पुणे में पोर्श कार हिट एंड रन केस में किशोर न्याय बोर्ड के फैसले के बाद मृतक अश्विनी के पिता का बयान सामने आया है. जबलपुर के रहने वाले सॉफ्टवेयर इंजीनियर रहे अश्वनी कोष्टा के पिता सुरेश कोष्टा ने पूरे केस की जल्द से जल्द सुनवाई पूरी करने की मांग की है. अश्विनी कोष्टा के पिता ने मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ से यह गुहार लगाई है.
अश्विनी के पिता ने फास्ट ट्रैक के माध्यम से पूरे मामले की सुनवाई की मांग की. उन्होंने कहा कि जल्द से जल्द निर्णय होकर गुनहगार को सजा मिलनी चाहिए. उन्होंने कहा कि सुनवाई में जितना समय लगता है न्याय व्यवस्था से उतना भरोसा उठता है. उन्होंने आगे कहा कि अगर केस पर ढिलाई बरती गई तो इससे पूरा प्रकरण दबने लगता है.
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'क्या पता बाहर आकर फिर किसी को कुचल दे'
अश्विनी कोष्टा के पिता ने आशंका जताई कि ऐसा ना हो कि आरोपी जमानत पर बाहर आकर किसी और को कुचल दे. उन्होंने कहा कि कार्रवाई हो रही है अच्छी बात है. उन्होंने कहा कि अगर उनके बेटे के केस में जल्द निर्णय होकर सजा मिलेगी तो आगे के लिए मिसाल बन बनेगा.
आरोपियों की हिरासत के लिए पुलिस ने बताए ये कारण
नाबालिग की पुलिस कस्टडी के लिए कोर्ट के सामने कुछ कारण पेश किए गए हैं, जिसमें कहा गया है कि जयेश गावकर और नितेश शेवानी दोनों उसी पब में काम करते थे, जहां दुर्घटना वाली रात नाबालिग पोर्श कार से पहुंचा था. इन्हीं दोनों ने नाबालिग और उसके दोस्तों को पब में एंट्री कराई थी और शराब परोसी थी.
कितनी पॉकेट मनी दी? इसकी भी होगी जांच
नाबालिग के पिता को उसकी उम्र और दोस्तों के साथ क्लब में कार लेकर जाने वाला था, इसकी जानकारी थी. इससे नाबालिग के जीविन को खतरा हो सकता है, इससे वे वाकिफ थे. फिर नाबालिग को इजाजत दी गई. वह शराब पीने के बाद गाड़ी चलाकर दोनों की मृत्यु का जिम्मेदार बना है. पुलिस यह भी जांच करेगी कि नाबालिग के पिता ने उसे सभी जानकारी होते हुए कितनी पॉकेट मनी दी.
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नाबालिग ने दोनों को कार से कुचलने के बाद आरोपी विशाल अग्रवाल दुर्घटना वाली जगह गया था. उस वक्त उसने किसी को फोन किया था. जिसकी जांच की जाएगी. पुलिस कस्टडी के लिए कोर्ट में दलील दी गई है कि अभी आरोपी का मोबाइल जब्त किया जाना बाकी है. पुलिस का कहना है कि संभाजीनगर से गिरफ्तारी के बाद उसके पास कोई मोबाइल बरामद नही हुआ था.
ओमकार