जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के लिए जासूसी करने वाले लोगों की धड़-पकड़ के लिए सर्च अभियान तेज कर दिया गया है.
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने शनिवार को पाकिस्तानी जासूसी नेटवर्क से जुड़े मालमे में आठ राज्यों में 15 जगहों पर छापेमारी की. ये छापे पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों (PIOs) से जुड़े संदिग्धों के ठिकानों पर मारे गए.
जांच में क्या-क्या मिला?
एनआईए को जांच के दौरान संवेदनशील सामग्री मिले. साथ ही कई इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स और फाइनेंशियल डॉक्यूमेंट्स को जब्त कर लिया है.
एनआईए को ऐसे दस्तावेज मिले हैं जो इस बात की पुष्टि करती है कि गोपनीय जानकारी के बदले पैसे दिए गए हैं.
एनआईए के अनुसार, जिन लोगों के यहां छापेमारी की गई है वे पाकिस्तानी एजेंटों को वित्तीय सहायता प्रदान करने का काम करते थे.
कहां-कहां हुई छापेमारी?
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क्या है पूरा मामला?
एनआईए ने 20 मई, 2025 को आरसी-12/2025/एनआईए/डीएलआई केस दर्ज किया गया था. इस केस के तहत गिरफ्तार किए गए एक आरोपी 2023 से लगातार पाकिस्तान के एजेंटों के संपर्क में था. जो राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी गोपनीय जानकारियां साझा कर रहा था.
किन धाराओं के तहत जांच हो रही है?
पाकिस्तान के लिए जासूसी करने वालों के खिलाफ एक्शन मोड में जांच एजेंसियां
देशभर में पाकिस्तान की ओर से पैसे देने के बदले खुफिया जानकारियों को हासिल करने के नेटवर्क पर जांच एजेंसियां कड़ा प्रहार करने में जुटी है. देशव्यापी स्तर पर जासूसी नेटवर्क के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है.
हाल के दिनों में देशभर के कई राज्यों से ऐसे लोगों पर कथित तौर पर आरोप लगे हैं कि वह पाकिस्तान के लिए जासूसी का काम कर रहे और गोपनीय जानकारियां शेयर कर रहे हैं.
जितेंद्र बहादुर सिंह / अरविंद ओझा