जम्मू कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले की जांच कर रही भारतीय सुरक्षा एजेंसियों को संदेह है कि इस हमले में चीन की मोबाइल कंपनी हुवेई के सैटेलाइट फोन का इस्तेमाल किया गया था.
पहलगाम में हमले के दौरान कथित तौर पर इलाके में हुवेई की इस डिवाइस की मूवमेंट का पता चला है. इससे जम्मू कश्मीर में आतंकियों के कम्युनिकेशन के नए तरीके पर चिंता बढ़ी है.
इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, सर्विलांस सिस्टम से हुवेई सैटेलाइट फोन की एक्टिविटी का पता चला और अब हमले से इसके संभावित कनेक्शन की जांच की जा रही है.
चीन की कंपनी हुवेई भारत में प्रतिबंधित है. हुवेई बिल्ट-इन सैटेलाइट कम्युनिकेशन फीचर के साथ स्मार्टफोन बनाती है, जिनमें मेट 60 प्रो, पी60 सीरीज और नोवा 11 अल्ट्रा शामिल है. इन डिवाइसों को विशेष रूप से चीन के तियानटॉन्ग-1 सैटेलाइट नेटवर्क से कनेक्ट करने के लिए डिजाइन किया गया है.
इन फीचर फोन में सैटेलाइट एंटीना और स्पेशेलाइज चिप लगी होती है जिससे वे बाहरी उपकरण से कनेक्ट कर सकते हैं. इन सेवाओं के लिए चीन की टेलीकॉम कंपनी के सिमकार्ड और सब्सक्रिप्शन प्लान की जरूरत होती है. इन्हें इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए डिजाइन किया गया है. इन फोन से कम-बैंडविड्थ वाले वॉयस और टेक्स्ट मेसेज भेजे जा सकते हैं.
ऐसा अंदेशा है कि हुवेई की इन डिवाइसों को या तो पाकिस्तान से या फिर किसी अन्य देश से भारत में तस्करी कर लिया गया हो सकता है.
बता दें कि पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की मौत हुई थी जबकि 17 घायल हुए थे. यह हमला पहलगाम की बैसारन घाटी में किया गया था, जिसमें आतंकियों ने चुन-चुनकर लोगों को निशाना बनाया गया था.
पहलगाम अटैक के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में हुई सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी (CCS) ने सिंधु जल संधि को तत्काल प्रभाव से स्थगित कर दिया था. यह पहली बार है जब भारत ने इतनी बड़ी और सख्त कार्रवाई की गई. भारत और पाकिस्तान के बीच तीन बड़ी जंग हो चुकी है लेकिन पहले कभी भी इस संधि को स्थगित नहीं किया गया.
कैबिनेट कमेटी की बैठक में लिए गए फैसलों के बारे में विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर बताया था कि 1960 की सिंधु जल संधि तत्काल प्रभाव से स्थगित कर दी गई. यह रोक तब तक रहेगी, जब तक पाकिस्तान क्रॉस बॉर्डर टेरेरिज्म को अपना समर्थन देना बंद नहीं करता.
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