ऑपरेशन सिंदूर: बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा, पुणे स्टूडेंट का कॉलेज से न‍िष्कासन नेचुरल जस्ट‍िस के ख‍िलाफ, दी राहत

जस्टिस एमएस करनिक और एनआर बोर्कर की बेंच ने देखा कि कॉलेज ने छात्रा का निष्कासन का आदेश देते समय प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों का पालन नहीं किया, क्योंकि उसे अपनी बात रखने का मौका नहीं दिया गया था. 19 साल की यह छात्रा, जो सिन्हगड एकेडमी ऑफ इंजीनियरिंग में चौथे सेमेस्टर की इंजीनियरिंग की छात्रा है, उसे 9 मई को गिरफ्तार होने के बाद निष्कासित कर दिया गया था, जिसके लिए उसकी सोशल मीडिया पोस्ट जिम्मेदार थी.

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The Bombay high court set aside the order of rustication of a student from Pune for her social media post on Operation Sindoor The Bombay high court set aside the order of rustication of a student from Pune for her social media post on Operation Sindoor

विद्या

  • मुंबई ,
  • 09 जून 2025,
  • अपडेटेड 5:16 PM IST

बॉम्बे हाई कोर्ट ने सोमवार को पुणे की एक छात्रा के सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर उसके निष्कासन का आदेश रद्द कर दिया. स्टूडेंट पर ऑपरेशन सिंदूर से संबंधित कोई व‍िवाद‍ित पोस्ट करने का आरोप था. 

जस्टिस एमएस करनिक और एनआर बोर्कर की बेंच ने देखा कि कॉलेज ने छात्रा का निष्कासन का आदेश देते समय प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों का पालन नहीं किया, क्योंकि उसे अपनी बात रखने का मौका नहीं दिया गया था. 19 साल की यह छात्रा, जो सिन्हगड एकेडमी ऑफ इंजीनियरिंग में चौथे सेमेस्टर की इंजीनियरिंग की छात्रा है, उसे 9 मई को गिरफ्तार होने के बाद निष्कासित कर दिया गया था, जिसके लिए उसकी सोशल मीडिया पोस्ट को जिम्मेदार बताया गया था. 

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गौरतलब है कि पहलगाम में हुए भयानक आतंकी हमले और इसके बाद भारत द्वारा पाकिस्तान में आतंकी कैंपों के खिलाफ की गई कार्रवाई के बाद, छात्रा ने 7 मई को अपनी सोशल मीडिया हैंडल पर ऑपरेशन सिंदूर के बारे में एक पोस्ट शेयर की थी. हालांकि उसने उसी दिन पोस्ट हटा दी थी और सार्वजनिक रूप से माफी भी मांगी थी. लेकिन उसके खिलाफ एक FIR दर्ज की गई, जिसमें आरोप लगाया गया कि उसकी पोस्ट से सांप्रदायिक तनाव भड़क सकता है और राष्ट्रीय सुरक्षा पर असर पड़ सकता है. 

पिछले महीने हाई कोर्ट ने छात्रा की गिरफ्तारी पर हैरानी जताते हुए उसे जमानत दे दी थी. हिरासत में रहने के दौरान वो छात्रा अपनी दो परीक्षा की कापियां और प्रैक्टिकल्स देने से चूक गई, लेकिन रिहा होने के बाद जो परीक्षाएं निर्धारित थीं, वो उन सभी में शामिल हुइ. अब उसने अधिकारियों को पत्र लिखकर पुन: परीक्षा में शामिल होने की अनुमति भी मांंगी है. 

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