देश में पेट्रोल-डीजल के दाम आसमान छू चुके हैं, शायद ही कोई ऐसा रिकॉर्ड है जो अभी ना टूटा हो. शतक तो कई राज्यों में पहले ही लग चुका है, अब तो नए कीर्तिमान रचने की देरी दिख रही है. अब ये बढ़ते दाम कैसे कम होंगे, कब कम होगें, कोई नहीं बता पा रहा, लेकिन मंत्रियों के ऊटपटांग बयान और तथ्यहीन तर्कों ने घावों पर नमक छिड़कने का काम जरूर कर दिया है.
केंद्रीय मंत्री से लेकर प्रदेश मंत्री तक, ऐसे बयान सुनने-देखने को मिल रहे हैं कि आम आदमी का गुस्सा सातवें आसमान पर पहुंच जाए. किसी को पेट्रोल-डीजल के दाम कम लग रहे हैं, तो कोई रेट को 200 रुपये तक पहुंचने का इंतजार कर रहा है.
मंहगाई पर चुप्पी, ऊटपटांग बयान देने में आगे
असम के बीजेपी अध्यक्ष भावेश कलिता कह गए हैं कि जब पेट्रोल 200 रुपये प्रति लीटर हो जाएगा, तब हम सरकार से सिफारिश करेंगे कि लोगों को टू व्हीलर पर भी ट्रिपलिंग कर जाने दें. अगर ऐसा नहीं हुआ तो हम तीन सीट वाली बाइक बनवा देंगे.
इससे एक कदम आगे बढ़कर यूपी के खेल मंत्री उपेंद्र तिवारी ने और कमाल का बयान दे दिया है. उन्होंने तो पहले पेट्रोल के महंगे होने की बात ही नहीं मानी, लेकिन बाद में ये और कह दिया कि केंद्र कई चीजें मुफ्त में दे रही है.
यूपी के खेल मंत्री का बयान
उन्होंने कहा कि कहीं नहीं बढ़ा है, अगर प्रति व्यक्ति की आय से तुलना करेंगे तो अभी पेट्रोल डीजल के दाम बहुत कम हैं. आज चंद मुठ्ठी भर लोग हैं जो फोर व्हीलर गाड़ियों से चलते हैं, जिनको पेट्रोल की उपयोगिता है. आज समाज के अंदर 95 फीसदी लोग हैं, जिनको पेट्रोल की आवश्यकता नहीं है और मुफ्त में आज 100 करोड़ से ऊपर लोगों को मुफ्त में वैक्सीन सरकार ने दिया है. मुफ्त में दवाई, मुफ्त में पढ़ाई, मुफ्त में सिंचाई ये सारा सरकार मुफ्त में सरकार ने किया है और इस हिसाब से अगर अन्य राज्यों की तुलना करेंगे तो उत्तर प्रदेश और देश में बहुत कम मूल्य बढ़े हैं.
अब उपेंद्र तिवारी ने जो तर्क दे दिया है उसका जवाब भी एक असल तर्क में ही छिपा हुआ है. देश में आम आदमी की प्रति महीना आय तो बांग्लादेश के नागरिक से भी कम है और सिर्फ 11750 रुपए है. जबकि मंत्री की संपत्ति 14 साल में 7 गुना बढ़ चुकी है. पेट्रोल के दाम कम बताने वाले यूपी के खेल मंत्री की संपत्ति 2007 में 14 लाख थी, 2012 में 82 लाख हुई, और 2017 में 1 करोड़ 21 लाख तक पहुंच गई.
हरदीप पुरी का बयान
पिछले ही हफ्ते केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री भी जनता के जख्मों पर हंसते हंसते नमक छिड़क चुके हैं. ये बताकर कि कहां ज्यादा टैक्स लेती है सरकार ? उन्होंने कहा था कि तेल के दाम हाई हैं इसलिए नहीं कि हमने कोई टैक्स लगाया हम सिर्फ बत्तीस रुपए लेते हैं एक लीटर का. लेकिन अब एनडीए की सरकार बनने के बाद से आंकड़ें कुछ और कही कहानी बयां कर रहे हैं.
मार्च 2014 में पेट्रोल पर केंद्र की एक्साइज ड्यूटी 10 रुपए 38 पैसे प्रति लीटर हुआ करती थी. जो एनडीए के राज में कई बार बढ़ाकर अब 32 रुपए 98 पैसे प्रति लीटर है.
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