फिर अयोग्य घोषित हुए मोहम्मद फैजल, वो चार तारीखें... जब आई-गई लोकसभा की सदस्यता

लक्षद्वीप के NCP नेता मोहम्मद फैजल की फिर लोकसभा सदस्यता रद्द कर दी गई है. इससे पहले मंगलवार को केरल हाईकोर्ट से फैजल को हत्या के प्रयास के एक मामले में बड़ा झटका लगा था. HC ने मोहम्मद फैजल की दोषसिद्धि और सजा को सस्पेंड करने से इनकार कर दिया था. उसके बाद बुधवार को लोकसभा ने अयोग्यता का नोटिफिकेशन जारी कर दिया.

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NCP नेता मोहम्मद फैजल (फाइल फोटो) NCP नेता मोहम्मद फैजल (फाइल फोटो)

संजय शर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 05 अक्टूबर 2023,
  • अपडेटेड 9:31 AM IST

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) नेता मोहम्मद फैजल पीपी की एक बार फिर लोकसभा सदस्यता चली गई है. फैजल लक्षद्वीप से सांसद थे. ऐसा पहली बार है जब कोई सांसद एक साल में दो बार अयोग्य घोषित हुआ. बुधवार को लोकसभा सचिवालय ने सदस्यता रद्द करने की अधिसूचना जारी कर दी है. जिस केरल हाईकोर्ट ने पहले फैजल की सजा निरस्त की थी, इस बार उसने ऐसा करने से इंकार कर दिया है. फैजल को हत्या की कोशिश के मामले में सजा सुनाई गई थी. दो दिन पहले केरल HC ने सजा को सस्पेंड करने की याचिका खारिज कर दी है.

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लोकसभा सचिवालय ने बुलेटिन में कहा, 'केरल हाईकोर्ट के 3 अक्टूबर 2023 के आदेश के मद्देनजर केंद्र शासित प्रदेश लक्षद्वीप से सांसद मोहम्मद फैजल पी.पी. को उनकी दोषसिद्धि की तारीख 11 जनवरी 2023 से लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित किया जाता है. बता दें कि यह दूसरी बार है जब फैजल को लोकसभा सदस्य के रूप में अयोग्य घोषित किया गया है.

पहले 25 जनवरी को सस्पेंड हुए थे फैजल

इससे पहले फैजल को 25 जनवरी 2023 को लोकसभा सदस्य के रूप में अयोग्य घोषित किया गया था. दरअसल, कावारत्ती की एक सेशन कोर्ट ने फैजल और तीन अन्य को पी सलीह की हत्या की कोशिश के आरोप में दोषी ठहराया था और चारों को 10 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई थी. इसके बाद लोकसभा ने उनकी सदस्यता रद्द कर दी थी. हालांकि, बाद में केरल हाई कोर्ट ने फैजल की दोषसिद्धि और सजा को सस्पेंड कर दिया था. ऐसे में 29 मार्च को लोकसभा ने फैजल की सदस्यता बहाल कर दी थी.

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'सुप्रीम कोर्ट ने पलट दिया था केरल HC का फैसला'

उसके बाद अगस्त में यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा. SC ने केरल हाईकोर्ट के आदेश को पलट दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने 22 अगस्त को केरल HC के फैसले को 'गलत' करार दिया था और फैजल की सजा को निलंबित करने वाले फैसले को रद्द कर दिया था. सुप्रीम कोर्ट ने हत्या के प्रयास मामले में सजा बहाल कर दी थी. शीर्ष अदालत ने लोकसभा सदस्य के रूप में फैजल के स्टेटस को तीन सप्ताह के लिए अस्थायी रूप से सुरक्षित रखा था. ऐसे में फैजल के लोकसभा से फिर अयोग्य होने की तलवार लटक गई थी. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को वापस केरल हाई कोर्ट भेज दिया था और इस अवधि के भीतर फैजल के दोषसिद्धि पर रोक लगाने की मांग पर नए सिरे से निर्णय लेने को कहा था.

'लक्षद्वीप में नहीं होंगे उपचुनाव'

हाल ही में केरल हाईकोर्ट से भी फैजल को झटका लगा और उनकी याचिका खारिज कर दिया गया. ऐसे में तीन अक्टूबर को लोकसभा सचिवालय ने अयोग्यता का नोटिफिकेशन जारी कर दिया. बताते चलें कि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार, लक्षद्वीप संसदीय सीट पर उपचुनाव नहीं होगा. क्योंकि वर्तमान लोकसभा के कार्यकाल में एक वर्ष से भी कम समय बचा है. लोकसभा में अब पांच सीटें खाली हो गई हैं.

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मोहम्मद फैजल केस में 4 महत्वपूर्ण तारीखें....

- लक्षद्वीप की सेशन कोर्ट ने 11 जनवरी को सजा सुनाई.
- लोकसभा ने 13 जनवरी को संसद से अयोग्य घोषित किया.
- केरल हाईकोर्ट के फैसले के बाद 29 मार्च को लोकसभा ने संसद सदस्यता बहाल की.
- SC के आदेश पर केरल HC ने सजा पर फिर विचार किया और याचिका खारिज की. अगले दिन यानी 4 अक्टूबर को लोकसभा ने एक बार फिर संसद सदस्यता रद्द कर दी.

'राहुल गांधी की सदस्यता गई, तब चर्चा में थे फैजल'

फैजल की लोकसभा से सदस्यता रद्द होने का मामला तब और सुर्खियों में आया था, जब कांग्रेस नेता राहुल गांधी को भी मानहानि के केस में सजा सुनाई गई थी और संसद सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया गया था. राहुल 2019 के लोकसभा चुनाव में केरल के वायनाड से चुनाव जीते थे. मोदी सरनेम मामले में राहुल को 23 मार्च को सूरत की निचली अदालत ने 2 साल की सजा सुनाई थी. इसके अगले दिन यानी 24 मार्च को उनकी संसद सदस्यता रद्द हो गई थी. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट से राहत मिलने पर राहुल की 137 दिन बाद संसद सदस्यता बहाल हो गई थी.

मोहम्मद फैजल के मामले में अब तक क्या क्या हुआ...

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- लक्षद्वीप के कावारत्ती की सेशन कोर्ट ने मोहम्मद फैजल पीपी को हत्या के प्रयास में दोषी करार दिया था और 11 जनवरी को 10 साल की सजा सुनाई थी. जिसके बाद उन्हें केरल के कन्नूर सेंट्रल जेल भेजा गया था. उसके बाद जनप्रतिनिधि कानून के तहत लोकसभा सचिवालय की ओर से 13 जनवरी को सदस्यता रद्द कर दी गई. 18 जनवरी को चुनाव आयोग ने भी इस सीट पर उपचुनाव का ऐलान कर दिया था. 
- फैजल ने 12 जनवरी को निचली अदालत के फैसले को केरल हाईकोर्ट में चुनौती दी. 25 जनवरी को हाईकोर्ट ने निचली अदालत का कनविक्शन रद्द कर दिया था. HC के फैसले के बाद उपचुनाव भी रद्द किया गया. लोकसभा सचिवालय ने भी 29 मार्च को फैजल की सदस्यता को बहाल कर दिया था.
- बाद में यह मामला सुप्रीम कोर्ट आया और SC ने 22 अगस्त को केरल हाईकोर्ट का फैसला गलत बता दिया. फिर 4 अक्टूबर को सदस्यता रद्द करने की अधिसूचना जारी की गई. 
- दरअसल, जनप्रतिनिधि कानून में प्रावधान है कि अगर सांसद और विधायक को किसी मामले में 2 साल या उससे ज्यादा की सजा होती है तो उनकी सदस्यता (संसद और विधानसभा से) रद्द हो जाती है. इसी कानून के तहत सूरत कोर्ट से मानहानि के मामले में दोषी पाए जाने के बाद राहुल गांधी की भी सदस्यता रद्द कर दी गई थी.

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पहले फैजल, फिर राहुल की सदस्यता हुई थी बहाल

लोकसभा सचिवालय ने मार्च के आखिरी सप्ताह में मोहम्मद फैजल की संसद सदस्यता बहाल की थी. उसके बाद 7 अगस्त को कांग्रेस नेता राहुल गांधी की संसद सदस्यता बहाल की गई थी. राहुल ने गुजरात की सेशन कोर्ट और हाई कोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, जिसके बाद SC ने राहुल को बड़ी राहत दी थी.
 
क्या है मामला 

बताया जाता है कि मोहम्मद फैजल पर पूर्व केंद्रीय मंत्री पीएम सईद के दामाद कांग्रेस नेता मोहम्मद सालिया पर हमले का आरोप था. आरोप था कि मोहम्मद सालिया पर भीड़ ने हमला कर मारपीट की थी जिसमें वे गंभीर रूप से घायल हो गए थे. मोहम्मद फैजल पर भीड़ का नेतृत्व करने का आरोप था. मोहम्मद सालिया का कई महीने उपचार चला था. इस मामले 32 लोगों को आरोपी बनाया गया था जिसमें से चार को दोषी करार दिया गया था. इनमें मोहम्मद फैजल भी थे.

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