सत्य साईं बाबा की शिक्षाएं 140 देशों में लाखों लोगों को दे रहीं दिशा: पीएम मोदी

मोदी ने कहा कि सत्य साईं संस्थान शिक्षा, स्वास्थ्य, ग्रामीण विकास और अन्य क्षेत्रों में इस दर्शन के जीवित प्रमाण हैं. प्रधानमंत्री ने 2001 के गुजरात भूकंप का जिक्र करते हुए कहा कि साईं सेवा दल ने राहत कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी.

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मोदी ने श्री सत्य साईं परिवार द्वारा 20,000 सुकन्या समृद्धि खाते खोलने की पहल को सराहा. (Photo- PTI) मोदी ने श्री सत्य साईं परिवार द्वारा 20,000 सुकन्या समृद्धि खाते खोलने की पहल को सराहा. (Photo- PTI)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 19 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 5:05 PM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को आध्यात्मिक गुरु श्री सत्य साईं बाबा के जन्म शताब्दी समारोह के अवसर पर प्रधानमंत्री ने स्मारक सिक्का और डाक टिकटों का भी विमोचन किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि सत्य साईं बाबा की शिक्षाएं और सेवा-भाव दुनिया के 140 देशों में लाखों अनुयायियों को मार्गदर्शन दे रहे हैं.

न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक पीएम मोदी ने कहा, “सत्य साईं बाबा का जन्म शताब्दी वर्ष केवल उत्सव नहीं, बल्कि एक दिव्य आशीर्वाद है. वे भले ही भौतिक रूप से हमारे बीच उपस्थित न हों, लेकिन उनका प्रेम और सेवा का संदेश करोड़ों लोगों का पथप्रदर्शन कर रहा है. 140 देशों में साईं बाबा के लाखों अनुयायी उनकी शिक्षाओं से प्रेरित होकर आगे बढ़ रहे हैं."

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'वसुधैव कुटुम्बकम का जीवंत स्वरूप थे साईं बाबा'

प्रधानमंत्री ने कहा कि साईं बाबा ने सेवा को मानव जीवन का केंद्र माना और उनका पूरा जीवन ‘वसुधैव कुटुम्बकम’ दुनिया एक परिवार है की भावना का जीवंत उदाहरण था. उन्होंने कहा, “यह जन्मशताब्दी वर्ष सार्वभौमिक प्रेम, शांति और सेवा का भव्य उत्सव बन गया है.”

'भारत की सेवा-परंपरा ही उसकी शक्ति'

मोदी ने कहा कि भारतीय सभ्यता का मूल तत्व ‘सेवा’ है भक्ति, ज्ञान या कर्म किसी भी मार्ग से हों, सबका आधार सेवा ही है. उन्होंने ‘सेवा परमोधर्मः’ (सेवा सर्वोच्च धर्म है) पर जोर देते हुए कहा कि यह भावना सदियों से भारत की आंतरिक शक्ति रही है. पीएम मोदी ने साईं बाबा के प्रसिद्ध वाक्य “Love All, Serve All” को उद्धृत करते हुए कहा कि बाबा के लिए सेवा ही प्रेम था.

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मोदी ने कहा कि सत्य साईं संस्थान शिक्षा, स्वास्थ्य, ग्रामीण विकास और अन्य क्षेत्रों में इस दर्शन के जीवित प्रमाण हैं. उन्होंने बताया कि बाबा ने कभी किसी सिद्धांत को नहीं थोपा, बल्कि जरूरतमंदों की सेवा को ही अपना धर्म माना.

प्रधानमंत्री ने 2001 के गुजरात भूकंप का जिक्र करते हुए कहा कि साईं सेवा दल ने राहत कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. उन्होंने कई दिनों तक पूर्ण समर्पण के साथ प्रभावित लोगों तक सहायता पहुंचाई.

पानी, घर, स्वास्थ्य और ऊर्जा में बड़े कदम

मोदी ने बताया कि साईं सेंट्रल ट्रस्ट और उससे जुड़े संस्थान संगठित और दीर्घकालिक तरीके से सेवा कर रहे हैं. उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि रेयालसीमा में पानी की किल्लत दूर करने के लिए 3,000 किमी से ज्यादा पाइपलाइन बिछाई गई. ओडिशा में बाढ़ प्रभावित परिवारों के लिए 1,000 घर बनाए गए. साईं अस्पतालों में कोई बिलिंग काउंटर नहीं होता, गरीबों के लिए इलाज पूरी तरह नि:शुल्क है.

20,000 सुकन्या समृद्धि खाते खोले जाने की सराहना

मोदी ने श्री सत्य साईं परिवार द्वारा 20,000 सुकन्या समृद्धि खाते खोलने की पहल को सराहा. उन्होंने बताया कि देशभर में अब तक 4 करोड़ से अधिक खाते खुले हैं और इसमें 3.25 लाख करोड़ रुपये से अधिक जमा हुए हैं. प्रधानमंत्री ने गौ-दान कार्यक्रम में भी हिस्सा लिया, जहां ट्रस्ट ने गरीब किसान परिवारों को 100 गायें दान कीं. उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति में गाय को जीवन, समृद्धि और करुणा का प्रतीक माना जाता है.

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प्रधानमंत्री ने बताया कि 2014 में जहां 25 करोड़ लोग सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के दायरे में थे, वहीं आज यह संख्या लगभग 100 करोड़ तक पहुंच गई है. उन्होंने कहा कि विकसित भारत का लक्ष्य नागरिकों की सक्रिय भागीदारी से ही संभव है और साईं बाबा का जन्म शताब्दी वर्ष इस दिशा में बड़ा प्रेरणास्रोत है.

प्रधानमंत्री ने स्थानीय उत्पादों को अपनाने की अपील करते हुए कहा कि इससे छोटे कारोबार, परिवार और स्थानीय आपूर्ति श्रृंखला मजबूत होती है, और आत्मनिर्भर भारत का मार्ग सशक्त होता है.

समारोह में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू, उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण, क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर, अभिनेत्री ऐश्वर्या राय बच्चन, श्री सत्य साईं सेंट्रल ट्रस्ट के प्रबंध न्यासी आर. जे. रत्नाकर सहित कई अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे.

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