प्रिडेटर ड्रोन से मिल रही थी फीड, मुख्यालय में कमांडो एक्शन Live देख रहे थे नेवी अफसर, शिप में घुसे मार्कोस तो...

भारतीय नौसेना के विशिष्ट समुद्री कमांडो ‘मार्कोस’ ने सोमालिया के करीब अदन की खाड़ी में लाइबेरिया के ध्वज वाले कमर्शियल जहाज के अपहरण के प्रयास पर कार्रवाई करते हुए हुए शुक्रवार को 15 भारतीयों सहित चालक दल के सभी 21 सदस्यों को बचा लिया है.

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 मार्कोस कमांडो ने लीला नॉरफ़ॉक के चालक दल को बचाया (फाइल फोटो) मार्कोस कमांडो ने लीला नॉरफ़ॉक के चालक दल को बचाया (फाइल फोटो)

मंजीत नेगी

  • नई दिल्ली,
  • 06 जनवरी 2024,
  • अपडेटेड 11:20 AM IST

भारतीय नौसेना के विशिष्ट समुद्री कमांडो ‘मार्कोस’की मदद से अरब सागर में सोमालिया के तट के पास हाईजैक हुए कार्गो जहाज 'एमवी लीला नॉरफॉक' (MV Lila Norfolk) से 15 भारतीयों समेत सभी 21 क्रू मेंबर्स को सुरक्षित निकाल लिया गया है. इस जहाज को पांच-छह हथियारबंद लोगों ने अपहरण करने की कोशिश की थी.

वीडियो आया सामने

अदन की खाड़ी में हुए इस ऑपरेशन का एक वीडियो भी सामने आया है जिसमें भारतीय नौसेना के मरीन कमांडो मालवाहक जहाज़ पर ऑपरेशन के लिए घुसते हुए नजर आ रहे हैं. दरअसल समुद्री सुरक्षा की निगरानी के लिए काम करने वाले संगठन UKMTO संगठन ने ही भारत को अगवा किए गए जहाज की खबर दी थी. चालक दल की ओर से भेजे गए संदेश में बताया गया कि जहाज़ पर पांच से छह हथियारबंद लोग चढ़ गए हैं. जिसके भारतीय नौसेना फौरन हरकत में आई. आईएनएस चेन्नई को सोमालिया के क़रीब फंसे इस जहाज़ के पास भेजा गया.

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सबसे पहले भारतीय नौसेना एक मैरिटाइम पैट्रोलिंग एयरक्राफ्ट P8I को जहाज की तरफ रवाना किया और फिर मर्चेंट वेसल की सुरक्षा के लिए INS चेन्नई को भी भेजा गया. भारतीय नौसेना ने अपहरण करने वाले समुद्री डाकुओं को कड़ी चेतावनी दी थी. इसके बाद वह नौसेना कंमाडो के पहुंचने से पहले भी जहाज को छोड़कर भाग गए. 

जब राजनाथ सिंह ने दी थी ये वॉर्निंग

अरब सागर में हो रही डकैती की घटनाओं को लेकर कुछ दिन पहले ही रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने समुद्री डकैतों को चेतावनी देते हुए कहा था कि जिन्होंने भारत के खिलाफ कार्रवाई की है, उन्हें हम समुद्र तल से भी ढूंढ निकालेंगे... सख्त कार्रवाई की जाएगी. अब रक्षा मंत्री की 10 दिन पहले दी गई चेतावनी को दुनिया ने हकीकत में बदले देखा और समंदर के लुटेरों को चेता दिया कि अगर छेड़ा तो छोड़ेंगे नहीं.

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ऑपरेशन को लाइव मॉनीटर कर रही थी नौसेना

गौर करने वाली बात ये है कि नौसेना लाइव फीड के जरिए मार्कोस कंमाडो के इस रेस्क्यू ऑपरेशन की निगरानी कर रही थी. भारतीय नौसेना के अधिकारी नौसेना मुख्यालय में फोर्स के एमक्यू-9बी प्रीडेटर ड्रोन द्वारा भेजी गई फ़ीड का उपयोग करके लाइव ऑपरेशन देख रहे थे. समुद्री डकैती की घटना की सूचना मिलने के तुरंत बाद, ड्रोन को जहाज पर नजर रखने और संबंधित अधिकारियों को रियल टाइम की जानकारी प्रदान करने का निर्देश दिया गया था.

ये जहाज ब्राजील के पोर्टो डू एकू से बहरीन के खलीफा बिन सलमान पोर्ट जा रहा था. 17 हजार किलो मीटर की दूरी तय करके इस जहाज को 11 जनवरी को बहरीन पहुंचना था लेकिन 4 जनवरी को सोमालिया के लुटेरों ने इसे हाईजैक कर लिया. भारतीय सेना के ऑपरेशन के बाद लुटेरे भाग खड़े हुए और सभी 21 क्रू मैम्बर्स को बचा लिया गया, जिसमें 15 भारतीय शामिल हैं .

नौसेना के प्रवक्ता कमांडर विवेक मधवाल ने कहा, ‘जहाज पर सवार 15 भारतीयों सहित चालक दल के सभी 21 सदस्यों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया गया है. मार्कोस कमांडो ने जहाज की जांच की और वहां अपहर्ताओं के नहीं होने की पुष्टि की. समुद्री डाकुओं ने भारतीय नौसेना के युद्धपोत के पहुंचने और गश्ती विमान की सख्त चेतावनी के बाद छोड़ दी.’

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अरब सागर में लगातार बढ़ रही हैं ऐसी घटनाएं

आपको बता दें कि अरब और लाल सागर में इन दिनों मर्चेंट वेसल पर हमले की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं.  इससे पहले 14 दिसंबर को भी समुद्री लुटेरों ने माल्टा के एक जहाज को हाईजैक कर लिया था. इसके बाद नौसेना ने अपने एक युद्धपोत को अदन की खाड़ी में हाइजैक हुए जहाज MV रुएन की मदद के लिए भेजा था. जहाज को 6 लोगों ने अगवा किया था. भारतीय नौसेना ने माल्टा के जहाज से एक नाविक को रेस्क्यू किया था. इससे पहले पिछले साल 19 नवंबर को टर्की से भारत आ रहे कार्गो शिप गैलेक्सी लीडर को अगवा कर लिया गया था. हूती विद्रोहियो को शक था कि ये इजरायल का जहाज है, जिसके चलते उन्होंने हमला किया... शुरुआत में हूती विद्रोहियों ने इजरायली जहाजों को निशाना बनाया लेकिन बाद में उनकी तरफ से लाल सागर से जाने वाले जहाजों को निशाना बनाना शुरू कर दिया गया.

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