देश आज वीर बाल दिवस मना रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज दिल्ली के भारतमंडप में इस कार्यक्रम में शामिल हुए. इस दौरान उन्होंने कहा कि वीर बाल दिवस भारतीयता की रक्षा के लिए कुछ भी कर गुजरने का संकल्प है. बता दें कि वीर बाल दिवस के मौके पर बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और गृह मंत्री अमित शाह कोलकाता के बड़ा बाजार गुरुद्वारा में हैं.
इस दौरान पीएम मोदी ने कहा, साहिबजादे भारतीयता की रक्षा के लिए कुछ भी कर गुजरने के संकल्प का प्रतीक हैं. ये दिन हमें याद दिलाता है कि शौर्य की पराकाष्ठा के समय कम आयु मायने नहीं रखती. ये उस महान विरासत का पर्व है. इस दौरान पीएम मोदी ने गुरुवाणी की एक लाइन भी सुनाई- 'सूरा सो पहचानिए, जो लरै दीन के हेत, पुरजा-पुरजा कट मरै, कबहू ना छाडे़ खेत'
बता दें कि जोरावर सिंह और फतेह सिंह को इस्लाम कबूल नहीं करने की वजह से जिंदा दीवार में चुनवा दिया गया था, जिनकी याद में पीएम मोदी ने वीर बाल दिवस मनान शुरू किया था. पीएम ने कहा, इस साल अमेरिका, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, यूएई और ग्रीस में भी वीर बाल दिवस कार्यक्रम हो रहे हैं. भारत के वीर साहिबजादों के बारे में पूरी दुनिया और ज्यादा जानेगी. उनकी महान करतूतों से सीखेगी.
साहिबजादों की वीरता हर भारतीय को ताकत देती है: PM
प्रधानमंत्री ने कहा, गुरु गोविंद सिंह और चारों साहिबजादों की वीरता आज भी हर भारतीय को ताकत देती है. इसलिए वीर बाल दिवस उन सच्चे वीरों के अप्रतिम शौर्य और उनको जन्म देने वाली माता के प्रति राष्ट्र की सच्ची श्रद्धांजलि है.
उन्होंने कहा, 300 साल पहले जो कुछ हुआ, वो अमिट इतिहास है. ये बेमिसाल है. इस इतिहास को नहीं अनसुना नहीं कर सकते. आने वाली पीढ़ियों को याद दिलाते रहना जरूरी है. जब अन्याय और अत्याचार का अंधकार था तब भी हमने निराशा को पलभर के लिए हावी नहीं होने दिया. हमने स्वाभिमान के साथ अत्याचारियों का सामना किया. हर आयु के पूर्वजों ने तब सर्वोच्च बलिदान दिया. उन्होंने अपने लिए जीने के बजाय इस मिट्टी के लिए मरना पसंद किया. जब तक हमने अपनी विरासत का सम्मान नहीं किया, तो दुनिया ने भी हमारी विरासत को भाव नहीं दिया.
हमें अपनी विरासत पर गर्व: पीएम मोदी
आज जब हम अपनी विरासत पर गर्व कर रहे हैं तब दुनिया का नजरिया भी बदला है. मुझे खुशी है कि आज देश गुलामी की मानसकिता से बाहर निकल रहा है. आज के भारत को अपने लोगों पर, सामर्थ्य पर, अपनी प्रेरणाओं पर पूरा-पूरा भरोसा है.
आज के भारत के लिए साहिबाजादों का बलिदान राष्ट्रीय प्रेरणा का विषय है. आज के भारत में भगवान बिरसा मुंडा का बलिदान, गोविंद गुरु का बलिदान पूरे राष्ट्र को प्रेरणा देता है. जब कोई देश विरासत पर गर्व करतते हुए आगे बढ़ता है तो दुनिया भी उसे सम्मान से देखती है. सम्मान देती है.
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