नवाब मलिक की गिफ्तारी ने महाराष्ट्र की राजनीति में बड़ा सियासी भूचाल ला दिया है. जिस महा विकास अघाड़ी की डगर पहले से ही चुनौतियों के बीच से गुजर रही है, मलिक की गिरफ्तारी ने एक बार फिर बड़ा संकट खड़ा कर दिया है. लेकिन इस बड़े सियासी संकट के बीच बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने फिर 'खेला' कर दिया है. उनकी तरफ से एक इस गिरफ्तारी के बाद एक बार फिर तीसरे फ्रंट का मोर्चा खोल दिया गया है.
मलिक की गिरफ्तारी, ममता का ऑफर
ममता बनर्जी ने एनसीपी प्रमुख शरद पवार से बात की है. उस बातचीत में उन्होंने एक बार फिर एक एकजुट विपक्ष की बात की है. उन्होंने बोला है कि बीजेपी का सामना करने के लिए एक एकजुट विपक्ष बनाने की जरूरत है. अब ममता के इस बयान के मायने इसलिए ज्यादा बढ़ जाते हैं क्योंकि वे पहले भी शरद पवार के सामने थर्ड फ्रंट का ऑफर लेकर जा चुकी हैं. ये अलग बात है कि तब पवार ने साफ कर दिया था कि बिना कांग्रेस कोई फ्रंट खड़ा नहीं हो सकता. लेकिन अब क्योंकि नवाब मलिक की गिरफ्तारी हो गई है और पूरी एनसीपी फिर बीजेपी को निशाने पर ले रही है, ऐसे में इस मौके पर ममता ने फिर 2024 के चुनाव की तैयारी पर जोर दिया है.
वैसे ममता ने शरद पवार से जो बात की है उसमें उन्होंने United Opposition की बात बोली है. उनके पुराने बयान बताते हैं कि वे United Opposition में कांग्रेस को साथ नहीं देखती है. वे हमेशा बिना कांग्रेस के बीजेपी के खिलाफ एकजुट विपक्ष बनाना चाहती हैं. वे अपने एक बयान के जरिए तो यूपीए के अस्तित्व पर भी सवाल खड़ा कर चुकी हैं. वे तीसरे फ्रंट को लेकर कितनी गंभीर है, इसे इसी बात से समझा जा सकता है कि वे गैर बीजेपी शाषित राज्यों के मुख्यमंत्रियो का सम्मेलन करवाना चाहती हैं. उन्होंने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री स्टालिन से भी बात कर रखी है, तेलंगाना सीएम के चंद्रशेखर राव से भी बात हुई है.
के चंद्रशेखर राव ने भी खोला मोर्चा
ऐसे में उनका पूरा प्रयास है कि अब बिना कांग्रेस के मजबूत विपक्ष खड़ा किया जाए. हाल ही में इसी पहल को आगे बढ़ाते हुए के चंद्रशेखर राव ने भी शरद पवार और उद्धव ठाकरे से मुलाकात की थी. उन्होंने कहा था कि आज चीजों को बदलने की जरूरत है, हम इस पर सहमत हैं. इसके लिए हम सभी समान विचारधारा वाले दलों से बात करेंगे. महाराष्ट्र से शुरू हुए हर मूवमेंट को कामयाबी मिली है. हम अन्याय के खिलाफ लड़ना चाहते हैं.
अब ममता ने पहल की, चंद्रशेखर ने मुहिम को आगे बढ़ाया लेकिन शरद पवार ने अपने पत्ते नहीं खोले हैं. किसान आंदोलन के दौरान उन्होंने संकेत जरूर दिए थे, लेकिन क्योंकि महाराष्ट्र में कांग्रेस संग गठबंधन चल रहा है, ऐसे में वे कुछ भी खुलकर बोलने से बच रहे हैं और इसी वजह से अभी 'तीसरे फ्रंट' की मुहिम धीमी नजर आ रही है.
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