भारत के शहरी और ग्रामीण इलाकों दोनों में ही ये विश्वास किया जाता है और यह एक आम धारणा है कि धुंध, कोहरा और वायु प्रदूषण के कारण मचछरों का प्रजनन कम हो जाता है. हालांकि मेडिकल एक्सपर्ट्स इस पर अपनी जुदा राय रखते हैं.
उन्होंने कहा कि मच्छरों के प्रजनन का प्रदूषण से कोई सीधा संबंध नहीं हैं. इस बात को इस तरह से भी समझा जा सकता है, दिल्ली में हर साल डेंगू के केस हर साल बढ़ रहे हैं और प्रदूषण भी बढ़ा है.
इस साल अब तक 2700 से ज्यादा डेंगू के केस रिपोर्ट हो चुके हैं. वहीं नवम्बर के पहले सप्ताह में ही 1,100 से ज्यादा डेंगू के केस रिपोर्ट हो चुके हैं. वहीं नोएडा में भी डेंगू के 500 मामले सामने आ चुके हैं. यानि साफ है कि प्रदूषण बढ़ने से मच्छरों के प्रजनन क्षमता पर कोई सीधा असर नहीं पड़ रहा है.
क्या बोले डॉक्टर
अपोलो अस्पताल के डॉक्टर सुरनजीत चटर्जी ने बताया कि मच्छरों की प्रजनन क्षमता प्रदूषण के कारण कम होती है, ऐसा बिलकुल भी नहीं है. हां ये जरूर है कि गर्मी वाले मौसम में इन पर असर जरूर पड़ता है.
डेंगू मामलों के एक्सपर्ट नोएडा के फेलिक्स अस्पताल के डॉक्टर डीके गुप्ता ने कहा कि जब भी मौसम में परिवर्तन होता है, तब मच्छर और दूसरे कीड़ों के जीवन चक्र पर असर पड़ता है. कई स्टडी में ये भी सामने आया है कि मच्छरों ने ज्यादा तापमान में भी रहने के लायक खुद को ढाल लिया है. वहीं ये कई कीटनाशकों के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता वाले भी हो गए हैं.
डॉ डीके गुप्ता ने ये भी बताया कि जहरीला पानी और जिस पानी में रसायन की मात्रा अधिक होती है, उस जगह के ये अपना प्रजनन केंद्र बना लेते हैं. वहीं जहां प्रदूषण ज्यादा होता है, वहां मलेरिया फैलाने वाले मच्छर ज्यादा होते हैं.
दिल्ली में किस साल कितने डेंगू के मामले
| 2016 | 4,431 |
| 2017 | 4,726 |
| 2018 | 2,798 |
| 2019 | 2,036 |
| 2020 | 1,072 |
कैसे रखें डेंगू से खुद को सुरक्षित
अभिषेक आनंद / अमित भारद्वाज