प्रयाग 2025: भारत मंडपम में सरकार, उद्योग और शैक्षणिक जगत का संगम, देश को आगे ले जाने का संकल्प

प्रयाग 2025 सम्मेलन में AI, मानसिक स्वास्थ्य और महिला सशक्तिकरण पर केंद्रित ‘लक्ष्मी’ और ‘परमेश्वरी’ जैसी दो राष्ट्रीय योजनाओं की शुरुआत हुई है. जानिए भारत मंडपम में हुए प्रयाग 2025 आयोजन की कुछ खास बातें.

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इस आयोजन में कई दिग्गज संस्थानों के प्रतिनिधि शामिल हुए (फोटो- Parvez Sagar) इस आयोजन में कई दिग्गज संस्थानों के प्रतिनिधि शामिल हुए (फोटो- Parvez Sagar)

परवेज़ सागर

  • नई दिल्ली,
  • 19 जुलाई 2025,
  • अपडेटेड 2:04 AM IST

Prayag 2025 Bharat Mandapam: भारत भाग्य विधाता फोरम (BBV Forum) ने नीति, नवाचार और सामाजिक उत्थान को एक मंच पर लाने की मुहिम शुरू की है. इसी कड़ी में नई दिल्ली के भारत मंडपम में स्थित G20 समिट हॉल में ‘प्रयाग 2025’ का आयोजन किया गया. जिसकी थीम टी3 यानी Technology, Talent और Trillion थी.

बीबीवी फोरम की संस्थापक शिप्रा डावर (पीतांबरा प्रिया शिप्रा) ने बताया कि यह पहला समिट है. इसे प्रयाग नाम इसलिए दिया गया है, क्योंकि यह सरकार, उद्योग और शैक्षणिक जगत का संगम है. 

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उन्होंने कहा कि अब भारत की जो नीतियां बन रही हैं, वे AI तकनीक के साथ पूरे भारत को अपने साथ आगे ले जाने के लिए बन रही हैं. अब किस तरीके से 70 मिलियन से ज़्यादा जो सेल्फ इंप्लॉइ लोग हैं, उनकी ट्रेनिंग हो सके इस पर काम करने की ज़रूरत है. खास तौर पर महिलाओं पर फोकस रखना है. 

भारत की नीतियों को समझते हुए Microsoft और गीता AI जैसी कंपनियों और शैक्षणिक जगत को साथ लेते हुए हिंदुस्तान को प्रगति के मार्ग पर ले जाने के प्रयोग का नाम प्रयाग है, ये संगम है. प्रयाग का मकसद है AI, मानसिक स्वास्थ्य, महिला सशक्तिकरण, कौशल विकास और समावेशी नवाचार जैसे विषयों पर सरकार, उद्योग और नागरिक समाज को एक साथ लाना.

महाराष्ट्र सरकार की अपर मुख्य सचिव सुजाता सौनिक ने समावेशी नीति, महिला नेतृत्व और उत्तरदायी AI की आवश्यकता पर बल दिया. उन्होंने प्रयाग 2025 में शामिल हुए प्रतिभागियों के सवालों के जवाब भी दिए. 

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परमेश्वरी: महिला सशक्तिकरण की नई राह
परमेश्वरी की पहल विशेष रूप से लैंगिक हिंसा से प्रभावित महिलाओं के लिए की गई. इसमें AI आधारित व्यावसायिक प्रशिक्षण और IWill Therapy के ज़रिए मानसिक स्वास्थ्य सहायता दी जाएगी. इसका लक्ष्य पहले साल में 1 लाख से ज्यादा महिलाओं को सशक्त बनाना है, खासकर ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में इसका फोकस रहेगा.

लक्ष्मी: AI आधारित सूक्ष्म-उद्यमिता की क्रांति
इस योजना के तहत भारत के 7 करोड़ स्वयंरोज़गार करने वाले और छोटे उद्यमियों को AI स्किल्स, डिजिटल टूल्स और नीति सहायता प्रदान की जाएगी. इसका लक्ष्य है कि 2030 तक भारत की GDP में $1 ट्रिलियन का योगदान सुनिश्चित किया जाए.

इस आयोजन के दौरान जहां Microsoft द्वारा महिला AI उद्यमियों पर लीडरशिप डायलॉग पर बात की गई. वहीं. एकता डायलॉग में भारत की वैश्विक नीति भूमिका पर चर्चा की गई. स्टार्टअप स्पॉटलाइट के तहत 20 नवाचार आधारित स्टार्टअप्स की प्रदर्शनी भी आयोजित की गई. AI, क्लाइमेट-टेक, डिजिटल हेल्थ और सस्टेनेबल एनर्जी जैसे विषयों पर पैनल सत्र आयोजित किए गए.

फोरम का विजन
भारत भाग्य विधाता फोरम एक नॉन-प्रॉफिट नीति मंच है, जो AI, क्लाइमेट फाइनेंस, स्किलिंग और जननीति नवाचार के क्षेत्र में काम करता है. इसका लक्ष्य है भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाना, जहां जमीनी हकीकत से जुड़ी समझ को नीतिगत निर्णयों से जोड़ा जाए.

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इस आयोजन में शिप्रा डावर, के अलावा राजेश गुप्ता, वैशाली चौपड़ा, रजनीश जैसवाल और कई अन्य विशेषज्ञों ने भागेदारी की. माइक्रोसॉफ्ट,  Lloyds, इंटेल, रिलायंस, सैमसंग सहित कई कंपनियों और विश्वविद्यालयों के प्रमुख विशेषज्ञों ने इस कार्यक्रम में भाग लिया.

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