आर्मी ऑफिसर और मंगेतर के साथ लॉकअप में मारपीट और उत्पीड़न का मामला, पांच पुलिस अधिकारी सस्पेंड

भारतीय सेना ने मामले को गंभीरता से लिया है और घटना की जानकारी मिलने के बाद अधिकारियों ने हस्तक्षेप किया. मेजर को आखिरकार रिहा कर दिया गया और उनकी मंगेतर का सम अस्पताल में मेडिकल टेस्ट कराया गया, जहां रिपोर्ट में मारपीट की पुष्टि हुई थी.

Advertisement
सांकेतिक तस्वीर सांकेतिक तस्वीर

अजय कुमार नाथ

  • भुवनेश्वर,
  • 19 सितंबर 2024,
  • अपडेटेड 11:52 PM IST

ओडिशा पुलिस ने भरतपुर पुलिस स्टेशन के प्रभारी निरीक्षक (आईआईसी) सहित पांच अधिकारियों को कदाचार के आरोप में निलंबित कर दिया है. यह कदम भारतीय सेना के एक अधिकारी पर क्रूर हमले और गलत तरीके से गिरफ्तारी के आरोपों के बाद उठाया गया है. ओडिशा पुलिस द्वारा जारी एक आधिकारिक अधिसूचना के अनुसार, निलंबित अधिकारियों में आईआईसी दीनाकृष्ण मिश्रा, सब इंस्पेक्टर (एसआई) बैसलिनी पांडा, सहायक सब इंस्पेक्टर (एएसआई) सलिलामयी साहू और सागरिका रथ और कांस्टेबल बलराम हांडा शामिल हैं.

Advertisement

अधिसूचना में कहा गया है, 'जब तक यह आदेश लागू रहेगा, वे भुवनेश्वर-कटक के पुलिस आयुक्त के अनुशासनात्मक नियंत्रण में रहेंगे और ओडिशा सेवा संहिता के नियम 90 के तहत उन्हें भत्ता (एसए) और महंगाई भत्ता (डीए) मिलेगा.'

यह निलंबन आईआईसी दीनाकृष्ण मिश्रा और दो अन्य अधिकारियों को उनके खिलाफ लगाए गए गंभीर आरोपों की निष्पक्ष जांच करने के लिए भरतपुर पुलिस स्टेशन से आयुक्तालय (Commissionerate) पुलिस द्वारा ट्रांसफर किए जाने के बाद किया गया है. आईआईसी मिश्रा को भुवनेश्वर के पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) के कार्यालय में ट्रांसफर किया गया है. इसी तरह, एएसआई सलिलामयी साहू और कांस्टेबल बलराम हांडा को भी क्रमशः डीसीपी कार्यालय और रिजर्व कार्यालय (आरओ), भुवनेश्वर में भेजा गया है.

पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) वाईबी खुरानिया द्वारा घटना की अपराध शाखा को जांच का आदेश दिए जाने के बाद आयुक्तालय पुलिस द्वारा त्वरित कार्रवाई की गई.

Advertisement

क्या है आरोप?
यह विवाद तब शुरू हुआ जब भरतपुर पुलिस स्टेशन में ड्यूटी पर तैनात अधिकारियों ने सेना के एक अधिकारी और उसकी मंगेतर पर कथित तौर पर हमला किया. दंपत्ति रोड रेज की शिकायत दर्ज कराने के लिए स्टेशन गए थे, लेकिन कथित तौर पर उनके साथ मारपीट की गई.

रिपोर्ट के अनुसार, मेजर और उनकी मंगेतर कार में यात्रा कर रहे थे, तभी बदमाशों ने उनका रास्ता रोका और उन्हें परेशान किया. शिकायत दर्ज कराने के लिए भरतपुर पुलिस स्टेशन पहुंचने पर पुलिसकर्मियों ने कथित तौर पर उनके साथ दुर्व्यवहार किया और मारपीट की. आरोप है कि मेजर सिंह को बंद कर दिया गया और जब उनकी मंगेतर ने विरोध किया, तो उसके साथ भी क्रूरता से मारपीट की गई. परेशान करने वाली बात यह है कि भरतपुर पुलिस स्टेशन के आईआईसी ने कथित तौर पर महिला के साथ बलात्कार करने की धमकी दी.

भारतीय सेना ने मामले को गंभीरता से लिया है और घटना की जानकारी मिलने के बाद अधिकारियों ने हस्तक्षेप किया. मेजर को आखिरकार रिहा कर दिया गया और उनकी मंगेतर का सम अस्पताल में मेडिकल टेस्ट कराया गया, जहां रिपोर्ट में मारपीट की पुष्टि हुई थी.

क्राइम ब्रांच ने शुरू की जांच
डीएसपी नरेंद्र कुमार बेहरा के नेतृत्व में क्राइम ब्रांच की पांच सदस्यीय टीम ने घटना की जांच के लिए भरतपुर पुलिस स्टेशन का दौरा किया. टीम ने कथित तौर पर चार घंटे से अधिक समय तक कर्मचारियों से पूछताछ की. हालांकि, जांच में समस्या आई क्योंकि पुलिस स्टेशन में कोई सीसीटीवी कैमरा नहीं लगा था और पूछताछ के दौरान आईआईसी दीनाकृष्ण मिश्रा अनुपस्थित थे.

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement