मुंबई अटैक का राजदार मिस्टर 'B'... तहव्वुर राणा से NIA कराएगी आमना-सामना, हेडली की इसी ने की थी खातिरदारी

एनआईए सूत्रों के मुताबिक सितंबर 2006 में जब हेडली भारत आया तो उसे रिसीव करने वाला शख्स 'B' ही था, जिसे तहव्वुर हुसैन राणा ने फोन करके हेडली के लिए सभी जरूरी इंतजाम करने को कहा था. अब NIA की टीम इन 18 दिनों की पूछताछ के दौरान इस महत्वपूर्ण गवाह 'B' से राणा का आमना-सामना करवा सकती है.

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 तहव्वुर हुसैन राणा ने डेविड कोलमैन हेडली से मुंबई में उनक जगहों की रेकी कराई थी, जिन्हें 26/11 आतंकी हमले में पाकिस्तानी आतंकियों ने निशाना बनाया. (Photo: AT Graphics) तहव्वुर हुसैन राणा ने डेविड कोलमैन हेडली से मुंबई में उनक जगहों की रेकी कराई थी, जिन्हें 26/11 आतंकी हमले में पाकिस्तानी आतंकियों ने निशाना बनाया. (Photo: AT Graphics)

हिमांशु मिश्रा / जितेंद्र बहादुर सिंह

  • नई दिल्ली,
  • 12 अप्रैल 2025,
  • अपडेटेड 4:40 PM IST

मुंबई में 26/11 आतंकी हमलों के आरोपी तहव्वुर हुसैन राणा से पूछताछ का दौर जारी है. एनआईए के सूत्रों ने बताया कि जल्द ही राणा का सामना एक महत्वपूर्ण गवाह से करवाया जा सकता है. राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने इस गवाह का नाम 'B' रखा है और इससे जुड़ी जानकारी भी गुप्त रखी गई है. 'B' वही शख्स है जिसने 2006 में मुंबई में डेविड कोलमैन हेडली का स्वागत किया था और उसके ठहरने के अलावा और जरूरी इंतजाम किए थे. 

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एनआईए के सूत्रों के मुताबिक गवाह 'B', तहव्वुर राणा का बेहद करीबी रहा है और उसके पास कई अहम जानकारियां हो सकती हैं. जब 2006 के आसपास मुंबई हमलों की साजिश रची जा रही थी, तब डेविड कोलमैन हेडली पाकिस्तान गया था और वहां लश्कर-ए-तैयबा के नेताओं से मिला था. तब उसके आकाओं ने हेडली को मुंबई की बड़ी जगहों की वीडियोग्राफी करने को कहा था. उससे ऐसी जगहों की रेकी करने को भी कहा गया था, जहां विदेशी नागरिक जुटते हों.

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मिस्टर 'B' ने ही हेडली का मुंबई में किया था स्वागत
 
एनआईए सूत्रों के मुताबिक सितंबर 2006 में जब हेडली भारत आया तो उसे रिसीव करने वाला शख्स 'B' ही था, जिसे तहव्वुर हुसैन राणा ने फोन करके हेडली के लिए सभी जरूरी इंतजाम करने को कहा था. अब NIA की टीम इन 18 दिनों की पूछताछ के दौरान इस महत्वपूर्ण गवाह 'B' से राणा का आमना-सामना करवा सकती है. शुरुआती पूछताछ में जांच एजेंसी को पता चला है कि तहव्वुर राणा पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के चिचबुतनी गांव का रहने वाला है.

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उसके पिता एक स्कूल में प्रिंसिपल थे. तहव्वुर राणा का एक और भाई है. राणा खुद पाकिस्तानी सेना के मेडिकोल कोर में मनोचिकित्सक था और उसका दूसरा भाई पेशे से पत्रकार है. तहव्वुर राणा ने कैडेट कॉलेज हसन अब्दाल से पढ़ाई की थी. यहीं पर उसकी मुलाकात डेविड कोलमैन हेडली से हुई थी. दोनों ने पांच साल इसी कॉलेज में साथ पढ़ाई की थी. राणा पाकिस्तानी सेना से रिटायरमेंट के बाद 1997 में अपनी डॉक्टर पत्नी के साथ कनाडा शिफ्ट हो गया और वहां इमिग्रेशन सर्विस और हलाल मीट का बिजनेस शुरू किया.

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पाकिस्तानी सेना की वर्दी का राणा को बहुत शौक

तहव्वुर हुसैन राणा को पाकिस्तानी सेना की वर्दी का इतना शौक था कि सेना छोड़ने के बाद भी वह अक्सर फौजियों वाले कपड़े पहनकर कुछ लोगों से मिलने जाता था. पूछताछ में सामने आया है कि उसने लश्कर-ए-तैयबा और हरकत-उल-जिहाद-इस्लामी के कैंपों का दौरा भी किया था, वह भी पाकिस्तान आर्मी और ISI के लोगों के साथ वर्दी पहनकर. राणा की भारत विरोधी मानसिकता और आतंकी संगठनों से नजदीकी उसे एक खतरनाक साजिशकर्ता के रूप में सामने लाती है.

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