पाकिस्तान में हालत नाजुक, पुलिस को निशाना बना रहे कट्टरपंथी, इमरान ने रेंजर्स को उतारा

पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में कट्टरपंथी संगठन तहरीक-ए-लबैक पाकिस्तान (टीएलपी) के समर्थकों और पुलिस के बीच हिंसक झड़पें हो रहीं हैं. स्थिति की गंभीरता को देखते हुए, आने वाले 60 दिनों के लिए पूरे सूबे में रेंजर्स की तैनाती के अधिकार दे दिए गए हैं.

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तहरीक-ए-लबैक पाकिस्तान (टीएलपी) के समर्थकों और पुलिस के बीच हिंसक झड़पें हो रहीं हैं तहरीक-ए-लबैक पाकिस्तान (टीएलपी) के समर्थकों और पुलिस के बीच हिंसक झड़पें हो रहीं हैं

aajtak.in

  • लाहौर,
  • 29 अक्टूबर 2021,
  • अपडेटेड 2:28 PM IST
  • पंजाब प्रांत की सुरक्षा व्यवस्था के लिए मैदान में उतारे रेंजर
  • तहरीक-ए-लबैक पाकिस्तान (टीएलपी) के समर्थकों और पुलिस के बीच हिंसक झड़पें
  • फ्रांस के राजदूत को निष्कासित करने की मांग पर अड़ी है पार्टी

पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में कट्टरपंथी संगठन तहरीक-ए-लबैक पाकिस्तान (टीएलपी) के समर्थकों और पुलिस के बीच हिंसक झड़पें हो रहीं हैं. ये हिंसा तब भड़की जब इमरान सरकार और टीएलपी के बीच हुई बातचीत नाकाम हो गई. टीएलपी अपनी पार्टी के मुखिया साद रिज़वी की रिहाई और फ्रांस के राजदूत को निष्कासित करने की मांग पर अड़ी है. 

टीएलपी ने मांगें पूरी करने के लिए रविवार सरकार को दो दिन का वक्त दिया था. साथ ही, ये चेतावनी भी दी थी कि अगर मांगें नहीं मानी जाती हैं तो राजधानी इस्लामाबाद का घेराव किया जाएगा. इसके बाद बुधवार को टीएलपी ने इस्लामाबाद की ओर कूच किया, जिस कारण कई जगहों पर पुलिस और टीएलपी समर्थकों के बीच झड़प हुई.

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मुखिया की रिहाई मंज़ूर, फ्रांस के राजदूत के निष्कासन को तैयार नहीं

पाकिस्तान के गृह मंत्री शेख रशीद ने गुरुवार की शाम कहा कि सरकार टीएलपी के साथ बातचीत कर रही है. साथ ही, उन्होंने पार्टी के कैद मुखिया साद रिज़वी से फोन पर बात की थी लेकिन अभी तक कोई समझौता नहीं हुआ है.

उन्होंने कहा, "टीएलपी के साथ हमारी जो भी सहमति बनी है, हम उस पर कायम हैं. लेकिन वे अभी भी हमारी बात नहीं सुन रहे हैं और कदम पीछे नहीं ले रहे हैं."

सरकार का कहना है कि वह पार्टी की ज़्यादातर मांगें मानने के लिए तैयार है, जिसमें रिज़वी को छोड़ना भी शामिल है. लेकिन फ्रांसीसी राजदूत को औपचारिक तौर से निष्कासित करने के लिए तैयार नहीं है.

TLP को सरकार की चेतावनी

गृह मंत्री शेख रशीद का कहना है, "अगर वे वापस नहीं गए, तो उन्हें अंजाम भुगतना होगा." उन्होंने कहा कि वह आने वाले दिनों में बातचीत जारी रखने के लिए तैयार हैं. सरकार ने यह भी कहा है कि टीएलपी के उग्र कार्यकर्ताओं से धार्मिक या राजनीतिक पार्टी नेताओं की तरह नहीं बल्कि आतंकवादियों की तरह व्यवहार किया जाएगा.

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60 दिनों के लिए पूरे सूबे में रेंजर्स तैनात

राशिद ने कहा कि स्थिति की गंभीरता को देखते हुए, कराची की तरह प्रांतीय सरकार के अनुरोध पर, संविधान के अनुच्छेद 147 (जो प्रांतीय सरकार को अपने कार्य महासंघ को सौंपने की अनुमति देता है) के तहत, आने वाले 60 दिनों के लिए पूरे सूबे में रेंजर्स की तैनाती के अधिकार दे दिए गए हैं.

पैगंबर मोहम्मद का कार्टून दिखाए जाने से नाराज़

पिछले साल नवंबर में फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों ने क्लास में पैगंबर मोहम्मद का कार्टून दिखाए जाने को अभिव्यक्ति की आजादी बताया था. इसके बाद से ही टीएलपी पाकिस्तान से फ्रांस के राजदूत को निकालने की मांग कर रही है. इसी साल अप्रैल में, इसी मांग को लेकर हिंसा भड़क गई थी, जिसके बाद टीएलपी के प्रमुख साद रिज़वी को पुलिस ने हिरासत में ले लिया था. अब टीएलपी अपने नेता की रिहाई और प्रतिबंधित संगठनों की लिस्ट से उन्हें हटाने की मांग कर रही है.

 

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