करें. 

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सिर मुँड़ाते ही ओले पड़ना वाली कहावत का जीवित नजारा इजराइल में चल रहा है. नई नवेली सरकार बनी ही थी कि एक कानून की वजह से देश के इतिहास में अब तक की सबसे दक्षिणपंथी सरकार और खुद बैंजामिन नेतन्याहू जनता के विरोध से घिरे हैं. दरअसल जनवरी में इजराइल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को लेकर एक प्रस्ताव जारी किया.  इसके पास होने पर इजराइली संसद को सुप्रीम कोर्ट के फैसलों का पलटने का अधिकार मिल जाएगा. इसे ‘ओवरराइड’ बिल नाम दिया गया है. अब अगर ये बिल पास हो जाता है तो संसद में जिसके पास भी बहुमत होगा, वह सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पलट सकेगा. जनवरी से ही बिल के विरोध में प्रदर्शन शुरू हो गए और अब अपने बड़े दौर में है. कल इजराइली सरकार के एक मंत्री को भी निकाल दिया गया , वो इस बिल का विरोध कर रहे थे. प्रदर्शन में सरकारी कर्मचारी तक शामिल हैं. टीचर्स और डॉक्टर्स से लेकर कल इजराइल के तेल अवीव एयरपोर्ट पर काम करने वाले सभी लोग नेतन्याहू की सरकार के खिलाफ हड़ताल पर आए. इसके चलते फ्लाइट्स का टेक ऑफ भी रोक दिया गया है. न्यायपालिका से जुड़े बदलाव क्या हैं और इस पर इतना हंगामा क्यों और क्या सरकार पीछे हटेगी? 'आज का दिन' में सुनने के लिए क्लिक करें. 

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धरती को छोड़ कर और कहाँ इंसान रह सकते हैं, इसकी संभावना खोजने का काम बहुत पहले से जारी है. इसी में एक ग्रह मार्स का नाम आता है. यानी मंगल गृह. ये साबित तो हो ही चुका है कि मंगल पर सर्वाइबल की गुंजाइश है और अब जो खबर हम बताने जा रहे हैं वो इससे एक कदम आगे की खबर है. खबर ये है कि ऐसे चार लोगों को तयार किया गया है जिन्हें आने वाले कुछ महीनों के अंदर एक साल के लिए मंगल ग्रह पर भेजा जाएगा. लेकिन ठहरिए इनका मंगल ग्रह यहीं धरती पर बनाया गया है, ताकि ये जांचा जा सके कि इंसान किस तरह मंगल पर सर्वाइब कर सकता है. नासा के इस मिशन के बारे में और क्या डिटेल्स हैं हमारे पास और इस में क्या क्या होने जा रहा है और इस मिशन का मकसद क्या है? 'आज का दिन' में सुनने के लिए क्लिक करें. 
 

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