नमाजी को पुलिसकर्मी ने मारी थी लात, अब तीस हजारी कोर्ट ने DCP से मांगी विस्तृत रिपोर्ट

उत्तरी दिल्ली के इंदरलोक में सड़क पर नमाज पढ़ने के दौरान नमाजी को कथित रूप से लात मारने का एक वीडियो वायरल हुआ था. इस मामले में तीस हजारी कोर्ट ने संबंधित जिले के DCP से घटना पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है. तीस हजारी कोर्ट में मामले की अगली सुनवाई 1 मई को होगी. 

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इंद्रलोक में हुई घटना के बाद आरोपी पुलिसकर्मी को किया गया था सस्पेंड. इंद्रलोक में हुई घटना के बाद आरोपी पुलिसकर्मी को किया गया था सस्पेंड.

संजय शर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 16 मार्च 2024,
  • अपडेटेड 11:32 PM IST

दिल्ली के इंद्रलोक में सड़क पर जुमे की नमाज पढ़ रहे एक शख्स को लात मारने वाले पुलिसकर्मी का वीडियो वायरल हुआ था. सोशल मीडिया पर विरोध और व्यापक आक्रोश के बाद 8 मार्च को एसआई को निलंबित कर दिया गया था. फिलहाल, घटना की जांच चल रही है. अब इस मामले में तीस हजारी कोर्ट ने संबंधित जिले के DCP से घटना पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है. 

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तीस हजारी कोर्ट में इस मामले की अगली सुनवाई 1 मई को होगी. बताते चलें कि यह घटना 8 मार्च को हुई थी. पुलिसकर्मी की इस हरकत के बाद मौके पर मौजूद कुछ लोग भड़क गए और हंगामा शुरू हो गया. मौके पर मौजूद लोगों ने पुलिसकर्मी को घेर लिया और उसके खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी. घटना के विरोध में स्थानीय लोगों ने इंद्रलोक मेट्रो स्टेशन के पास की सड़क जाम कर दी थी. कानून-व्यवस्था की स्थिति के मद्देनजर तुरंत वहां सुरक्षा बढ़ा दी गई थी. 

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आरोपी पुलिसकर्मी को कर दिया गया था निलंबित 

घटना के बाद डीसीपी नॉर्थ मनोज मीणा ने कहा था कि मामले की गंभीरता से जांच की जा रही है. उन्होंने यह भी कहा था कि आरोपी पुलिसकर्मी को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया गया है. आरोपी पुलिसकर्मी के खिलाफ कुछ और भी सख्त कदम उठाए जाएंगे. लोगों से अपील है कि शांति बनाए रखें. 

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मौलाना महमूद असद मदनी ने लिखा था गृहमंत्री को पत्र 

जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष मौलाना महमूद असद मदनी ने कहा कि ऐसी घटनाओं से वैश्विक स्तर पर देश की छवि खराब होगी. पुलिसकर्मी के रवैये से पता चलता है कि वो इस्लामोफोबिया से ग्रसित है और सांप्रदायिक शक्तियों की सोच से प्रभावित है. इसलिए वैचारिक सुधार के साथ उसको अपने काम के प्रति जिम्मेदार होने का प्रशिक्षण दिया जाना जरूरी है. मौलाना मदनी ने लेटर में गृह मंत्री को लिखा था कि ऐसी घटनाएं, जिनमें कानून का पालन कराने वाले लोग 'अपराधी' की भूमिका निभाते हैं, प्रभावित समुदाय पर दीर्घकालिक नकारात्मक प्रभाव डालते हैं. 

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