लंदन में भारतीय उच्चायोग पर हमला करने वाले 45 खालिस्तानियों की तस्वीरें जारी, NIA ने की पहचान की अपील

लंदन में भारतीय उच्चायोग पर हमला कर तिरंगे का अपमान करने वाले खालिस्तान समर्थकों की तस्वीर NIA ने जारी कर दी है. जांच एजेंसी ने आरोपियों की पहचान करने की अपील भी की है. एनआईए ने एक नंबर जारी करते हुए कहा है कि इनकी पहचान होने पर उन्हें संपर्क किया जा सकता है.

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लंदन में खालिस्तानियों ने कुछ इस तरह किया था तिरंग का अपमान. (फाइल फोटो) लंदन में खालिस्तानियों ने कुछ इस तरह किया था तिरंग का अपमान. (फाइल फोटो)

अरविंद ओझा

  • नई दिल्ली,
  • 15 जून 2023,
  • अपडेटेड 4:09 AM IST

नेशनल इंवेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) ने लंदन में इंडियन हाई कमीशन पर हमला करने वाले 45 हमलावरों की तस्वीर जारी की है. दरअसल, इस घटना के बाद एनआईए की टीम जांच के लिए लंदन गई थी. टीम ने वहां पर हमले के दौरान के कई सीसीटीवी फुटेज को कब्जे में लिया था.

सीसीटीवी फुटेज के आधार पर ही अब 45 लोगों को चिन्हित किया गया है. इन सभी पर 19 मार्च को लंदन में भारतीय उच्चायोग पर हमला करने का और भारतीय झंडे का अपमान करने का आरोप है. एनआईए ने लोगों से इनकी पहचान बताने की अपील की है और वाट्स एप नंबर जारी किया है.

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भारत ने ब्रिटिश रायनयिकों को किया था तलब

बता दें कि मार्च 2023 में कुछ कट्टरपंथी खालिस्तान समर्थकों ने लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग से भारतीय राष्ट्रीय ध्वज को उतारने की कोशिश की थी. इस घटना के बाद भारत सरकार ने दिल्ली में स्थित ब्रिटेन के राजनयिकों को तलब किया था. इसके साथ ही लंदन में भारतीय उच्चायोग की खिड़की तोड़ने के मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार किया गया था.

हमले के बाद एक शख्स की हुई थी गिरफ्तारी

भारतीय उच्चायोग के अधिकारियों ने कहा था कि कट्टरपंथियों के हमले को नाकाम कर दिया गया. उच्चायोग पर तिरंगा शान से लहरा रहा है. मेट्रोपॉलिटन पुलिस की ओर से कहा गया था कि इस मामले में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया है. घटना में किसी भी चोट नहीं पहुंची. हालांकि, उच्चायोग भवन में खिड़कियां तोड़ी गईं.

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सोशल मीडिया पर वायरल हुईं थी तस्वीरें

पुलिस ने कहा था कि घटना की सूचना मिलते ही अधिकारी मौके पर पहुंच गए थे. हालांकि, पुलिस के आने से पहले ही अधिकांश लोग तितर-बितर हो गए थे. इसके बाद पूरे मामले की जांच की गई. वहीं, टूटी हुई खिड़कियों और इंडिया हाउस की इमारत पर चढ़ने वाले लोगों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल भी हुईं थी.

भारत ने उठाई थी सुरक्षा में लापरवाही की बात

घटना के बाद भारत ने ब्रिटिश सरकार के सामने अपना कड़ा विरोध दर्ज कराया था और परिसर में पर्याप्त सुरक्षा की कमी पर सवाल उठाया था. भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा था कि भारत में ब्रिटेन के सबसे सीनियर राजनयिक को समन किया जा रहा है. हम लंदन के उच्चायोग में अलगाववादी और कट्टरपंथी तत्वों के एक्शन की निंदा करते हैं. ब्रिटिश सरकार को इसका स्पष्टीकरण देना चाहिए कि जब उच्चायोग में इस तरह का काम किया जा रहा था तो सुरक्षा व्यवस्था में लापरवाही क्यों बरती गई? यह सीधे तौर पर वियना कन्वेंशन के नियमों का भी उल्लंघन है.

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