राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने मंगलवार को दिसंबर 2023 में असम में मिलिट्री स्टेशन पर उल्फा (आई) के हमले के सिलसिले में चार आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दाखिल किया. प्रतिबंधित सैन्य संगठन उल्फा (आई) के दो मोटरसाइकिल सवार कैडरों ने 14 दिसंबर को जोरहाट जिले के लिचुबारी में सैन्य स्टेशन पर ग्रेनेड फेंके थे. यह सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना बनाने की एक बड़ी साजिश का हिस्सा था. ये हमला असम के तिनसुकिया जिले के काकोपाथर में एक सैन्य शिविर पर इसी तरह के हमले के एक महीने से भी कम समय बाद हुआ था. उल्फा (आई) ने 15 दिसंबर 2023 को हमलों की जिम्मेदारी ली थी.
दोनों हमलों की पूरी साजिश, म्यांमार में अंतरराष्ट्रीय सीमा पार से उल्फा (आई) एसएस कैप्टन, अभिजीत गोगोई उर्फ कनक गोगोई उर्फ रुमेल असोम उर्फ ऐचेंग असोम उर्फ ऐशांग असोम, के साथ उल्फा (आई) प्रमुख परेश बरुआ उर्फ परेश असोम ने रची थी. इन हमलों के पीछे एक अन्य प्रमुख साजिशकर्ता की पहचान संगठन के एसएस ब्रिगेडियर, अरुणोदय दोहुतिया उर्फ अरुणोदय असोम के रूप में की गई थी.
NIA की जांच में तीन आरोपियों की गिरफ्तारी हुई थी, जिनकी पहचान बिप्लब बरुआ, बिराज कचारी और अच्युत गोगोई के रूप में हुई थी. तीनों के खिलाफ मंगलवार को आरोप पत्र दाखिल किया गया. साथ ही फरार चल रहे एसएस कैप्टन ऐचेंग चारों के खिलाफ आईपीसी, यूए (पी) ए और विस्फोटक पदार्थ अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत आरोप पत्र दाखिल किया गया. NIA ने काकोपाथर आर्मी कैंप हमले से जुड़े मामले को असम पुलिस से अपने पास ले लिया था. इस मामले में पहले छह आरोपियों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया गया था.
कमलजीत संधू