कोरोना संकट के बीच केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के एक अनोखे प्रयास के तहत उसके करीब 80 हजार कर्मियों ने मौत के बाद अपने अंग दान करने का फैसला लिया है. इस पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने कहा कि अंगदान अभियान से मैं 25 वर्षों से जुड़ा हुआ हूं, लेकिन यह पहला अवसर है जब एक दिन, एक साथ 79,572 लोगों ने अपने अंगदान का संकल्प पत्र भरा हो. सीआरपीएफ के जवानों का यह कृत्य अनुकरणीय और प्रेरणादायक है.
केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) ने अंगदान को प्रोत्साहित करने के लिए चलाए गए अभियान 'ई-संजीवनी' के तहत ORBO और दिल्ली के AIIMS के साथ बड़ी संख्या में अंगदान करने का फैसला लिया. 'ई-संजीवनी' के तहत अंगदान के लिए अभियान स्वतंत्रता दिवस की पूर्वसंध्या पर शुरू किया गया था जिसका समापन इंडियन ऑर्गन्स डोनेशन डे के अवसर पर आज शुक्रवार को हुआ.
इस दौरान अभियान के तहत 79,572 सीआरपीएफ कर्मियों और उनके परिवार के सदस्यों ने अंगदान को लेकर शपथ ली है.
केंद्रीय स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने वेबिनार के जरिए इस प्रयास की सराहना की. स्वास्थ्य मंत्री ने सीआरपीएफ, ओआरबीओ और एम्स दिल्ली के प्रयासों की सराहना की जिनकी वजह से बेहद कम समय में अंगदान की संख्या में इतनी बड़ी वृद्धि हुई.
उन्होंने कहा, 'अनुकरणीय पहल!, अंगदान अभियान से मैं 25 वर्षों से जुड़ा हुआ हूं. इस दौरान मैं इससे जुड़े कई कार्यक्रमों में भी शामिल हुआ, लेकिन यह पहला अवसर है जब एक दिन, एक साथ 79,572 लोगों ने अपने अंगदान का संकल्प पत्र भरा हो. सीआरपीएफ के जवानों का यह कृत्य अनुकरणीय व प्रेरणादायक है.
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डॉक्टर हर्षवर्धन ने इस प्रयास को देश के लिए प्रेरणादायक करार दिया. उन्होंने इस तथ्य की भी सराहना की कि सुरक्षा बल ने देश की आंतरिक सुरक्षा चुनौतियों से निपटने में अपनी बहुमुखी भूमिका के इतर मौत के बाद भी देश की सेवा करने का संकल्प लिया है, बल्कि आम नागरिकों को अंगदान के महान कार्य में शामिल होने के लिए प्रेरित भी कर रहा है. उन्होंने कहा कि मानवीय संवेदनाएं हर क्षण हमारे जीवन का अंग होनी चाहिए. अंगदान करके आप न केवल एक और जीवन जीते हैं, बल्कि आप पूरी मानवता को जीवन और एक उम्मीद भी प्रदान करते हैं.
एम्स के निदेशक डॉ (प्रो) रणदीप गुलेरिया ने भी सीआरपीएफ और ओआरबीओ को उनके प्रयासों के लिए बधाई दी और उम्मीद जताई कि अब वो दिन भी आएगा जब देश में अंगों की मांग और दान में कोई अंतर नहीं होगा.
जितेंद्र बहादुर सिंह