सुप्रीम कोर्ट में एक नई याचिका दायर कर केंद्र सरकार को दो महीने के भीतर जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल करने का निर्देश देने की मांग की गई है. कॉलेज शिक्षक जहूर अहमद भट और कार्यकर्ता खुर्शीद अहमद मलिक ने याचिका दायर की है, जिसमें कहा गया है कि अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के मामले में याचिकाओं की सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता द्वारा सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष दिए गए आश्वासन के बावजूद कि राज्य का दर्जा बहाल किया जाएगा, अनुच्छेद 370 मामले में फैसले के बाद केंद्र ने इस संबंध में कोई कदम नहीं उठाया है.
याचिका में आगे कहा गया है कि जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल न करना संघवाद की मूल विशेषता का उल्लंघन है. याचिका में आगे विधानसभा चुनावों के शांतिपूर्ण संचालन का जिक्र किया गया. जो दर्शाता है कि राज्य का दर्जा बहाल करने में कोई बाधा नहीं है और कहा गया कि सुरक्षा संबंधी चिंताओं, हिंसा या किसी अन्य गड़बड़ी की कोई बाधा नहीं है जो जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा देने/बहाली में बाधा उत्पन्न करे या रोके. जैसा कि मौजूदा कार्यवाही में भारत संघ द्वारा आश्वासन दिया गया था.
याचिका में कहा गया है, 'समयबद्ध तरीके से जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल न करना संघवाद के विचार का उल्लंघन है, जो भारत के संविधान के मूल ढांचे का हिस्सा है.'
जम्मू के Exit Poll में किसे कितनी सीटें
जम्मू कश्मीर में इस बार तीन चरणों में विधानसभा चुनाव हुआ था. 1 अक्टूबर को 90 विधानसभा सीटों पर आखिरी चरण को वोटिंग पूरी हुई. इससे पहले 18 सितंबर को पहले और 25 सितंबर को दूसरे चरण का मतदान हुआ था. बता दें कि अनुच्छेद 370 हटने के बाद यहां पहली बार चुनाव हुए हैं. जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद विधानसभा चुनाव के लिए मतदान हुआ, इसलिए वोटर्स की निगाहें रिजल्ट पर बेसब्री से टिकी हैं.
जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव 2024 के लिए C Voter के एग्जिट पोल के आंकड़े आ चुके हैं. इस सर्वे के मुताबिक कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस गठबंधन (INDIA ब्लॉक) को बड़ी बढ़त मिलती दिख रही है. पिछले चुनाव (2014) में जहां इस गठबंधन ने 24 सीटें जीती थीं, वहीं इस बार के एग्जिट पोल में इन्हें 40 से 48 सीटें मिलने की संभावना है. यह पिछले चुनाव के मुकाबले करीब 18 से 22 सीटों का इजाफा है.
वहीं, भारतीय जनता पार्टी (BJP) की स्थिति भी स्थिर नजर आ रही है. पिछले चुनाव में 25 सीटों के मुकाबले इस बार उन्हें 27-32 सीटें मिल सकती हैं, मतलब बीजेपी को 2 से 4 सीटों का इजाफा हो सकता है. सबसे बड़ा नुकसान पीडीपी (PDP) को होता दिख रहा है. पिछली बार 28 सीटें जीतने वाली पीडीपी को इस बार केवल 6 से12 सीटें मिलने की संभावना है, यानी करीब 16-22 सीटों का भारी नुकसान हो सकता है. अन्य दलों की बात करें तो इन्हें 6 से 8 सीटें मिलने का अनुमान है, जो पिछले चुनाव के मुकाबले करीब 2 सीटों का इजाफा है.
कनु सारदा