Nuclear War: वो मौके जब गलती से छिड़ जाता परमाणु युद्ध, तबाह होते-होते बची दुनिया!

इतिहास में ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जिनके चलते दुनिया पर न्यूक्लियर वार (Nuclear War) छिड़ने का संकट पैदा हो चुका है. तो आइए जानते हैं कब-कब आई ऐसी नौबत... 

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सांकेतिक फोटो (Getty) सांकेतिक फोटो (Getty)

aajtak.in

  • नई दिल्ली ,
  • 13 मार्च 2022,
  • अपडेटेड 6:57 PM IST
  • तबाही से बाल-बाल बच गई थी दुनिया
  • रूस-अमेरिका के साथ हुई गलतफहमी

परमाणु युद्ध (Nuclear War) के खतरे से दुनिया वाकिफ है. अगर कभी परमाणु युद्ध छिड़ा तो पूरी मानव प्रजाति संकट में आ सकती है. ऐसे में किसी भी देश द्वारा जानबूझकर न्यूक्लियर वीपन (Nuclear Weapon) के प्रयोग करने की आशंका नहीं दिखाई देती. लेकिन परमाणु युद्ध किसी दुर्घटनावश भी शुरू हो सकता है, ऐसी आशंका बनी रहती है.

पूर्व में ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जिनके चलते न्यूक्लियर वार छिड़ने का संकट पैदा हो चुका है. BBC की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इतिहास में कम से कम 22 मौके ऐसे आए हैं जब दुनिया में न्यूक्लियर वीपन का इस्तेमाल होते-होते बचा. तो आइए जानते हैं कब-कब आई ऐसी नौबत... 

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जब एक भालू की वजह से आ जाती तबाही!

बात 25 अक्टूबर 1962 की आधी रात की है. अमेरिका के Wisconsin में एक ट्रक रनवे पर लड़ाकू विमानों को रोकने के लिए दौड़ रहा था. इससे पहले कि परमाणु हथियार से लैस विमान हवा में उड़ते और दुश्मन पर हमले करते उन्हें ऐन वक्त पर रोक लिया गया. दरअसल, एक गार्ड ने हाई सेंसटिव आर्मी एरिया में एक अजीब से आकृति को देखकर अलर्ट घोषित कर दिया था. उसे लगा कि ये USSR का मिसाइल हमला हो सकता है. लेकिन बाद में पता चला कि आर्मी एरिया में दिखी चीज एक भालू था. इस तरह परमाणु युद्ध होते-होते बच गया. 

दबने ही वाला था न्यूक्लियर बटन!

ऐसा ही एक किस्सा है 1995 का. तब रूसी राष्ट्रपति बोरिस येल्तसिन परमाणु बटन दबाने के लिए बढ़ रहे थे. लेकिन कुछ ही पलों में उन्हें अपनी गलती पता चल गई. असल में उन्हें बताया गया कि नॉर्वे के तट से एक रॉकेट लॉन्च किया गया है, जो हवा में रूस की ओर बढ़ता हुआ दिख रहा है. जवाबी हमले के लिए रूसी राष्ट्रपति फौरन एक्टिव हो गए और परमाणु बटन दबाने पर मंत्रणा होने लगी. लेकिन तभी पता चला कि वो रॉकेट रूस की तरफ नहीं बल्कि समुद्र की ओर जा रहा है और इससे कोई खतरा नहीं है.

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जब कम्यूटर ने दी थी गलत जानकारी 

1980 में अमेरिकी एयर डिफेंस कमांड के निगरानी ऑफिस ने राष्ट्रपति जिमी कार्टर के उप रक्षामंत्री पेरी को बताया कि सोवियत संघ से करीब 200 मिसाइलें सीधे अमेरिका की ओर आ रही हैं. ये खबर सर्विलांस करने वाले कंप्यूटरों के हवाले से दी गई थी. आनन-फानन उप रक्षामंत्री पेरी राष्ट्रपति कार्टर के पास पहुंचे. लेकिन तब तक खबर आई कि कंप्यूटर ने किसी तकनीकी गड़बड़ी के चलते ये जानकारी दी थी. सोचिए अगर कुछ मिनटों की देर होती और गलतफहमी में परमाणु हमला हो जाता, तो क्या होता? 

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