राजनीति में आने को तैयार बैठे हैं हमारे युवा, सही मार्गदर्शन की तलाश, 'मन की बात' में बोले PM मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "असम में तिनसुकिया जिले के छोटे से गांव बारेकुरी में, मोरान समुदाय के लोग रहते हैं और इसी गांव में रहते हैं 'हूलॉक गिबन', जिन्हें यहां 'होलो बंदर' कहा जाता है. हूलॉक गिबन्स ने इस गांव में ही अपना बसेरा बना लिया है. आपको जानकर आश्चर्य होगा कि इस गांव के लोगों का हूलॉक गिबन के साथ बहुत गहरा संबंध है."

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (फाइल फोटो)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 25 अगस्त 2024,
  • अपडेटेड 11:47 AM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' के 113वें एपिसोड को संबोधित किया. उन्होंने देश को संबोधित करते हुए कहा, "23 अगस्त को राष्ट्र ने पहला राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस मनाया, जिसमें चंद्रयान-3 की सफलता का जश्न मनाया गया. पिछले साल इसी दिन चंद्रयान-3 ने चंद्रमा के दक्षिणी हिस्से शिव-शक्ति बिंदु पर सफल लैंडिंग की थी."

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उन्होंने आगे कहा कि इस साल मैंने लाल किले से बिना राजनीतिक बैकग्राउंड वाले एक लाख युवाओं को पॉलिटिकल सिस्टम से जोड़ने का आह्वाहन किया है. मेरी इस बात पर जबरदस्त प्रतिक्रिया हुई है. इससे पता चलता है कि कितनी बड़ी संख्या में हमारे युवा, राजनीति में आने को तैयार बैठे हैं. बस उन्हें सही मौके और सही मार्गदर्शन की तलाश है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, "असम में तिनसुकिया जिले के छोटे से गांव बारेकुरी में, मोरान समुदाय के लोग रहते हैं और इसी गांव में रहते हैं 'हूलॉक गिबन', जिन्हें यहां 'होलो बंदर' कहा जाता है. हूलॉक गिबन्स ने इस गांव में ही अपना बसेरा बना लिया है. आपको जानकर आश्चर्य होगा कि इस गांव के लोगों का हूलॉक गिबन के साथ बहुत गहरा संबंध है."

उन्होंने आगे कहा कि गांव के लोग आज भी अपने पारंपरिक मूल्यों का पालन करते हैं. इसलिए उन्होंने वो सारे काम किए, जिससे गिबन्स के साथ उनके रिश्ते और मजबूत हों.

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'अरुणाचल प्रदेश के युवा साथी भी किसी से पीछे नहीं...'

पीएम मोदी ने आगे कहा, "पशुओं के प्रति प्रेम में हमारे अरुणाचल प्रदेश के युवा साथी भी किसी से पीछे नहीं हैं. अरुणाचल में हमारे कुछ युवा-साथियों ने 3-D प्रिंटिंग टेक्नोलॉजी का उपयोग करना शुरू किया है- जानते हैं क्यों? क्योंकि वो, वन्य जीवों को सींगों और दांतों के लिए शिकार होने से बचाना चाहते हैं. नाबम बापू और लिखा नाना के नेतृत्व में ये टीम जानवरों के अलग-अलग हिस्सों की 3-D प्रिंटिंग करती है.

मध्य-प्रदेश के झाबुआ में कुछ ऐसा शानदार हो रहा है, जिसे आपको जरूर जानना चाहिए. वहां पर हमारे सफाई-कर्मी भाई-बहनों ने कमाल कर दिया है. इन भाई-बहनों ने हमें 'Waste to Wealth' का संदेश सच्चाई में बदलकर दिखाया है. इस टीम ने झाबुआ के एक पार्क में कचरे से अद्भुत आर्ट वर्क्स तैयार किया है.

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