प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में एक निजी कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि आज भारत दुनिया की सबसे तेज़ी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था है. हम बहुत जल्द दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रहे हैं. प्रधानमंत्री ने बताया कि विशेषज्ञ मानते हैं कि जल्द ही भारत का योगदान वैश्विक विकास में लगभग 20% तक पहुंच जाएगा. उन्होंने कहा कि इस वृद्धि और मजबूती का आधार पिछले एक दशक में बनी मैक्रोइकोनॉमिक स्थिरता है.
पीएम मोदी ने बताया कि आज भारत का राजकोषीय घाटा घटकर 4.4% रहने का अनुमान है, और यह तब है जब देश ने कोविड के इतने बड़े संकट का सामना किया है. प्रधानमंत्री ने कहा कि भारतीय कंपनियां पूंजी बाजार से रिकॉर्ड स्तर पर धन जुटा रही हैं, बैंक पहले से कहीं अधिक मज़बूत हुए हैं, मुद्रास्फीति और ब्याज दरें कम हैं. उन्होंने कहा कि चालू खाते का घाटा नियंत्रण में है और विदेशी मुद्रा भंडार मज़बूत स्थिति में हैं.
पीएम मोदी ने कहा कि हर महीने लाखों घरेलू निवेशक SIP (सिस्टेमेटिक इन्वेस्टमेंट प्लान) के ज़रिए हजारों करोड़ रुपये निवेश कर रहे हैं. जब इकोनॉमी की बुनियाद मजबूत होती है तो उसका प्रभाव हर तरफ दिखता है.
पीएम मोदी ने कहा कि जीएसटी (GST) में बड़ा सुधार किया जा रहा है, जिसे इस दिवाली तक पूरा कर लिया जाएगा. उन्होंने बताया कि इस सुधार से जीएसटी और आसान होगा और वस्तुओं की कीमतें भी कम होंगी. इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने भारत की एक और बड़ी उपलब्धि का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि भारत अब इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) का निर्यात दुनिया के 100 देशों में करने जा रहा है. इस संबंध में एक बड़ा कार्यक्रम 26 अगस्त को आयोजित होगा.
कार्यक्रम के दौरान पीएम मोदी ने कहा कि पहले की सरकारों ने देश को वोट बैंक की राजनीति में उलझाकर रखा था. उनकी सोच चुनाव से आगे सोचने की ही नहीं थी. वो सोचते थे कि जो कटिंग एज टेक्नोलॉजी है, वो बनाने का काम विकसित देशों का है. हमें कभी जरूरत होगी, तो वहां से इम्पोर्ट करेंगे. यही वजह थी कि सालों तक हमारे देश को दुनिया के बहुत से देशों से पीछे रहना पड़ा.
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