पराली जलाने के मामले में मोगा के 2 SDM-2 SHO को कारण बताओ नोटिस जारी, 61 व्यक्तियों के खिलाफ FIR दर्ज

पंजाब के मोगा में पराली जलाने की घटनाओं को लेकर दो SDM और दो SHO समेत कई अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. एक अधिकारी ने अपने बयान में कहा कि मोगा में अब तक आग लगने की 87 घटनाएं सामने आई हैं.

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aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 04 नवंबर 2024,
  • अपडेटेड 8:18 AM IST

पंजाब के मोगा जिला प्रशासन ने पराली जलाने की घटनाओं को लेकर रविवार को दो उप-मंडल मजिस्ट्रेटों और दो स्टेशन हाउस अधिकारियों समेत कई अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. उपायुक्त विशेष सारंगल ने एक बयान में कहा कि मोगा में अब तक आग लगने की 87 घटनाएं सामने आई हैं.

इन अधिकारियों का जारी किया गया नोटिस
एसडीएम (मोगा) सारंगप्रीत सिंह औजला और एसडीएम (बाघापुराणा) बेअंत सिंह सिद्धू को कारण बताओ नोटिस दिया गया है. खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी (निहाल सिंह वाला) रूपिंदर कौर, SHO (बाघापुराणा) जसविंदर सिंह, SHO (धर्मकोट) जतिंदर सिंह, क्लस्टर अधिकारी सुखविंदर सिंह, मनमोहन सिंह, नोडल अधिकारी (गांव भिंडर कलां) प्रभदीप सिंह, राकेश कुमार, संजीवन कुमार, परगटजीत सिंह, बलविंदर सिंह, दविंदर सिंह और जगसीर सिंह को भी नोटिस जारी किए गए हैं.

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61 व्यक्तियों के खिलाफ FIR दर्ज
जिला आयुक्त ने बताया कि 61 व्यक्तियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है और उनके भूमि अभिलेखों में लाल प्रविष्टियां दर्ज की गई हैं. इसके अलावा, दोषी किसानों पर 1,72,500 रुपये का जुर्माना लगाया गया है. डीसी ने कहा कि राष्ट्रीय हरित अधिकरण और पंजाब प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के निर्देशों के अनुरूप धान की कटाई के बाद पराली जलाने से रोकने के लिए गहन प्रयास किए जा रहे हैं.

देखरेख के लिए 146 नोडल अधिकारी तैनात
जिला आयुक्त ने बताया कि टीमें लगातार गांवों पर नजर रख रही हैं. उन्होंने कहा कि वह वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय गांधी के साथ स्वयं खेतों का दौरा कर रहे हैं. डीसी ने कहा कि आग की घटनाओं को रोकने और किसानों में जागरूकता बढ़ाने के लिए 23 क्लस्टर अधिकारियों की देखरेख में 146 नोडल अधिकारी तैनात किए गए हैं.

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21,958 फसल अवशेष प्रबंधन मशीनों को मंजूरी
इस बीच, पंजाब के कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुदियां ने कहा कि उनके विभाग ने 21,958 फसल अवशेष प्रबंधन मशीनों को मंजूरी दी है. इस वर्ष अब तक किसानों ने 14,587 मशीनें खरीद ली हैं, जिससे 2018 से राज्य में सीआरएम मशीनों की संख्या 1.45 लाख हो गई है.

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