मणिपुर में राष्ट्रपति शासन छह महीने के लिए बढ़ा, सदन में प्रस्ताव को मिली मंजूरी

राज्य में हिंसा की शुरुआत 2023 में तब हुई जब हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ एक 'जनजातीय एकजुटता मार्च' आयोजित किया गया. मणिपुर में 13 फरवरी 2025 को पहली बार राष्ट्रपति शासन लागू किया गया था. यह फैसला राज्य में लंबे समय से जारी जातीय हिंसा और प्रशासनिक विफलता के चलते लिया गया था.

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मणिपुर के कई हिस्सों में सुरक्षा हालात अब भी तनावपूर्ण बने हुए हैं. (File Photo) मणिपुर के कई हिस्सों में सुरक्षा हालात अब भी तनावपूर्ण बने हुए हैं. (File Photo)

पीयूष मिश्रा

  • नई दिल्ली,
  • 25 जुलाई 2025,
  • अपडेटेड 6:41 AM IST

मणिपुर में राष्ट्रपति शासन को छह महीने के लिए और बढ़ा दिया गया है. यह विस्तार 13 अगस्त 2025 से प्रभावी होगा. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस संबंध में राज्यसभा में एक प्रस्ताव पेश किया, जिसे सदन ने स्वीकार कर लिया.

सदन में पेश किए गए नोटिस में कहा गया, 'यह सदन, संविधान के अनुच्छेद 356 के तहत राष्ट्रपति की ओर से मणिपुर के संबंध में 13 फरवरी 2025 को जारी उद्घोषणा को 13 अगस्त 2025 से प्रभावी छह माह की और अवधि तक जारी रखने की स्वीकृति प्रदान करता है.'

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2023 में हुई थी हिंसा की शुरुआत

राज्य में हिंसा की शुरुआत 2023 में तब हुई जब हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ एक 'जनजातीय एकजुटता मार्च' आयोजित किया गया. मणिपुर में 13 फरवरी 2025 को पहली बार राष्ट्रपति शासन लागू किया गया था. यह फैसला राज्य में लंबे समय से जारी जातीय हिंसा और प्रशासनिक विफलता के चलते लिया गया था.

कानून-व्यवस्था स्थिर करने की कोशिश में सरकार

हालांकि शांति और सुलह की कोशिशें अभी भी जारी हैं, लेकिन मणिपुर के कई हिस्सों में सुरक्षा हालात अब भी तनावपूर्ण बने हुए हैं. इस अवधि में केंद्र सरकार कानून-व्यवस्था को स्थिर करने और भविष्य में विधानसभा चुनाव कराने की संभावनाओं का मूल्यांकन करने की योजना बना रही है.

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