यूपी में 5 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित, 1200 गांव पानी से घिरे, बिहार में भी गंगा उफान पर, पटना में बाढ़ का खतरा

Flood In Uttar Pradesh and Bihar: सवाल ये है कि वाराणसी में 2013 से बन रहा बांध कब पूरा होगा, इसकी कहीं कोई खोज-खबर नहीं है. सरकारी लेटलतीफी और केंचुआ चाल में फंसा विकास तबाही की वजह बन गया है. यही कारण है कि वाराणसी के लोगों के लिए इतने बरसों में कुछ भी नहीं बदला है.

Advertisement
Flood In Uttar Pradesh and Bihar: प्रयागराज में बाढ़ में डूबे घर (तस्वीर- पीटीआई) Flood In Uttar Pradesh and Bihar: प्रयागराज में बाढ़ में डूबे घर (तस्वीर- पीटीआई)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 13 अगस्त 2021,
  • अपडेटेड 11:26 AM IST

क्या वाराणसी, क्या प्रयागराज हर तरफ बाढ़ का हाहाकार है. यूपी के 1200 से अधिक गांव बाढ़ के पानी में घिरे हुए हैं. बिहार में भी गंगा नदी उफान पर है और पटना में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है. यही नहीं, भारी बारिश के कारण पहाड़ी इलाकों में भी तबाही के मंजर नजर आ रहे हैं. कहीं पहाड़ भरभराकर गिर रहे हैं तो कहीं नदियों के वेग व बाढ़ के पानी में मकान बह गए हैं. इधर, उत्तर प्रदेश के 1243 गांवों में 5 लाख से अधिक लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. यूपी में पिछले 24 घंटे के दौरान 13.1 मिमी बारिश हुई जो सामान्य से 154 फीसदी अधिक है.

Advertisement

उत्तर प्रदेश के 11 जिलों (प्रयागराज, चित्रकूट, कौशांबी, प्रतापगढ़, बस्ती, गोंडा, सुल्तानपुर, श्रावस्ती, लखनऊ, रायबरेली और फतेहपुर) में पिछले 24 घंटे में 25 मिमी या उससे अधिक बारिश हुई है.

सरकार की ओर से जारी रिपोर्ट के मुताबिक, 'उत्तर प्रदेश के 23 जिलों के 1243 गांवों में 5,46,049 लोगों की आबादी बाढ़ से प्रभावित हुई हैं.' वहीं, सिंचाई विभाग की मानें तो बदायूं, प्रयागराज, मिर्जापुर, वाराणसी, गाजीपुर और बलिया में गंगा नदी खतरे के निशान के ऊपर बह रही है. वहीं, औरैया, जालौन, हमीरपुर, बांदा और प्रयागराज में यमुना भी खतरे के निशान के ऊपर बह रही है.

पटना में बाढ़

बुधवार को वाराणसी में गंगा 72 मीटर के निशान को पार कर गई. ऐसा 8 साल में पहली बार हुआ. 11 अगस्त 2013 को गंगा ने 72 मीटर की सीमा को लांघा था. अब गंगा हर घंटे एक सेंटीमीटर बढ़ रही है. गुरुवार को गंगा 72.31 मीटर पर उफन रही थी. नतीजा ये हुआ कि बाढ़ का पानी अलग-अलग रास्तों से शहर में दाखिल होने लगा. वाराणसी का ये हाल करीब एक हफ्ते से है.

Advertisement

मगर सवाल ये है कि 2013 से बन रहा यहां का बांध कब पूरा होगा, इसकी कहीं कोई खोज-खबर नहीं है. सरकारी लेटलतीफी और केंचुआ चाल में फंसा विकास तबाही की वजह बन गया है. यही कारण है कि वाराणसी के लोगों के लिए इतने बरसों में कुछ भी नहीं बदला है. 2016, 2019 और अब 2021 में आने वाली बाढ़ ने उन्हें बेघर, बेबस कर दिया है.

प्रयागराज में बाढ़

बिहार में भी गंगा खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. पटना में भी गंगा का पानी खतरे के निशान से 1.29 मीटर ऊपर बह रहा था. पटना से सटे दानापुर के कई गांवों में नदी का पानी घुस गया है. लोग पलायन करने लगे हैं. बिहार में एक दर्जन जिले हैं जहां से गंगा गुजरती है वहां गंगा का पानी खतरे के निशान से ऊपर बह रहा है और सैकड़ों गांव प्रभावित है. बक्सर, भोजपुर, पटना, सारण, वैशाली, बेगूसराय, मुंगेर, खगड़िया, भागलपुर और कटिहार के दियारा इलाके सैकड़ों गांव जलमग्न हो चुके हैं और हजारों की आबादी प्रभावित है.

प्रयागराज में बाढ़ से हालात खराब

उत्तराखंड में बुधवार को मूसलाधार बारिश के बीच अल्मोड़ा जिले में एक घर के बह जाने से एक महिला की मौत हो गई और 5 लोग घायल हो गए, वहीं देहरादून में एक व्यक्ति नदी में बह गया. पंजाब और हरियाणा के अधिकतर हिस्से में गर्म और शुष्क मौसम बना रहा. दोनों राज्यों की राजधानी चंडीगढ़ में तापमान अधिकतम 35.6 सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया.

Advertisement

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement