मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले सियासत गरमा गई है. कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी और कमलनाथ समेत कई नेताओं पर एफआईआर दर्ज होने पर राजनीति तेज हो गई है. इस पर कांग्रेस का कहना है बीजेपी को आगामी चुनाव में हार दिख रही है और इसी बौखलाहट के कारण एफआईआर दर्ज की गई हैं.
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी, पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ, पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव और जयराम रमेश के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई हैं. कांग्रेस का दावा है कि मध्य प्रदेश के 41 जिलों में ये एफआईआर दर्ज हुई हैं.
कांग्रेस बोली- विनाश काले, विपरीत बुद्धि
इस पर कांग्रेस ने ट्वीट कर कहा, 'BJP को आगामी मध्य प्रदेश चुनाव में अपनी हार साफ नजर आ रही है. सामने दिख रही हार से पार्टी पूरी तरह घबरा और बौखला गई है. इस बौखलाहट का ही नतीजा देखिए- जब श्रीमती प्रियंका गांधी जी ने मध्य प्रदेश में चल रहे 50% कमीशन के गोरखधंधे के खिलाफ आवाज उठाई तो अपने भ्रष्टाचार को छिपाने के लिए BJP सरकार ने उनके खिलाफ 41 जिलों में FIR दर्ज करवा दी.'
कांग्रेस ने आगे कहा, 'अगर BJP सच के साथ होती तो वे इसका सामने से जवाब देती, न कि हमेशा की तरह पुलिस के पीछे छिपकर सच्चाई को दबाने की कोशिश करती. लेकिन हम डरने वाले नहीं हैं. सच बहुत जल्द जनता के सामने होगा. जनता आपको माफ नहीं करने वाली. विनाश काले, विपरीत बुद्धि.'
पुलिस का क्या है कहना?
इंदौर पुलिस का कहना है कि उन्होंने मध्य प्रदेश की बीजेपी सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाने वाली एक पोस्ट पर प्रियंका गांधी वाड्रा, कमलनाथ और अरुण यादव के सोशल मीडिया खातों के हैंडलरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है.
पुलिस में दर्ज शिकायत के अनुसार ज्ञानेंद्र अवस्थी नाम के व्यक्ति की ओर से एक फर्जी पत्र सोशल मीडिया पर प्रसारित किया गया है, जिसमें दावा किया गया है कि राज्य में ठेकेदारों को 50 प्रतिशत कमीशन देने के लिए कहा जा रहा है.
क्या कहा था प्रियंका गांधी ने?
प्रियंका गांधी ने दावा किया था कि मध्य प्रदेश के ठेकेदारों के एक संघ ने हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखकर शिकायत की है कि उन्हें 50 प्रतिशत कमीशन देने के बाद ही पेमेंट होती है.
प्रियंका ने अपनी पोस्ट में कहा था कि कर्नाटक की भ्रष्ट बीजेपी सरकार 40% कमीशन वसूलती थी. मध्य प्रदेश में बीजेपी अपने ही भ्रष्टाचार के रिकॉर्ड को तोड़कर आगे निकल गई है. कर्नाटक की जनता ने 40% कमीशन वाली सरकार को हटा दिया, अब मध्य प्रदेश की जनता 50% कमीशन वाली सरकार को हटाएगी.
एमपी में इस साल हैं चुनाव
मध्य प्रदेश में इस साल नवंबर-दिसंबर में विधानसभा चुनाव होने हैं. 2018 में हुए एमपी के चुनाव में कांग्रेस की जीत हुई थी. हालांकि, 2020 में ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आ गए. इस कारण उनके समर्थक विधायक भी बीजेपी में शामिल हो गए और मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार गिर गई.
रवीश पाल सिंह